छत्तीसगढ़ के विकास को स्वामी विवेकानंद का विशेष आशीर्वाद:श्री कोविंद

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रायपुर : छत्तीसगढ़ में लिखी जा रही विकास की नई इबारत: श्री कोविंद

राष्ट्रपति शामिल हुए पांच दिवसीय राज्योत्सव के समापन और राज्य अलंकरण समारोह में

jogi express 

रायपुर, राष्ट्रपति श्री रामनाथ कोविंद ने कहा कि नये छत्तीसगढ़ राज्य में विकास की नई इबारत लिखी जा रही है। श्री कोविंद आज शाम नया रायपुर में पांच दिवसीय राज्योत्सव के समापन अवसर पर महान विभूतियों के नाम पर आयोजित राज्य अलंकरण समारोह को सम्बोधित कर रहे थे। उन्होंने कहा- छत्तीसगढ़ का विकास पूरे देश के विकास का उदाहरण बन सकता है। यह राज्य विकास की ऊंचाईयों तक पहुंचेगा। समारोह की अध्यक्षता राज्यपाल श्री बलरामजी दास टंडन ने की। मुख्यमंत्री डॉ. रमन सिंह और विधानसभा अध्यक्ष श्री गौरीशंकर अग्रवाल समारोह में सम्मानित विशिष्ट अतिथि के रूप में उपस्थित थे। राष्ट्रपति श्री कोविंद ने समारोह में पांच संस्थाओं सहित 18 नागरिकों को राज्य अलंकरणों से सम्मानित किया।
छत्तीसगढ़ संत परम्परा की धरती
मुख्य अतिथि की आसंदी से समारोह को सम्बोधित करते हुए राष्ट्रपति श्री कोविंद ने कहा-छत्तीसगढ़ संत परम्परा की धरती है, जहां 18वीं सदी में गुरू घासीदास जी ने सत्य, अहिंसा और परोपकार के मार्ग पर चलकर दलितों, पिछड़ों और समाज की अंतिम पंक्ति के लोगों को अधिकार दिलाने का सार्थक प्रयास किया। श्री कोविंद ने कहा – छत्तीसगढ़ की धरती को भगवान राम की माता कौशल्या के मायके और आदि कवि वाल्मिकी की तपोभूमि के रूप में भी जाना जाता है। महर्षि वाल्मिकी ने इस धरती पर रामायण की रचना की। इसी कड़ी में राष्ट्रपति ने अमर शहीद वीर नारायण सिंह को भी याद किया और कहा कि वीरनारायण सिंह सन 1857 में अंग्रेजों के खिलाफ संघर्ष करते हुए किसानों और गरीबों के रक्षक की भूमिका निभाई। श्री कोविंद ने जनता से कहा – आप सब जिस धरती की संतान हैं, उसका इतिहास अनेक महान विभूतियों की गौरव गाथाओं से परिपूर्ण है। मैंने कुछ ही विभूतियों के नाम लिए हैं। श्री कोविंद ने कहा-छत्तीसगढ़ के विकास को स्वामी विवेकानंद जैसी महान विभूतियों का भी विशेष आशीर्वाद प्राप्त है। यहां की सरकार द्वारा गरीबों, आदिवासियों, दलितों और समाज के कमजोर वर्गों की सेवा और उत्थान के लिए जो भी कार्य किए जा रहे हैं, वह स्वामी विवेकानंद के आदर्शों के अनुरूप है।

नये राज्य ने उठाए विकास के अनेक नये कदम
श्री कोविंद ने कहा-नया राज्य बनने के बाद छत्तीसगढ़ के विकास के अनेक नये कदम उठाए हैं। इक्कीसवीं शताब्दी की आधुनिकता के साथ नया रायपुर को भारत के ईको फ्रेंडली शहर के रूप में विकसित किया जा रहा है, जिसकी चौड़ी सड़कें और हरियाली नगर नियोजन का एक आदर्श उदाहरण है। छत्तीसगढ़ सरकार ने जनता को भोजन का अधिकार देने के लिए खाद्य और पोषण सुरक्षा कानून बनाया है और 60 लाख परिवारों को इसका लाभ मिल रहा है। गरीबों को सस्ते चावल के साथ मुफ्त नमक देने के लिए भी राज्य सरकार राशि खर्च कर रही है। राष्ट्रपति ने कहा-छत्तीसगढ़ की राशन वितरण व्यवस्था मेें सभी गरीबों को मुफ्त नमक वितरण अंत्योदय का ही एक बड़ा उदाहरण है। श्री कोविंद ने राज्य में 56 लाख परिवारों को सालाना 50 हजार रूपए तक निःशुल्क इलाज के लिए स्मार्ट कार्ड वितरण, किसानों को शून्य ब्याज दर पर ऋण वितरण, बालिकाओं के लिए कॉलेज स्तर तक निःशुल्क शिक्षा जैसी कल्याणकारी योजनाओं का विशेष रूप से उल्लेख किया। श्री कोविंद ने स्वच्छता सर्वेक्षण में दो लाख से कम आबादी वाले शहरों की श्रेणी में अम्बिकापुर को प्रथम स्थान मिलने पर वहां की जनता और खास तौर पर महिला समूहों के योगदान की तारीफ की।

राष्ट्रपति ने ’जय जोहार’ से की अपने भाषण की शुरूआत
राष्ट्रपति ने अपने भाषण की शुरूआत छत्तीसगढ़ी भाषा में जनता का अभिवादन करते हुए किया। उन्होंने कहा-छत्तीसगढ़ के भाई-बहिनी मन ला जय जोहार। छत्तीसगढ़ के 17वां जनम दिन के गाड़ा-गाड़ा बधाई। श्री कोविंद ने कहा-छत्तीसगढ़ राज्य का गठन एक नवम्बर को हुआ। यहां की सरकार इस राज्य के जन्मोत्सव के ऐतिहासिक प्रसंग को यादगार बनाने के लिए पांच दिवसीय राज्योत्सव का आयोजन करती है। यह आज मेरे लिए भी एक महत्वपूर्ण  अवसर है, क्योंकि राष्ट्रपति बनने के बाद यह मेरी पहली छत्तीसगढ़ यात्रा है। श्री कोविंद ने कहा-जिन दिनों छत्तीसगढ़ राज्य के गठन की बात चल रही थी, मैं भी राज्यसभा का सांसद था। छत्तीसगढ़ के लोकसभा और राज्यसभा के सांसदगण संसद में यह मामला उठाया करते थे, तो आपके सांसदों के साथ मैं भी उनके समर्थन में खड़ा होता था। बहुत संघर्ष के बाद राज्य का निर्माण हुआ। आज आपके प्रदेश के जन्मोत्सव में शामिल होकर मुझे भी खुशी हो रही है।
छत्तीसगढ़ के विकास को स्वामी विवेकानंद का विशेष आशीर्वाद
श्री कोविंद ने छत्तीसगढ़ की 17 वर्षों की विकास यात्रा को ऐतिहासिक बताया और कहा-आज मैं जब यहां आने पर स्वामी विवेकानंद विमानतल में उतरा, तो मुझे स्वामी जी के जीवन के अनेक प्रसंग याद आने लगे। स्वामी जी ने अपनी किशोरावस्था के दो साल यहां की धरती पर बिताए और संभवतः कोलकाता से बाहर उनका यह सबसे लम्बा प्रवास था। उनके आदर्शों के अनुरूप रामकृष्ण मिशन आश्रम द्वारा नारायणपुर जिले में वर्ष 1980 के दशक से आदिवासियों की सेवा के लिए घने जंगलों में अस्पताल, स्कूल आदि का संचालन किया जा रहा है, जो सेवा कार्यों की एक बड़ी मिसाल है। श्री कोविंद ने कहा-मुझे ऐसा लगता है कि छत्तीसगढ़ के विकास को स्वामी विवेकानंद का विशेष आशीर्वाद प्राप्त है। यहां के हरे-भरे जंगल, बहुमूल्य खनिज और जलसम्पदा विकास के स्त्रोत हैं, लेकिन सबसे बड़ी बात यह है कि यहां के लोग सरल और स्नेहिल स्वभाव के हैं। यहां के लोगों में अपने राज्य के विकास को लेकर एक मधुर सा भाव है, जो वे ’छत्तीसगढि़या-सबले बढि़या’ के रूप में प्रकट करते हैं।
महान विभूतियों के नाम पर अलंकरणों की परम्परा सराहनीय:
राष्ट्रपति ने छत्तीसगढ़ सरकार द्वारा राज्य की महान विभूतियों के नाम पर शुरू की गई अलंकरणों की परम्परा का भी उल्लेख किया। उन्होंने कहा कि इस परम्परा से मैं काफी प्रभावित हुआ हूं। मैंने मुख्यमंत्री डॉ. रमन सिंह से कहा कि आप बहुत अच्छा कर रहे हैं। जिन विभूतियों ने राज्य और देश के विकास के लिए महान त्याग और बलिदान दिया, उनके नाम पर अलंकरणों की परम्परा सराहनीय है। आज इस अलंकरण समारोह में मेरी भी सहभागिता रही। श्री कोविंद ने समारोह में अलंकरणों से सम्मानित नागरिकों और संस्थाओं को बधाई देते हुए उनसे आग्रह किया कि राज्य के विकास के लिए वे अपने-अपने कार्य क्षेत्र में हमेशा सक्रिय रहें। श्री कोविंद ने राज्योत्सव की विकास प्रदर्शनी का जिक्र करते हुए कहा – इस प्रदर्शनी का अवलोकन करने पर मुझे विकास के क्षेत्र में छत्तीसगढ़ की कामयाबी की झलक देखने का मौका मिला और देखकर मेरा विश्वास और भी ज्यादा मजबूत हुआ कि छत्तीसगढ़ राज्य की स्थापना जिन उद्देश्यों को लेकर की गई है, यह राज्य विकसित होकर नई ऊचाईयों तक पहुंचेगा। श्री कोविंद छत्तीसगढ़ की कला-संस्कृति का जिक्र करते हुए लोकप्रिय पंडवानी गायिका श्रीमती तीजन बाई को भी याद किया। उन्होंने कहा – मैंने तीजन बाई की कला की जीवंत प्रस्तुति देखी है। श्री कोविंद ने छत्तीसगढ़ के परम्परागत हस्तशिल्प, विशेष रूप से बस्तर अंचल की गढ़वा कला और वहां के काष्ठशिल्प की भी तारीफ की।
वीर सपूतों ने राज्य और देश के लिए दी अपनी कुर्बानी: श्री कोविंद
राष्ट्रपति ने छत्तीसगढ़ में नक्सल हिंसा की घटनाओं में शहीद पुलिस और अर्धसैनिक बलों के जवानों की शहादत को भी याद किया। श्री कोविंद ने कहा-आज यहां राज्योत्सव में आने के पहले मैंने शहीद स्मारक जाकर वीर सपूतों को श्रद्धांजलि दी। श्री कोविंद ने कहा-इन शहीदों की संख्या 1100 से अधिक है। ये बहुत बड़ी संख्या है। इन वीर सपूतों ने राज्य की अस्मिता और देश में अमन-चैन बनाए रखने के लिए अपने प्राणों की आहुति दी। उन वीर सपूतों ने यदि वे कुर्बानी नहीं देते तो शायद हम ये उत्सव नहीं मना पाते। श्री कोविंद ने कहा-मुख्यमंत्री डॉ. रमन सिंह के नेतृत्व में छत्तीसगढ़ सरकार आदिवासियों, दलितों, किसानों और युवाओं तथा नक्सल हिंसा पीडि़त लोगों की भलाई के लिए सराहनीय कार्य कर रही है। छत्तीसगढ़ का विकास पूरे देश के विकास का उदाहरण बन सकता है।
छत्तीसगढ़ की प्रगति अदभुत और अद्वितीय: श्री बलरामजी दास टंडन
अध्यक्षीय आसंदी से समारोह को संबोधित करते हुए राज्यपाल श्री बलरामजी दास टंडन ने कहा – नया छत्तीसगढ़ राज्य 18वें साल में प्रवेश कर चुका है। इस छोटी सी आयु में राज्य की प्रगति अत्यंत अद्भुत और अद्वितीय है। आम जनता के लिए राज्य सरकार की योजनाओं के साथ-साथ केन्द्र की योजनाओं का भी यहां प्रभावी क्रियान्वयन हो रहा है। श्री टंडन ने स्वच्छ भारत मिशन की चर्चा करते हुए कहा कि राज्य में सभी नगर निगम और नगर पालिकाएं खुले में शौचमुक्त घोषित हो चुकी हैं। लगभग 15 हजार गांव भी स्वच्छता का यह लक्ष्य प्राप्त कर चुके हैं और अब थोड़ा सा ही कार्य बाकी रह गया है। इस मिशन के तहत देश को 2019 तक स्वच्छ भारत बनाने का लक्ष्य है, लेकिन छत्तीसगढ़ में हो रहे कार्यों को देखते हुए मुझे विश्वास है कि यहां की सरकार इस लक्ष्य को एक वर्ष पहले ही 2018 तक प्राप्त कर लेगी। श्री टंडन ने प्रधानमंत्री उज्ज्वला योजना की भी तारीफ की। उन्होंने कहा-गरीब परिवारों की महिलाओं की आंखें लकड़ी के चूल्हे के धुंए से खराब हो जाती थी, लेकिन प्रधानमंत्री उज्ज्वला योजना उनको इस समस्या से मुक्ति दिला रही है। इस योजना के तहत उन्हें रसोई गैस कनेक्शन दिए जा रहे हैं। छत्तीसगढ़ ने इस योजना का 50 प्रतिशत लक्ष्य पूर्ण कर लिया है और आने वाले थोड़े समय में शतप्रतिशत लक्ष्य प्राप्त कर लेगा। श्री टंडन ने कहा-राज्य सरकार ने खाद्य सुरक्षा कानून बनाकर ऐसी व्यवस्था की है कि छत्तीसगढ़ का कोई भी व्यक्ति भूखा न रहे। प्रत्येक व्यक्ति को राशनकार्ड पर सात किलो चावल दिया जा रहा है। युवाओं को कौशल विकास का अधिकार दिया गया  है। राज्यपाल ने छत्तीसगढ़ सरकार को साधुवाद देते हुए कहा-यहां की सरकार के अदभुत कार्य इस राज्य को और समाज को उन्नति के मार्ग पर ले जा रहे हैं। श्री टंडन ने उम्मीद जताई कि राज्य के सभी लोग आपसी सहयोग से कदमताल करते हुए छत्तीसगढ़ को देश के विकसित राज्यों में प्रथम स्थान दिलाने के लिए काम करते रहेंगे।
राज्योत्सव छत्तीसगढ़ के निर्माण और विकास का उत्सव: डॉ. रमन सिंह
मुख्यमंत्री डॉ. रमन सिंह ने समारोह में राष्ट्रपति श्री रामनाथ कोविंद का स्वागत करते हुए जनता को सम्बोधित किया। डॉ. रमन सिंह ने कहा-राज्योत्सव छत्तीसगढ़ की ढाई करोड़ जनता का उत्सव है। यह राज्य के निर्माण का और विकास का उत्सव है। मुख्यमंत्री ने प्रदेश सरकार द्वारा गांव, गरीब और किसानों तथा समाज के कमजोर वर्गों की बेहतरी के लिए संचालित योजनाओं पर प्रकाश डाला। डॉ. सिंह ने कहा-प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी द्वारा घोषित सौभाग्यम योजना के तहत छत्तीसगढ़ के लगभग तीन लाख 40 हजार  विद्युत विहीन घरों तक बिजली पहुंचाई जाएगी। राज्य सरकार ने इस वर्ष भी खरीफ मौसम के धान की खरीदी के लिए सहकारी समितियों में समुचित व्यवस्था की है। किसानों को इस बार की तरह अगले साल भी दीपावली से पहले धान का बोनस दिया जाएगा। मुख्यमंत्री ने प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी के स्वच्छ भारत मिशन के तहत छत्तीसगढ़ राज्य को निर्धारित लक्ष्य 2019 के एक वर्ष पहले ही अर्थात अगले साल 2018 में खुले में शौचमुक्त राज्य बनाने का संकल्प दोहराया।
मुख्यमंत्री ने कहा-प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत राज्य में लगभग 11 लाख परिवारों को पक्के मकान देने का लक्ष्य है और इस लक्ष्य को तेजी से पूरा किया जा रहा है। प्रदेश भर में पक्की और चौड़ी सड़कों का जाल बिछाया जा रहा है, इसके लिए लगभग 30 हजार करोड़ रूपए की सड़कों का निर्माण किया जा रहा है। मुख्यमंत्री ने कहा-केन्द्र सरकार की भारत माला परियोजना के तहत बनने वाली अंतर्राज्यीय सड़कों का लाभ छत्तीसगढ़ को भी मिलेगा। इस परियोजना में छत्तीसगढ़ तीन राज्यों के साथ सड़क नेटवर्क से जुड़ेगा। उन्होंने छत्तीसगढ़ के नक्सल प्रभावित इलाकों के विकास के लिए 700 करोड़ रूपए की धनराशि मंजूर करने पर प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी के प्रति आभार प्रकट किया। डॉ. रमन सिंह ने कहा-छत्तीसगढ़ खनिज संसाधनों से परिपूर्ण राज्य है। प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी ने देश के खनिज बहुल राज्यों के लिए हर जिले में जिला खनिज न्यास निधि (डीएमएफ) की स्थापना की है, जिससे छत्तीसगढ़ के खनिज धारित जिलों को भी विकास के लिए काफी धनराशि मिल रही है।

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