पाँच दिवसीय योग प्रदर्शन एवं प्रशिक्षण शिविर का आयोजन सम्पन्न

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JOGI EXPRESS

जिला कोरिया चिरमिरी पोड़ी – संचालनालय आयुष विभाग छत्तीसगढ़ शासन व् जिला आयुर्वेद विभाग कोरिया बैकुंठपुर के तत्वाधान में 15- 19 नवम्बर तक पाँच दिवसीय योग शिविर का आयोजन सुबह 6. 30 से 8 बजे तक पोड़ी सरस्वती शिशु मंदिर में पतंजलि योगपीठ हरिद्वार से प्रशिक्षित योग शिक्षक संजय गिरि के द्वारा दिया जा रहा है।
इस अवसर पर सर्वप्रथम योग शिक्षक संजय गिरि, डॉ. राजेश यादव, वरिष्ठ नागरिक राधेश्याम अग्रवाल व् बदरुजमा अंसारी द्वारा माँ सरस्वती की छाया चित्र पर पुष्प अर्पित कर दिप प्रज्वलित कर शिविर प्रारम्भ किया। इसके पश्चात् श्री गिरि ने योगासन प्राणायाम के बारे में विस्तार से बताते हुए उनमे बरते जाने वाली सावधानियों को बताया।ओम के उच्चारण का अभ्यास कराते हुए उनसे होने वाले रहस्यमयी फायदों को बताया।इसके आगे गिरि ने बताया कि परमात्मा अल्लाह गॉड या वाहेगुरु उसे चाहे हम जिस भी नाम से पुकारें उसका सर्वोत्तम निज नाम ओम है। लम्बा गहरा श्वांस भरकर धीरे- धीरे श्वांस छोड़कर ओम का भावपूर्ण दीर्घ उच्चारण करते हुए बिभिन्न मन्त्रों के उच्चारण से योग सत्र की शुरुवात करनी चाहिए इससे मन शांत स्थिर होता है।
इसके पश्चात्  गिरि ने बढ़ते ठंढ के प्रभाव को देखते हुए प्रशिक्षुओं से 12 प्रकार के सहज व्यायाम योगिक- जॉगिंग व् 12 आसनों के समूह सूर्यनमस्कार के अभ्यास कर उनमें गर्माहट ला दिया। योगऋषि स्वामी रामदेव जी के द्वारा हज़ारों आसनों में से सार रूप में बताए गए समयानुकूल अत्यन्त प्रभावी मंडूकासन, शशकासन,गौमुखासन, वक्रासन,भुजंगासन,शलभासन,पवनमुक्तासन आदि 12 आसनों के महत्व बताते हुए उनके अभ्यास कराये। आसनों के अंत में शवासन या योगनिंद्रा के अभ्यास कराये।
तत्पश्चात योगऋषि द्वारा बताए गए प्राणायामों जैसे- भ्रस्त्रिका,कपालभांति,अनुलोम- विलोम,बाह्य,उज्जायी,भ्रामरी,उद्दगीत व् प्रणव प्राणायाम ध्यान के भावपूर्ण अभ्यास कराये। मन को आल्हादित व ऊर्जान्वित करने वाली क्रियाएं जैसे हास्यासन व् सिंहासन का अभ्यास करा उनके फायदे बताये। शांतिपाठ के उच्चारण के अभ्यास के साथ शिविर का समापन किया गया।
इस अवसर पर योग गुरु संजय गिरि ने बताया कि रोज़ सुबह चल रहे इस शिविर में कराये जानेवाले एक घंटे के योग प्राणायाम अभ्यास के अंतर्गत अत्यन्त व्यस्ततम जीवन जीने वाले लोगों को ध्यान में रखकर अभ्यास किये जा रहे है ताकि उन्हें पूर्ण लाभ मिल सके जो कि सभी आयु- वर्गों के लिए उपयुक्त है।  गिरि ने कहा कि योग- प्राणायाम के अभ्यास से न सिर्फ शरीर बल्कि व्यक्ति के मन,विचार और चरित्र भी शुद्ध होते है जो कि आज की विकट समस्या है अतः नित्य ही इसका अभ्यास किया जाना चाहिए।

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