किसान खुद टेस्ट कर सकते हैं उर्वरकों की गुणवत्ता सीएफसीएल ने उर्वरक की शुद्धता की जांच का बताया आसान तरीका

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रायपुर, किसान अब सहजता से रसायनिक उर्वरकों की गुणवत्ता का परीक्षण खुद कर सकते हैं। भारत सरकार के सेन्ट्रल फॅर्टिलाईजर क्वालिटी कन्ट्रोल एण्ड टेस्टिंग इंस्टीट्यूट फरीदाबाद द्वारा रसायनिक उर्वरकों में मिलावट की जांच के लिए बहुत ही आसान तरीका बताया गया है। जिसके जरिए कृषक रसायिनक उर्वरकों की गुणवत्ता की जांच त्वरित रूप से कर सकते हैं।
रसायनिक उर्वरक यूरिया में साधारण नमक, प्यरेट ऑफ पोटाश, एसएसपी, रॉक फास्फेट, चिकनी मिट्टी आदि की मिलावट का अंदेशा रहता है। इसी तरह डीएपी में क्ले मिट्टी जिप्सम की गोलियां, एसएसपी, एमओपी उर्वरकों में बालू एवं साधारण नमक, उर्वरक एनपीके में एसएसपी, रॉक फॉस्फेट, एनपीके मिश्रण, जिंक सल्फेट में मैगनिश्यिम सल्फेट तथा कॉपर सल्फेट एवं फेरस सल्फेट उर्वरक में बालू व साधारण नमक की मिलावट का अंदेशा रहता है। इसकी जांच कृषकगण सीएफसीएल द्वारा विकसित विधि से स्वयं कर सकते है।
उप संचालक कृषि रायपुर ने बताया कि शुद्ध यूरिया चमकदार, लगभग समान आकार के दाने वाला, पानी में पूर्णतः घुलनशील होता है। शुद्ध यूरिया को पानी घोलकर छूने पर ठंडेपन का एहसास होता है। गर्म तवे पर रखने पर शुद्ध यूरिया पूरी तरह पिघल जाता है और ऑच तेज करने पर कोई अवशेष नहीं बचता। इसकी शुद्धता के परीक्षण का सबसे आसान तरीका यह है कि थोड़ा सा पानी हथेली पर ले, दो मिनट बाद जब हथेली और पानी का तापमान एक समान हो जाए तो उसमें 10-15 दाने यूरिया के डाले। शुद्ध यूरिया पानी में पूरी तरह घुलकर हथेली को ठण्डक प्रदान करेगा। यदि ठण्डक महसूस न हो तो यूरिया मिलावटी है। यूरिया के परीक्षण का दूसरा तरीका यह है कि एक चम्मच यूरिया घोल में आधा मिलीलीटर बेरियम क्लोराईड मिलाने पर शुद्ध यूरिया का घोल स्वच्छ होगा। यदि सफेद अवक्षेप मिलता है तो यूरिया मिलावटी है।
इसी तरह शुद्ध डी.ए.पी. के दानों का आकार एकदम गोल नहीं होता, डी.ए.पी. के दानों को गर्म करने या जलाने पर दाने खुलकर साबुनदाने की भांति लगभग दोगुने आकार के हो जाए तो वह शुद्ध होगा। डी.ए.पी. के दानों को लेकर फर्श पर रखें फिर जूते से ताकत से रगड़े शुद्ध डी.ए.पी. के दाने आसानी से नहीं फूटेंगे। यदि दाने आसानी से टूट जाए तो डी.ए.पी. में मिलावट है। डी.ए.पी. में नाइट्रोजन की जांच के लिए एक ग्राम पीसे हुए डी.ए.पी. चूर्ण में चूना मिलाकर सूंघने पर अमोनिया की गंध आए तो उसमें नाइट्रोजन विद्यमान है। यदि अमोनिया की गंध महसूस न हो तो डी.ए.पी. मिलावटी है। इसी तरह सिंगल सुपर फास्फेट के शुद्धता की जांच के लिए उसके एक दाने को हथेली पर रगड़ने से टूट जाए तो वह शुद्ध है। शुद्ध जिंक सल्फेट पानी में घुलनशील होता है, लेकिन इसका घोल यूरिया, पोटाश के घोल की तरह ठण्डा नहीं होता तो वह शुद्ध है। डी.ए.पी. के घोल में जिंक सल्फेट के घोल को मिलाने पर थक्केदार घना अवक्षेप बन जाता है।

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