नेता प्रतिपक्ष कौशिक ने बस्तर में हो रही हिंसा पर दुख जताया

0

कोरोना से ज्यादा नक्सली हिंसा में हो रही मौतेःकौशिक

रायपुर। नेता प्रतिपक्ष धरमलाल कौशिक ने कहा कि बस्तर में लगातार नक्सली हिंसा के नाम पर आम लोगों की हत्या हर दिन है और प्रदेश की सरकार केवल हाथ पर हाथ धरे बैठी है। अब तक बस्तर में करीब 50 लोगों की मौत कोरोना से हुई है, वही इन चार महीने में ही करीब 60 से अधिक लोगों की जान नक्सली हिंसा में जा चुकी है। बस्तर में हर तीसरे दिन एक व्यक्ति की नक्सली हिंसा में जान जा चुकी है और नक्सलियों के खिलाफ कार्रवाई के नाम पर प्रदेश सरकार मौन व्रत पर है। उन्होंने कहा कि आखिरकार ऐसी कौन सी वजह है ,कि नक्सलियों के मोर्चे पर प्रदेश सरकार कोई कार्रवाई नही कर रही है। प्रदेश सरकार की मंशा से आमलोगों में भय का वातावरण है। उन्होंने कहा कि वन परिक्षेत्र अधिकारी की हत्या में प्रदेश में वन अमला मे आक्रोश है, तो पुलिस के जवानों की हत्या से पूरे महकमा के मनोबल पर असर पड़ रहा है ।प्रदेश की सरकार अपनी नाकामियों को छुपाने के लिये नक्सली हिंसा से हुए मौतों को लेकर आँकड़े भी छिपा रही है।

नेता प्रतिपक्ष कौशिक ने कहा कि बीजपुर जिले में ही पिछले 15 दिनों से, हर दिन एक व्यक्ति की हत्या कर दहशत फैल रहे हैं, तो वहीं जिले में कोरोना से मृत्यु की संख्या अब तक केवल 5 है । अधिक लोगों की मौत नक्सली हिंसा में हो चुकी है। वहीं प्रदेश सरकार का दावा है कि बस्तर में नक्सली कमजोर हुए हैं तो फिर नक्सली कई जिला मुख्यालय तक, बैनर कैसे लगाकर भय फैला रहे हैं। प्रदेश की सरकार हर मोर्चे पर असफल है और अपनी असफलता को छिपाने सही तथ्य सामने नही ला रही है। उन्होंने कहा कि बस्तर में नक्सल को लेकर तस्वीर कुछ और ,प्रदेश की सरकार कुछ और बता रही है। लेकिन इस सरकार को इस बात की कोई चिंता नही है।

नक्सलियों का हमेशा मुखरता से हर मोर्चे पर विरोध होना चाहिये लेकिन प्रदेश सरकार की इच्छा शक्ति का अभाव है। समय रहते सही कदम नही उठाये गये तो स्थिति और भी चिंता जनक हो सकती है। इसके लिये प्रदेश की सरकार ही जिम्मेदारा होगी।नेता प्रतिपक्ष कौशिक ने कहा यह एक गैर राजनैतिक मुद्दा है। इसके खात्मे के लिये सबको सम विचार रखने की जरूरत है। हमारी जब प्रदेश में सरकार थी तब प्रतिपक्ष को भरोसा में लेकर नक्सलवाद विरूद्ध जरूर कदम उठाये गये। नेता प्रतिपक्ष कौशिक ने कहा नक्सली हिंसा में पीड़ित परिवार के पुर्नवास के लिये भी प्रदेश को उचित कदम उठाने चाहिये। ताकि आत्मविश्वास से नक्सलवाद के खिलाफ एक कारगर लड़ाई लड़ी जा सके।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *