प्राणों की आहुति देने वाले अमर शहीदों को दी गई श्रद्धांजलि

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कोरिया ! कर्तव्य का निर्वहन करते हुए अपने प्राणों की आहुति देने वाले पुलिस के अमर शहीदों को श्रद्धांजलि देने के लिए पुलिस शहीद दिवस कार्यक्रम का आयोजन पुलिस परेड ग्राउंड बैकुंठपुर में किया गया।

गौरतलब है कि आज से 61 वर्ष पहले अक्टूबर 1959 में लद्दाख के दुर्गम क्षेत्र में भारतीय पुलिस की एक छोटी टुकड़ी के जवानों ने मातृभूमि की रक्षा करते हुए अपने प्राण न्योछावर कर दिए थे तभी से प्रतिवर्ष 21 अक्टूबर को देश के कोने-कोने में दिवंगत सुर वीरों की स्मृति में पुलिस शहीद दिवस परेड का आयोजन किया जाता है।

कोरिया जिले के पुलिस अधीक्षक चंद्रमोहन सिंह ने भारत देश में पिछले 1 वर्ष में कुल 264 शहीद हुए अधिकारी कर्मचारियों के नाम का वाचन किया वहीं परेड कमांडर ने सलामी शस्त्र, शोक शास्त्र व पुनः सलामी शस्त्र की कार्यवाही कराई तत्पश्चात कार्यक्रम में रीथ चढ़ाने की कार्रवाई शुरू की गई। सर्वप्रथम पुलिस अधीक्षक ने शहीद स्मारक पर रीथ चढ़ा कर शहीदों को श्रद्धांजलि अर्पित की इसके बाद कलेक्टर एस एन राठौर, सेनानी 18 वीं वाहिनी सुरजन राम भगत, अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक कोरिया डॉक्टर पंकज शुक्ला, उप पुलिस अधीक्षक धीरेंद्र पटेल, कर्ण कुमार उके, जिला सेनानी नगर सेना शेखर नारायण बोरवड़ कर, अमर शहीदों के परिवार जन शहीद श्री संतोष एक्का की पत्नी रंजीता एक्का, शहीद हसनैन अंसारी के पिता शमशीर अंसारी, शहीद बृजभूषण लाल श्रीवास्तव की पत्नी सरोज श्रीवास्तव, शहीद राजेश पटेल के भांजा एवं भांजी प्रियांशु व पीयूष ने शहीद स्मारक पर रीथ चढ़ा कर अपनी श्रद्धांजलि अर्पित की। कार्यक्रम में उपस्थित गणमान्य जन विभिन्न थाना क्षेत्रों से आए थाना प्रभारी व उनके स्टाफ यातायात प्रभारी व स्टाफ के साथ रक्षित निरीक्षक व उनकी पूरी टीम के साथ रक्षित केंद्र बैकुंठपुर में निवासरत पुलिस परिवार के नन्हे-मुन्ने बच्चों ने भी शहीद स्मारक पर अपनी श्रद्धांजलि अर्पित की। श्रद्धांजलि अर्पित करने के पश्चात कलेक्टर एवं एसपी के द्वारा शहीदों के परिवार जनों को शाल व श्रीफल भेंट कर सम्मानित किया गया।

कार्यक्रम को सफल बनाने में रक्षित निरीक्षक हेमंत टोप्पो, परेड कमांडर पीसी श्री तिवारी जी, आरक्षक पंकज तिवारी का महत्वपूर्ण योगदान रहा । कार्यक्रम का सफल संचालन यातायात सैनिक महेश मिश्रा द्वारा किया गया जिन्होंने शहीदों को समर्पित निशा माथुर की कविता का सुंदर वाचन भी किया।

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