लॉकडाउन में ग्रामीणों और प्रवासियों के लिए मनरेगा बना सहारा

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धमतरी जिले में 112 करोड़ के रोजगारमूलक कार्यों से 49.63 लाख मानव दिवस का सृजन 

रायपुर, वैश्विक महामारी कोविड-19 संक्रमण के दौरान लॉकडाउन के दौरान महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी योजना अंतर्गत संचालित कार्यों में एक लाख 12 हजार श्रमिकों को गांव में ही नियमित रूप से रोजगार सुलभ हुआ है। इससे जरूरतमंद ग्रामीणों एवं श्रमिकों को रोजी-रोजगार के लिए भटकना नहीं पड़ा। मनरेगा वास्तव में जीवन के अधिकार के संवैधानिक सिद्धांत को मजबूत करने का एक विधायी तंत्र है। इस योजना के माध्यम से गांव में जहां एक ओर बड़ी संख्या में आवश्यक सार्वजनिक परि-सम्पत्तियों का निर्माण सुनिश्चित हुआ है, वहीं दूसरी ओर इस योजना के माध्यम से प्रकृति एवं पर्यावरण के संरक्षण और संवर्धन के साथ ही जरूरतमंद लोगों को जीवन-यापन का आधार मिला है। इसके माध्यम से मिलने वाले अतिरिक्त रोजगार से ग्रामीणों की आर्थिक स्थिति में भी सुधार हुआ है। मनरेगा के माध्यम से पिछले एक दशक में ना केवल भू-जल के संरक्षण एवं संवर्धन को बढ़ावा मिला है, बल्कि इसके जरिए कृषि उत्पादकता में वृद्धि, साग-सब्जी के उत्पादन से आर्थिक स्त्रोतों में वृद्धि हुई है। भूमि सुधार, डबरी, तालाब और कुंए निर्माण से जल संरक्षण के उपायों से ग्रामीण जनजीवन व गरीब परिवार के जीवन में नया बदलाव आया है। 
     लॉकडाउन की वजह से उत्पन्न परिस्थिति के कारण गांवों में लोगों के सामने रोजी-मजदूरी की समस्या खड़ी हो गई थी ऐसी स्थिति में मनरेगा जरूरतमंद ग्रामीणों के जीवन-यापन का सहारा बनी। ग्रामीण श्रमिक आर्थिक संकट से निजात पाने के लिए पंचायतों में मनरेगा के जरिए काम की मांग करने लगे। दरअसल मनरेगा मजदूरों द्वारा मांग आधारित योजना है। कोरोना संक्रमण काल में मनरेगा के माध्यम से बड़े पैमाने पर रोजगार मूलक कार्य शुरू कराए गए। इसके जरिए गांव-गांव में डबरी, तालाब, कुुुंआ, खेतों का समतलीकरण, पहुंचमार्ग आदि का निर्माण हुआ। मनरेगा से  जल संरक्षण के लिए निर्मित संरचनाओं से जल संग्रहण को बढ़ावा मिलने के साथ ही भू-जल स्तर भी बढ़ा है। कुंओं का निर्माण होने से गांव में स्वच्छ पेयजल की उपलब्धता सुनिश्चित होने के साथ ही सिंचाई सुविधा भी सृजित हुई है।
       जिला पंचायत की मुख्य कार्यपालन अधिकारी श्रीमती नम्रता गांधी ने बताया कि वर्ष 2020-21 में धमतरी जिले में महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी योजनांतर्गत 7 करोड़ 26 लाख रूपए की लागत से 80 नये तालाबों का निर्माण कराया गया। एक करोड़ 66 लाख रूपए की लागत से 55 निजी तालाबों का निर्माण, 4 करोड़ 49 लाख रूपए की लागत से 313 डबरियों का निर्माण, 28 लाख 61 हजार रूपए की लागत से 11 कुंओं के निर्माण की मंजूरी दी गई। उन्होंने बताया कि अप्रैल माह में 77210 जॉबकार्डधारी परिवार ने 847999 मानव दिवस, मई माह में 119873 जॉबकार्डधारी परिवार ने 2566374 मानव दिवस, जून माह में 100097 जॉबकार्डधारी परिवार ने 1405568 मानव दिवस, जुलाई माह में 15114 जॉबकार्डधारी परिवार ने 145042 मानव दिवस सृजित किया गया। इस तरह धमतरी जिले में अप्रैल से लेकर जुलाई तक मनरेगा के अंतर्गत 112 करोड़ 42 लाख रूपये की लागत वाले रोजगारमूलक कार्यों की स्वीकृति एवं संचालन से 49 लाख 63 हजार मानव दिवस का सृजन हुआ। मई माह में जिले में सर्वाधिक एक लाख 19 हजार 873 जॉबकार्डधारी परिवारों ने मनरेगा में काम किया। 

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