सन चौंसठ के बाद पड़ा सूखा,किसानों को चिंता मवेशियों को क्या खिलाएँ : सूखा प्रभावित क्षेत्रों में पहुँचे केंद्रीय सर्वे टीम से किसानो ने बयां किया अपना दर्द

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JOGI EXPRESS

राजनांदगांव 1964 के बाद ऐसा सूखा पहली बार पड़ा है। फसल पूरी तरह सूखी हैए हमें यह चिंता है कि मवेशियों को क्या खिलाएँ। सूखा प्रभावित क्षेत्रों का सर्वे करने केंद्र सरकार से आई टीम जहाँ भी पहुँची, वहाँ किसानों ने सूखे को लेकर अपनी तकलीफ  बयान की। किसानों ने बताया कि गाँव में पेयजल स्तर भी तेजी से घट रहा है और आशंका है कि फरवरी माह के बाद से पानी की समस्या विकराल रूप ले लेगी। किसानों ने बताया कि वर्षा कम होने और अनियमित होने की वजह से उम्मीद जितनी भी फसल नहीं आ पाई और खेत सूखे रह गए। टीम ने छुरिया, डोंगरगांव, राजनांदगांव, डोंगरगढ़ तथा खैरागढ़ ब्लाक के गाँवों का दौरा किया। उन्होंने खेतों में फसल की स्थिति देखी। अधिकारियों ने बताया कि नजरी आकलन से भी काफी कम फसल आई। बजरंगपुर में एक किसान के खेत में फसल कटाई प्रयोग के बारे में अधिकारियों ने बताया कि यहाँ मात्र 1.7 क्विंटल प्रति हेक्टेयर फसल आई। केंद्रीय दल में नीति आयोग के उप सलाहकार श्री मानस चौधरी एवं श्री जीआर जरगरए सीनियर कंसल्टेंट, पेयजल संसाधन मंत्रालय तथा एफसीआई के डीजीएम श्री सुभाष कुमार शामिल थे।
आयोग के सदस्यों को कलेक्टर श्री भीम सिंह ने जिले में सूखे की स्थिति के संबंध में अवगत कराया। उन्होंने बताया कि जिले में एक लाख 78 हजार किसान प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना से जुड़े हैं। फसल कटाई प्रयोग के पश्चात मई महीने में किसानों को बीमा का लाभ मिल सकेगा। उन्होंने बताया कि हर गाँव में मनरेगा योजना के अंतर्गत काम आरंभ करने के निर्देश जनपद सीईओ को दिए गए हैं। सभी सीईओ को कहा गया है कि पाँच बड़े काम एवं 15 छोटे काम स्वीकृत रखें ताकि ग्रामीण क्षेत्र में काम में किसी तरह की दिक्कत न हो। जिले की हर तहसील में 20 हेक्टेयर जमीन नैपियर घास के लिए चिन्हांकित की गई है। उन्होंने ग्रामीणों को आश्वस्त किया कि गर्मी में पेयजल की समस्या नहीं होने दी जाएगी। इस संबंध में कार्ययोजना तैयार कर ली गई है। केंद्रीय दल ने सिंचाई स्रोतों की उपलब्धता के संबंध में भी जानकारी ली। अधिकारियों ने बताया कि जलाशयों में भी पानी का स्तर काफी कम हो गया है। इसे निस्तारी के लिए रखा गया है। केंद्रीय दल ने मासूल जलाशय का निरीक्षण किया। जलाशय में पानी डेड स्टोरेज से थोड़ा ही ऊपर है। इस दौरान संचालक आयुक्त भू-अभिलेख श्री रमेश शर्मा, अपर कलेक्टर श्री जे.के. धु्रव एवं संयुक्त कलेक्टर सुश्री रेणुका श्रीवास्तव भी उपस्थित थीं। सिंचाई विभाग के अधिकारियों ने बताया कि जहाँ संभव है वहाँ जलाशयों के पानी का उपयोग निस्तारी तालाबों के भरने के लिए भी किया जाएगा।
3 मीटर तक गिर गया भूजलस्तर –
पीएचई विभाग के अधिकारियों ने बताया कि अभी हैंडपंपों में पानी आ रहा है लेकिन भूजलस्तर तेजी से गिर रहा है और पूरे जिले में तीन मीटर तक भूजलस्तर गिर गया है। आशंका इस बात की है कि फरवरी माह से हैंडपंप से पानी मिलने में दिक्कत शुरू हो जाएगी।
सिंचाई सुविधा के लिए होगा सर्वे –
केंद्रीय दल ने जिन गाँवों में दौरा किया। वहाँ के किसानों ने क्षेत्र में नियमित सूखे की आशंका को देखते हुए सिंचाई की स्थायी सुविधा की माँग की। कलेक्टर ने उन्हें कहा कि सिंचाई विभाग द्वारा इस संबंध में तकनीकी जाँच कराई जाएगी। जहाँ संभव हुआ वहाँ सिंचाई प्रोजेक्ट आरंभ किए जाएंगे।
कहाँ-कहाँ गई टीम-टीम ने शुरूआत छुरिया ब्लाक से की। यहाँ घोघरे, बजरंगपुर और भेजराटोला गाँव में फसल की स्थिति देखी। इसके बाद मासुल बांध देखा। फिर डोंगरगांव में खपरीकला और टीका हल्दी के किसानों से मिले। इसके बाद डोंगरगढ़ में कसारी गए। राजनांदगांव ब्लाक के सुकुलदैहान, बागतराई होते हुए खैरागढ़ ब्लाक में विचारपुर गांव के किसानों से चर्चा की।

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