ग्रामीण महिलाएं लगातार मास्क निर्माण कर कोरोना वारियर की तरह कर रही है काम

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रायपुर, 30 अप्रैल 2020/विश्व व्यापी महामारी (कोविड-19) के संक्रमण की रोकथाम के बीच बिहान महिला स्व-सहायता समूह की महिलाएं लगातार मास्क निर्माण कर कोरोना वारियर की तरह इस संकटपूर्ण परिस्थिति में मास्क की निर्बाध आपूर्ति कर रही है। मास्क बनाकर ग्रामीण महिलाएं न केवल अपने परिवार के लिए अतिरिक्त आय अर्जित  कर रही है, बल्कि लॉकडाउन अवधि में समाज को कोरोना संक्रमण से बचाने और रोकथाम में सहयोग कर रही है। आज इस कार्य से कोण्डागांव जिले की 200 से अधिक महिलाएं जुड़ी हुई है और अब तक इनके द्वारा 56 हजार मास्क का निर्माण किया जा चुका है।राष्ट्रीय ग्रामीण अजीविका मिशन अर्न्तगत कोण्डागांव जिले की महिला स्व-सहायता समूहों द्वारा मास्क जिला प्रशासन को उपलब्ध करवाए जा रहे हैं। अभी तक इनके द्वारा 56 हजार मास्क तैयार किये जा चुके है। अब प्रत्येक दिन 3 हजार तक मास्क निर्माण की क्षमता पूरे जिले में विकसित की जा चुकी है। मास्क की गुणवत्ता अच्छी होने के साथ इनका मूल्य कम होने से इन मास्कों की मांग बहुत अधिक हैं। वर्तमान में जनपद पंचायत द्वारा इन्हें 15 हजार मास्क एवं वन विभाग द्वारा एक लाख 60 हजार मास्क का आर्डर दिया गया है। जिसमें से अब तक जनपद पंचायतों को 7 हजार एवं वन विभाग को 15 हजार मास्कों की आपूर्ति की जा चुकी है साथ ही व्यावसायिक तौर पर बिक्री के लिए भी मास्क दुकानों पर पहुंचाए जा रहे हैं। इस सामग्री की बिक्री से समूह की महिलाओं को अच्छी आमदनी भी मिल रही है।जिला प्रशासन द्वारा महिला समूहों को लगातार प्रोत्साहन दिया जा रहा है। मास्क बनाने के लिए सस्ते दर पर कॉटन के कपड़े समूहों को उपलब्ध कराए जा रहे हैं। इसके अलावा समूहों द्वारा उत्पादित मास्क की बिक्री में भी सहयोग दिया जा रहा है। उत्पादों के निर्माण की मॉनिटरिंग अधिकारियों द्वारा की जा रही है। महिलाओं का कहना है कि आज देश कोरोना वायरस के संक्रमण काल के कठिन दौर से गुजर रहा है। देश को इस कठिन परिस्थितियों से निकालने में अजीविका मिशन की महिलाएं इस कार्य को बड़े उत्साह व रूची से कर रही है।

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