छत्तीसगढ़ राज्य के 19 हजार क्वारेंटीन सेंटर में रह रहे लगभग दो लाख श्रमिक, क्वारेंटीन सेंटर में श्रमिकों को मिल रही बेहतर सुविधाएं

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 रायपुर कोरोना संक्रमण और लॉकडाउन के दौरान फंसे श्रमिकों को राहत पहुंचाने, उनके भोजन एवं आवास की व्यवस्था के लिए छत्तीसगढ़ राज्य के विभिन्न जिलों में 19 हजार 184 क्वारेंटीन सेंटर संचालित किए जा रहे हैं। इन क्वारेंटीन सेंटर में लगभग 2 लाख श्रमिक ठहरे हुए हैं। सभी क्वारेंटीन सेंटरों में श्रमिकों के लिए भोजन एवं मूलभूत सुविधाओं की व्यवस्था शासन द्वारा की गई है। गौरतलब है कि मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल ने क्वारेंटीन सेंटर में ठहरे श्रमिकों की भोजन आदि की व्यवस्था के लिए सभी कलेक्टरों को आवश्यक निर्देश एवं सहायता राशि भी स्वीकृत की है।

कोरोना संक्रमण के चलते अन्य राज्यों से छत्तीसगढ़ में लौटने वाले श्रमिकों को एहतियातन 14 दिन तक क्वारेंटीन सेंटरों में रहने की बेहतर व्यवस्था राज्य के सभी जिलों में की गई है। क्वारेंटीन सेंटर में रह रहे श्रमिकों के चाय, नाश्ता, भोजन के साथ-साथ उन्हें दैनिक उपयोगी वस्तुएं तथा आवश्यक मूलभूत सुविधाएं उपलब्ध करायी जा रही हैं। श्रमिकों के स्वास्थ्य पर निरंतर निगरानी रखे जाने के साथ ही उनका स्वास्थ्य विभाग की टीम द्वारा नियमित रूप से स्वास्थ्य परीक्षण भी किया जा रहा है।
बीते 15 दिनों से लगातार प्रवासी श्रमिकों के छत्तीसगढ़ लौटने का सिलसिला जारी है। सभी जिलों में ग्राम पंचायत भवन, सामुदायिक भवन, स्कूल भवनों को क्वारेंटीन सेंटर बनाया गया है। मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल के निर्देशानुसार अन्य राज्यों के ऐसे श्रमिक जो छत्तीसगढ़ होते हुए अपने राज्य जाना चाहते हैं, उनके लिए जिला प्रशासन द्वारा बस से श्रमिकों को निःशुल्क राज्य की सीमा तक पहुंचाने की व्यवस्था भी की गई है। राज्य के कई क्वारेंटीन सेंटर में रह रहे श्रमिकों के बच्चों की शिक्षा के लिए प्रशासन एवं स्थानीय युवाओं के सहयोग से कक्षाएं भी संचालित की जा रही हैं। क्वारेंटीन सेंटर में मनोरंजन के लिए टीवी की व्यवस्था के साथ ही योगा और विभिन्न प्रकार के खेल की गतिविधियां भी संचालित की जा रही हैं। राज्य के जशपुर जिले के विभिन्न विकासखंडों में लगभग 648 क्वारेंटाईन सेंटर बनाया गया है। इन क्वारेंटाईन सेंटर में 3422 श्रमिकों, मजदूरों यात्रियों को रखा गया है। इनमें दो हजार 741 पुरूष एवं 681 महिलाएं शामिल है।

श्रमिक स्पेशल ट्रेनों के माध्यम से देश के अन्य राज्यों में फंसे छत्तीसगढ़ के श्रमिकों को लाने का सिलसिला लगातार जारी है। इसी क्रम में कोयम्बटूर से चली ट्रेन में आज राजनांदगांव जिले के 40, रायपुर के 5,बस्तर के 8,बालोद के 13, सुकमा के 18, कोंडागांव के 2,गरियाबंद के 10, नारायणपुर के 5,कांकेर के 5,दंतेवाड़ा के 1, धमतरी के 1, कवर्धा के 36 बलौदा बाजार के 7, दुर्ग के 4, बेमेतरा के 3, रायगढ़ के 12 महासमुंद के 407 ,मध्य प्रदेश के 11 और उड़ीसा के 5 श्रमिक रायपुर  रेलवे स्टेशन उतरे। इसी तरह सतारा से चली ट्रेन में आज रायपुर रेलवे स्टेशन में रायपुर जिले के 32,बीजापुर के 6,कोंडागांव के 6,धमतरी के 2 और उड़ीसा के 3 श्रमिक उतरे। अहमदाबाद से चली ट्रेन से बालोद जिले के 8, उड़ीसा के 8, राजनांदगांव के 5 और महासमुंद के 15 श्रमिक उतरे। इस तरह आज रायपुर रेलवे स्टेशन में 678 श्रमिको का आगमन हुआ।
जांजगीर-चांपा में आज शाम 5 बजे अहमदाबाद ट्रेन से 553 श्रमिक यात्री  पहुंचे। श्रमिक स्पेशल ट्रेन से अहमदाबाद से चांपा पहुंचे यात्रियों में 510 जांजगीर-चांपा जिले के,16 छत्तीसगढ़ के अन्य जिलों के और 27 यात्री अन्य राज्यों के शामिल हैं। अन्य राज्यों से आए 6151 प्रवासी, मजदूर क्वारेंटीन सेंटर में रह रहे हैं उनमें बरमकेला में 376, सारंगढ़-3827, पुसौर-139, रायगढ़ (लोईंग)-116, खरसिया-457, तमनार-114, घरघोड़ा-30, लैलूंगा-442 एवं धरमजयगढ़ 650 शामिल है। सभी मजदूरों का स्क्रीनिंग कर 14 दिन के लिए क्वारेंटीन में रखा गया है एवं उनकी सतत् निगरानी की जा रही है।

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