वर्चुअल क्लास से बच्चे छू रहे अंतरिक्ष की ऊंचाईयां बच्चों के सीखने की क्षमता का हो रहा विकास

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रायपुर, कोरोना महामारी की वजह से बच्चों की पढ़ाई बाधित ना हो इसके लिए छत्तीसगढ़ सरकार द्वारा चलाया जा रहा वर्चुअल क्लास पढ़ई तुंहर दुआर बेहतर और प्रभावशाली साबित हो रहा है। अब बच्चे ब्लैक बोर्ड की जगह आॅनलाईन माध्यम से वर्चुअल पढ़ाई कर रहे हैं। इस पद्धति के माध्यम से बच्चे जटिल से जटिल गणितीय संक्रियाएं, थ्री-डी डायमेंसन जैसी अनेक प्रकार के कठिन सवालों को आसानी से हल कर पा रहे है। इस तकनीक से जुड़कर बच्चंे अंतरिक्ष की ऊंचाईयों को महसूस कर पाने जैसा अनुभव कर पा रहे हैं। इसी तारतम्य में मुंगेली जिले के लोरमी में पंडित जगन्नाथ महंत शासकीय उच्चत्तर माध्यमिक विद्यालय को आॅॅनलाईन क्लास सेंटर बनाया गया है। जिससे बच्चे अपने घरों में रहकर आनलाईन पढ़ाई के माध्यम से शिक्षण कौशल की नई-नई तकनीकों से परिचित हो रहे हैं। यह शिक्षा की दिशा में एक अभिनव पहल है।

आनलाईन क्लास सेंटर लोरमी में सभी शिक्षकों द्वारा अपनी-अपनी कक्षा के समय में उपस्थित होकर आनलाईन अध्यापन कार्य सम्पादित कराया जा रहा है। इसी क्रम में शिक्षक श्री यूगल किशोर राजपूत द्वारा कक्षा सातवीं के पाठ ‘‘सितारों के आगे‘‘ शीर्षक में कल्पना चावला के जीवन पर प्रकाश डालते हुए, उनके अंतरिक्ष यात्रा का सम्पूर्ण चित्रण किया। तत्पश्चात विद्यार्थियों को कल्पना चावला के अंतरिक्ष यात्रा का आनलाईन लघु फिल्म भी दिखाया गया, जिसे देखकर बच्चे बहुत ही ज्यादा उत्साहित हुए। विद्यार्थियों के लिए यह कार्यक्रम मनोरंजक होने के साथ-साथ ज्ञानवर्धक भी रहा। इसके साथ ही कक्षा के दौरान विद्यार्थियों से कौन बनेगा करोड़पति की तर्ज पर सवाल-जवाब किया गया। जिसमें बच्चों ने काफी उत्साह के साथ भाग लिया।

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