राज्य में दलहन-तिलहन और मक्का की खेती को बढ़ावा देने का विशेष अभियान

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रायपुर,राज्य में बीते रबी सीजन में दलहन-तिलहन और मक्का के रकबे में 22 फीसद बढ़ोत्तरी से उत्साहित कृषि विभाग ने इनके रकबे में और ज्यादा वृद्धि का लक्ष्य लेकर किसानों को प्रेरित एवं प्रोत्साहित करने का विशेष अभियान शुरू कर दिया है। आगामी खरीफ सीजन में कृषि विभाग ने राज्य के दलहन के रकबे में 28 फीसद और तिलहन के रकबे में 33 फीसद बढ़ोत्तरी का लक्ष्य निर्धारित कर इसके लिए मैदानी स्तर पर प्रयास शुरू कर दिया है। कृषि विभाग का मानना है कि राज्य में मूंगफली, सूरजमुखी और मक्का की खेती लघु-सीमांत कृषकों के लिए बहुत फायदेमंद साबित हो रही है। विभाग द्वारा किसानों को प्रदाय किए गये बीजों के मिनिकिट को किसान अपनी बाड़ी में लगाकर परिवार के लिये पोषण आहार की व्यवस्था के साथ-साथ अतिरिक्त आमदनी भी अर्जित करने लगे। इसको दृष्टिगत रखते हुए इसके रकबे में बढ़ोत्तरी से किसानों की माली हालत सुधरेगी।

छत्तीसगढ़ सरकार की सुराजी गांव योजना के प्रमुख घटक बाड़ी के अतर्गत चयनित गौठान वाले ग्रामों में बड़ी संख्या में बाड़ी विकास का कार्य संचालित किया जा रहा है। इससे किसान के बाड़ी एवं खेतों में विभिन्न प्र्रकार की साग-सब्जियों के साथ-साथ आम, मुनगा, पपीता, जामुन, नीबू आदि के रोपण को बढ़ावा मिल रहा है। राज्य सरकार द्वारा सहायतित नवीन योजना पोषण बाड़ी विकास योजना अंतर्गत किसानों का एक बाड़ी के लिए एक हजार रूपये के फल, सब्जियों के पौधे, कंद व बीज उद्यानिकी विभाग द्वारा मुहैया कराया जा रहा है।

कृषि विभाग के अधिकारियों का कहना है कि मूंगफली, सूरजमुखी और मक्का की खेती लाभदायक होने के साथ-साथ स्वास्थ्यवर्धक भी है। गरीबों का बादाम कहे जाने वाले मूंगफली के 100 ग्राम दाने में 26 ग्राम प्रोटीन, 49 ग्राम वसा के साथ पर्याप्त मात्रा में आयरन, कैल्शियम, मैग्नीशियम, विटामिन-। और विटामिन ठ.6 पाया जाता है। इसी प्रकार सूरजमुखी के 100 ग्राम बीज में 21 ग्राम प्रोटीन, 51 ग्राम वसा के साथ-साथ मूंगफली जैसे ही गुणकारी अन्य पोषक पदार्थ पर्याप्त मात्रा में पाये जाते है। इन दोनो फसलो के बीजों में कोलेस्ट्राल नहीं पाया जाता है। इसलिये ये स्वास्थ्य के लिये उत्तम है। महिलाओं और बच्चों में कुपोषण, खून की कमी को दूर करने में मूंगफली और सूरजमुखी बहुत लाभदायक है। इसी प्रकार प्रोटीन की मात्रा की दृष्टि से मक्का भी काफी फायदेमंद है। मूंगफली और मक्का कच्चे और सूखे दोनो रूप मंे खाया जा सकता है।

मूंगफली और सूरजमुखी की खेती खरीफ और ग्रीष्म दोनों सीजन में की जा सकती है। मक्का फसल को खरीफ, रबी, ग्रीष्म तीनों मौसम में सिंचाई का प्रबंध कर उगाया जा सकता है। हल्की भूमि में मूंगफली के साथ सूरजमुखी और मक्का की अंतरवर्तीय फसल लगाकर कम क्षेत्र में अधिक उत्पादन प्राप्त किया जा सकता है।

कृषि विभाग राज्य के किसानों को अनाज के साथ परिवार के पोषण के लिये जरूरी प्रोटीन, वसा और विटामिन की उपलब्धता उनके बाड़ी और खेत से सुनिश्चित हो सके, इसके लिए प्रयासरत् है। विभाग के मैदानी विस्तार अमले विशेष अभियान चलाकर किसानों को अनाज के साथ-साथ दलहन, तिलहन, मक्का और फल-सब्जी उगाने के लिये प्रेरित कर रहे है।

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