भारत और ब्रिटेन ने स्वास्थ्य क्षेत्र में द्विपक्षीय संबंधों पर चर्चा की

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नई दिल्ली : स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण राज्यमंत्री अश्विनी कुमार चौबे और ब्रिटेन के दक्षिण-पूर्व एशिया मामलों के राज्यमंत्री लॉर्ड तारिक अहमद ने वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से दोनों देशों के स्वास्थ्य क्षेत्र में द्विपक्षीय संबंधों पर चर्चा की। दोनों मंत्रियों ने कोविड-19 के टीके की वर्तमान स्थिति, जनता तक पहुंचने के प्रयासों और दोनों देशों द्वारा महामारी को रोकने के लिए किये जा रहे उपायों के बारे में विस्तार से चर्चा की।

चौबे ने कहा कि कोविड-19 ने मानवता को एकसाथ आने और इस महामारी से पूरी ताकत एवं संकल्प के साथ लड़ने का मौका दिया है। “सदियों से भारत ने ‘वसुधैव कुटुम्बकम’ की भावना की वकालत की है, पूरी दुनिया को एक परिवार के रूप में माना है।” इस सांस्कृतिक दृष्टिकोण द्वारा भविष्य में मानवता के लिए एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाए जाने के बारे में बताते हुए उन्होंने “इस कठिन समय में एक परिवार के रूप में इस महामारी से लड़ने” की आवश्यकता पर जोर दिया।

स्वास्थ्य के क्षेत्र में निरंतर सहयोग के लिए 2013 में दोनों देशों के बीच जिनेवा में एक समझौता ज्ञापन पर किए गए हस्ताक्षर को याद करते हुए उन्होंने कहा, “स्वास्थ्य के क्षेत्र में भारत और ब्रिटेन के बीच द्विपक्षीय संबंध गहरे एवं मजबूत हैं। समय के साथ दोनों देशों के बीच यह सहयोग और मजबूत हुआ है।”

दोनों देशों के बीच सहयोग बढ़ाने की दृष्टि से अगले संयुक्त कार्य समूह की बैठक के एजेंडे में “आयुष्मान भारत” को एक विषय के रूप में शामिल करने की आवश्यकता पर प्रकाश डालते हुए, केंद्रीय स्वास्थ्य राज्यमंत्री ने दोनों देशों के बीच संबंधों को मजबूत करने के लिए ई-स्वास्थ्य, दवाओं से संबंधित विनियम, नियामक सहयोग, दवाओं के निर्यात, अनुसंधान के क्षेत्र में सहयोग, क्षमता निर्माण आदि के क्षेत्र में मिलकर और आगे काम करने का सुझाव दिया।

यूनाइटेड किंगडम के दक्षिण-पूर्व एशिया मामलों के राज्यमंत्री लॉर्ड तारिक अहमद ने इस अवसर पर कोविड-19 के टीके के संबंध में भारत और यूनाइटेड किंगडम द्वारा किये जा रहे कार्यों की चर्चा की। उन्होंने संक्रमण की इस अवधि ​​के दौरान दवाओं के रूप में भारत की महत्वपूर्ण मदद के लिए प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी का धन्यवाद किया।

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