उष्णकटिबंधीय औषधि, आदिम जाति एवं सामाजिक विकास से संबंधित विशेष संस्थानों की स्थापना की आवश्यकता

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राज्य योजना आयोग के उपाध्यक्ष श्री अजय सिंह की अध्यक्षता में वर्चुवल कार्यशाला का आयोजन

रायपुर, 04 नवम्बर 2020/ राज्य योजना आयोग के उपाध्यक्ष श्री अजय सिंह की अध्यक्षता में मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल की मंशा के अनुरूप राज्य के शैक्षणिक संस्थानों से हुए समझौते को क्रियान्वयन के संबंध में वर्चुवल कार्यशाला का आयोजन किया गया। जिसमें मुख्यमंत्री के सलाहकार श्री प्रदीप शर्मा, राज्य योजना आयोग के सदस्य डॉ. के. सुब्रमणियम तथा सदस्य सचिव श्री अनुप श्रीवास्तव शामिल हुए।

  कार्यशाला में विश्वविद्यालयों के कुलपतियों ने उष्णकटिबंधीय औषधि, आदिम जाति एवं सामाजिक विकास से संबंधित विशेष संस्थानों की स्थापना की आवश्यकता जताई। उन्हांेने एक सार्वजनिक पुस्तकालय एवं प्रयोगशाला के निर्माण पर भी जोर दिया जिसे शैक्षिक संस्थाएॅं एवं शासकीय विभाग दोनों ही उपयोग कर सके। कार्यशाला का मुख्य उद्देश्य राज्य के समावेशी विकास एवं प्रस्तुत चुनौतियों का सामना करने में शासकीय विभागों एवं अकादमिक संस्थाओं के बीच समन्वय स्थापित करना है। इस अभिनव पहल की सभी ने सराहना कि जिसमें शैक्षणिक संस्थाओं एवं शासकीय विभागों को एक मंच पर लाने का प्रयास किया गया है। 

उपस्थित संस्था प्रमुखों ने राज्य योजना आयोग से विभागों एवं शिक्षण संस्थाओं के बीच सेतु का कार्य करने का अनुरोध किया साथ ही मल्टी डिसीप्लिनरी एवं इंटर सेक्टोरल शोध की आवश्यकताओं पर विशेष बल दिया गया। राज्य योजना आयोग में एक ऑन लाईन शोध कोष की स्थापना के लिये सहमति जताई गई। इस कार्यक्रम को सफल बनाने के राज्य के शैक्षणिक संस्थाओं मे कार्यरत् प्राध्यपकों एवं छात्रों को शामिल करने का आश्वासन भी दिया गया। संस्थाओं को राज्य योजना आयोग के साथ सतत् संपर्क रहे इस हेतु विश्वविद्यालय, संस्थान में एक प्रकोष्ठ की स्थापना करें जिसमें एक वरिष्ठ प्राध्यापक अथवा प्रशासनिक अधिकारी नामित हो।  इसके साथ ही सभी संस्थाओं ने प्रतिमाह योजना अनुश्रवण एवं मूल्यांकन के लिये विशेष चर्चा या कार्यशाला के आयोजन पर भी सुझाव दिया, साथ ही गरीबी उन्मूलन एवं अन्य सामाजिक, आर्थिक चुनौती पर कार्य करने हेतु विशेष प्रकोष्ठ की स्थापना पर भी चर्चा हुई। राज्य योजना आयोग ने सभी संस्थाओं से शोध प्रस्ताव आमंत्रित किया है जिससे इस कार्यक्रम को आगे बढ़ाया जा सके।

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