पैकेज के नाम पर छलावा बंद करें मोदी सरकार : रमेश वर्ल्यानी

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किसानों मजदूरों और गरीबों के लिए निर्मला की घोषणाएं जले पर नमक छिड़कने की तरह

रायपुर/14 मई 2020। केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण के द्वारा आज पत्रकार वार्ता में की गई घोषणाओं पर प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए कांग्रेस संचार विभाग के सदस्य जाने-माने आर्थिक विशेषज्ञ और प्रदेश कांग्रेस के वरिष्ठ प्रवक्ता रमेश वर्ल्यानी ने कहा है कि मोदी सरकार पैकेज के नाम पर छलावा बंद करें ।
वित्तमंत्री निर्मला सीतारमन की थोथी घोषणाएं किसानों मजदूरों ठेले खोमचे लगाकर रोज कमाने और रोज खाने वाले गरीबों के साथ क्रूर मजाक है। मोदी सरकार गरीबों के जले पर नमक छिड़कने का काम कर रही हैं।

वर्ल्यानी ने कहा है कि पहले वालों खोमचे वालों और छोटे काम धंधा करने वाले 5000000 लोगों को नगद सहायता देने के बजाय ₹10000 का बैंक से लोन देने की बात कहकर निर्मला सीतारमण ने यह स्पष्ट कर दिया है कि करो ना पैकेज के नाम पर मोदी सरकार ऋण योजना चला रही है।

वर्ल्यानी ने कहा है कि वित्त मंत्री की घोषणाओं में किसानों को किसी भी तरह का डायरेक्ट कैश बेनिफिट नहीं दिया गया है। कृषि कार्य के लिए अतिरिक्त ऋण और पुराने लोन और ब्याज पटाने के लिए समय सीमा में बढ़ोतरी की सुविधा से किसानों को किसी तरीके का सीधा नगद लाभ तो नहीं मिल पाएगा। वित्त मंत्री ने किसानों के ऊपर की लाभकारी मूल्य पर खरीद की भी कोई योजना की घोषणा नहीं की।

कांग्रेस संचार विभाग के सदस्य जाने-माने आर्थिक विशेषज्ञ और प्रदेश कांग्रेस के वरिष्ठ प्रवक्ता रमेश वर्ल्यानी ने कहा है कि भूख प्यास बदहाली और बेबसी में अपने घर गांव खाली पेट खाली जेब लौटने को मजबूर प्रवासी मजदूरों को पैसा देने के बजाय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने उनको मनरेगा में काम करने की सलाह देकर यह स्पष्ट कर दिया है कि मोदी सरकार को गरीबों मजदूरों और किसानों से कोई सरोकार नहीं है।

वर्ल्यानी ने कहा है कि वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण मनरेगा में काम करने की सलाह तो देती है लेकिन मनरेगा के लिए मात्र 10,000 करोड़ का प्रावधान किया है जो कि बेहद अपर्याप्त है सभी राज्यों और छत्तीसगढ़ का भी अनुभव है कि मनरेगा की पुरानी राशि देने में केंद्र सरकार द्वारा जानबूझकर लेट लतीफी की जाती है।

वर्ल्यानी ने कहा है कि मजदूरों को न्यूनतम वेतन भुगतान के सरलीकरण योजना के नाम से वित्त मंत्री ने लुभाने का प्रयास किया है जबकि स्वयं वित्त मंत्री यह स्वीकार करती हुई नजर आई कि अभी केवल 30% मजदूरों को ही न्यूनतम मजदूरी मिल पा रही है।

वर्ल्यानी ने कहा है कि वन नेशन वन राशन कार्ड योजना मोदी सरकार की दीर्घकालिक योजना है और इसका करोना से कोई संबंध नहीं है। इससे राशन कार्ड धारकों को करोना के समय में कोई लाभ नहीं मिलेगा।

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