पूर्व महापौर रेड्डी ने किया कुरासिया भूमिगत खदान में हुई दुर्घटना की उच्चस्तरीय जांच कर दोषी अधिकारियों पर कड़ी कार्यवाही की मांग

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(विधायक व थाना प्रभारी को खदान के भीतर ले जाने पर एसईसीएल प्रबंधन पर उठाए सवाल)

(किसी माइनिंग सरदार या ओव्हरमेन के ऊपर ठीकरा फोड़ने के बजाय जिम्मेदार अधिकारियों पर कार्यवाही की मांग)

(स्वयं घटनास्थल का निरीक्षण करने के लिए डीजीएमएस से मांगी अनुमति, मामले में लीपापोती होने पर परिणाम भुगतने की दी चेतावनी)

चिरिमिरी । बीते 23 जून 2020 को कुरासिया भूमिगत खदान में हुए माईन्स एक्सीडेन्ट पर चिरमिरी के पूर्व महापौर के. डोमरु रेड्डी ने एसईसीएल चिरिमिरी के महाप्रबंधक को कड़ा पत्र लिखते हुए पूरे मामले की निष्पक्ष जांच कराकर दोषी अधिकारियों पर कड़ी कार्यवाही की मांग की है। साथ ही मामले में लीपापोती होने पर परिणाम भुगतने की भी चेतावनी दी है । पूर्व महापौर श्री रेड्डी ने क्षेत्र के विधायक व थाना प्रभारी को दुर्घटना के बाद खदान के भीतर ले जाने पर कड़ी आपत्ति जताते हुए तल्ख शब्दो मे कहा है कि खदान कोई पिकनिक स्पॉट नही है, जहां नेताओ को घुमाने – फिराने ले जाया जाए। इसके साथ ही श्री रेड्डी ने स्वयं घटनास्थल का निरीक्षण करने की इच्छा जाहिर करते हुए इसके लिए नियमतः डीजीएमएस से परमिशन दिलाने की भी मांग की है। पत्र की प्रतिलिपि कोयला मंत्रालय व डीजीएमएस के साथ ही कोल इण्डिया से सम्बंधित अन्य अधिकारियों को भी भेजी गई है।

अपने पत्र में पूर्व महापौर के. डोमरु रेड्डी ने कहा है कि चिरमिरी क्षेत्र में पिछले 23 जून 2020 को रात्रि पाली में कुरासिया भूमिगत खदान में हुए माईन्स दुर्घटना में हुए खान कर्मी की दुःखद मृत्यु को लेकर, स्थानीय प्रबंधन से लेकर कोयला मंत्रालय के उच्च पदस्थ जिम्मेदारों से पांच प्रश्न पूछे हैं:-

1- जिस कर्मचारी की मृत्यु हुई है, उनका पदनाम (Designation) क्या था ?

2 – खदान के अंदर जहाँ मृत्यु हुई, वहाँ के जिम्मेदार अधिकारी कौन – कौन थे ?

3- जिस पैनल में ब्लास्ट होने से यह दुर्घटना घटी है, वह ब्लास्टिंग मटेरियल वहाँ किसने लगवाई थी?

4 – पिछले पाली में ब्लास्ट (दगानी) किसके देखरेख में हुई एवं इंचार्ज कौन थे?

5- इस ब्लास्टिंग मटेरियल की पर्ची किसके नाम पर कटी थी?

श्री रेड्डी ने इस अपने पत्र में आगे कहा है कि हमारे चिरमिरी के कोयला खदानों को बेतरकीब ढंग से किए गए गलत ढर्रे के कारण ऐसे ही समय से पहले कोयले के भण्डार एवं उत्पादन के गिरते प्रभाव के कारण हम शहरवासी परेशान हैं, ऊपर से प्रबंधकीय लापरवाही के कारण पहले अंजनहिल के खान दुर्घटना के त्रासदी से हम उबरे ही नहीं, वह खदान आज भी फिर से प्रारम्भ होने की बाट जोहता हमारा श्रमिक चरचा सहित आस-पास इस उम्मीद को पाले ड्यूटी कर रहा है कि चिरमिरी में नए माईन्स के प्रारम्भ होते ही वे वापिस चिरमिरी स्थानांतरित हो सकेगें। किन्तु अधिकारियों की लापरवाही का खामियाजा लगातार हमारा मजदूर वर्ग उठाने को विवश है। उन्होंने एक श्रमिक पुत्र होने के नाते अपने अनुभव को साझा करते हुए लिखा है कि मैं एक कोयला मजदूर का बेटा होने के नाते इस बात को अच्छी तरह से समझ सकता हूँ कि आज उस परिवार के ऊपर क्या बीत रहा होगा? मैने अपने माताजी को, पिताजी के ड्यूटी जाने के बाद रात को उठ-उठ कर पिताजी के सलामति के लिए खदान कर्मी का परिवार कैसे दुआएँ माँगता है, काफी नजदीक से देखा और महसूस किया है। सुबह सूरज निकलने के बाद जब घर का मुखिया खदान से काम करके लौटता है तो पविार के लोगों के चेहरे कैसे खिल उठते हैं।

लेकिन चिरमिरी प्रबंधन को इन सब बातों से कोई लेना – देना नहीं है, उन्हें तो बस कर्मचारियों के जानमाल को जोखिम में डालकर केवल अपना प्रमोशन लेना आता है। अभी तक के उदाहरणों में तो हमने ऐसा ही देखा है। प्रबंधन को चेताते हुए यह भी कहा है कि पुराने चली आ रही परम्परानुसार इस बार फिर किसी माइनिंग सरदार या ओव्हरमैन के मत्थे टीका कर, अधिकारियों को बचाने के कुत्सित प्रयास में न लग जाइयेगा। नहीं तो परिणाम भुगतने को तैयार रहियेगा, क्योकि दूसरों की गलती मजदूर को ऊपर डालकर, उन्हें प्रमोशन पाकर दूसरे क्षेत्रों में स्थानान्तरण का यह पैटर्न हमने खूब देखा है। इस बार अगर किसी अधिकारी की गलती का खामियाजा किसी माइनिंग सरदार ओव्हरमैन के ऊपर टिकाने का प्रयोग किया गया, तो परिणाम गम्भीर होगे, हम ये अन्याय और बर्दाश्त नहीं कर सकते।

प्रबंधन ने इस दुर्घटना को मानो मजाक सा बना दिया। दुर्घटना की सुबह मुझे देख कर बहुत आश्चर्य हुआ कि एसईसीएल प्रबंधन ने हमारे विधायक एवं थाना प्रभारी को खदान ले जाकर, दुर्घटना स्थल का मुआयना कराई ! यह कहाँ तक उचित है? यह केवल चमचाई नहीं तो और क्या है? आप लोगों ने एक माननीय विधायक और एक थाना प्रभारी का भी जान जोखिम में डाल दिया था। यदि कोई पूछे कि विधायक जी का यह खदान दौरा क्या नियम संगत है, उस विधायक जी का पीएसओ कहाँ था? खदान के अन्दर थाना प्रभारी का क्या काम है, तो एसईसीएल के पास क्या जवाब है? आपको पता होना चाहिए कि खदान मौज – मस्ती या पिकनिक मनाने का अड्डा नहीं है, जहाँ इस तरह एक्सपेरिमेंट कर, नेताओं के खुशामदी के लिए कार्य किये जाएँ !! पूर्व महापौर श्री रेड्डी ने लिखा है कि इस दुःखद दुर्घटना की सही जांच कर, दोषी अधिकारियों के विरुद्ध न्यायसंगत कार्यवाही कर, मृत कर्मी को न्याय दिलायें।

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