राजधानी को पूर्ण कंटेनमेंट ज़ोन घोषित कर एक सप्ताह के लिए लॉकडाउन का फैसला बहुत देर से लिया गया निर्णय : भाजपा

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vishnu dev sai

रायपुर। भारतीय जनता पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष विष्णुदेव साय ने कोरोना संक्रमण के मद्देनज़र राजधानी को पूर्ण कंटेनमेंट ज़ोन घोषित कर 21 सितम्बर से एक सप्ताह के लिए लॉकडाउन के फैसले को बहुत देर से लिया गया निर्णय बताया है। श्री साय ने कहा कि राजधानी में जिस रफ़्तार से कोरोना संक्रमण के मामले सामने आ रहे थे, उसे देखते हुए भाजपा रायपुर में लॉकडाउन की ज़रूरत पर प्रदेश सरकार का ध्यान लगातार खींच रही थी। सरकार का दुविधाग्रस्त नेतृत्व राजधानी और पूरे प्रदेश को कोरोना महामारी के गर्त में धकेलकर अब होश में आया है।

भाजपा प्रदेश अध्यक्ष साय ने कहा कि आज राजधानी रायपुर को दुनिया का सबसे अव्वल कोरोना हॉट स्पॉट कहना अतिशयोक्ति नहीं होगी। ऐसे हालात में प्रदेश सरकार के आइसोलेट हो चले ‘महिमामंडित स्वयंभू कोरोना योद्धा मंत्रियों’ को प्रदेश ढूँढ़ रहा है। साय ने साफ़-साफ़ शब्दों में प्रदेश सरकार को आगाह किया है कि 21 सितम्बर से शुरू होने वाले लॉकडाउन का पूरी सख़्ती से पालन किया जाए और किसी तरह की राजनीतिक नौटंकी सत्तारूढ़ दल के नेता क़तई न करें। इसके लिए प्रदेश कांग्रेस और सरकार अपने जनप्रतिनिधियों, नेताओं व कार्यकर्ताओं को ताकीद कर दे।

साय ने कहा कि जुलाई-अगस्त में पखवाड़ेभर के लॉकडाउन की तरह इस बार ज़रा भी लुंज-पुंज लॉकडाउन न हो, इस बात का पूरा ध्यान रखा जाए और कर्फ़्यू लगाकर तथा शराब की कोचियागिरी से उबरकर प्रदेश सरकार प्रस्तावित लॉकडाउन को कारग़र अंजाम तक पहुँचाए।

भाजपा प्रदेश अध्यक्ष श्री साय ने कहा कि राजनीतिक प्रलाप और ड्रामेबाजी छोड़कर प्रस्तावित लॉकडाउन के अवसर का सार्थक उपयोग करके लोगों को राहत पहुँचाने राज्य सरकार प्रदेशभर में स्वास्थ्यगत ढाँचे को मज़बूत बनाने का काम पूरी ईमानदारी से करे ताकि एक तो लॉकडाउन के सख़्त पालन से कोरोना संक्रमण की चेन टूटे और प्रदेश व राजधानी के कोरोना संक्रमितों को बेहतर व किफ़ायती चिकित्सा का भरपूर लाभ मिले।

साय ने कहा कि प्रदेश सरकार लॉकडाउन से पहले और बाद में यह प्रदेश को बताए कि कोरोना संक्रमितों के बेहतर इलाज के लिए क्या-क्या इंतज़ाम हैं? इससे कोरोना संक्रमितों को अनावश्यक रूप से परेशान नहीं होना पड़ेगा, जैसी परेशानियों से इन दिनों राजधानी समेत पूरे प्रदेश के कोरोना मरीज जूझ रहे हैं। प्रस्तावित लॉकडाउन अवधि में राजधानी व प्रदेश के सरकारी व निजी कोविड अस्पतालों की व्यवस्था भी दुरुस्त की जाए।

भाजपा प्रदेश अध्यक्ष साय ने कहा कि कोरोना संक्रमण पर रोकथाम के सरकारी दावों का ज़मीनी सच तो आज यह है कि समूची स्वास्थ्य सेवा वेंटीलेटर पर है। स्वास्थ्य विभाग से जुड़े तमाम कोरोना वॉरियर्स का मनोबल सरकार के रवैए से टूटा हुआ है। कोरोना वॉरियर्स हताश-निराश और तनावग्रस्त हैं, वे लगातार इस महामारी की ज़द में भी आ रहे हैं और सरकार इन कोरोना वॉरियर्स के प्रति ज़रा भी संवेदनशीलता का परिचय नहीं दे रही है।

साय ने चिंता जताई कि डूनियर डॉक्टर्स दो बार हड़ताल पर जाने के लिए विवश हो चुके हैं, सफाई कर्मचारी भी अपनी तनख्वाह काटे जाने पर हड़ताल कर चुके हैं। अब नियमितीकरण की मांग को लेकर 13 हज़ार संविदा स्वास्थ्य कर्मचारी राजधानी में आंदोलन कर रहे हैं। प्रदेश सरकार अपने वादे के मुताबिक़ इन संविदा कर्मचारियों के नियमितीकरण की पहल करके प्रदेश की स्वास्थ्य सेवाओं को कोमा में जाने से बचाने पर ध्यान दे।

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