प्रत्येक सम्भागीय मुख्यालय में कोरोना ब्लड टेस्ट की व्यवस्था हो : भाजपा

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कोरोना को लेकर मुख्यमंत्री केन्द्र सरकार पर अनर्गल आरोप लगा रहे हैं : शर्मा

पूछा – तब्लीगी जमात के लोगों को पनाह देने पर कार्रवाई करने से क्यों घबरा रही है प्रदेश सरकार?

रायपुर। भारतीय जनता पार्टी के प्रदेश प्रवक्ता व विधायक शिवरतन शर्मा ने कहा है कि छत्तीसगढ़ में कोरोना वैयरस संक्रमण के बढ़ते मामलों को देखते हुए यह अत्यन्त आवश्यक हो गया है कि प्रत्येक सम्भागीय मुख्यालय में कोरोना ब्लड टेस्ट की व्यवस्था हो। छत्तीसगढ़ में कोरोना ब्लड सेम्पल के टेस्ट हेतु वर्तमान में एम्स रायपुर व जगदलपुर जिला चिकित्सालय में ही व्यवस्था है। श्री शर्मा ने प्रदेश सरकार के इस कथन को गलत बताया है कि केन्द्र सरकार ने ब्लड टेस्ट की अनुमति दो स्थानों में दी है। केंद्र सरकार ने एम्स को यह अधिकार दिया है कि जो पैथोलॉजी लैब कोरोना टेस्ट के नार्म्स को पूर्ण करे, उसे वह अनुमति दे सकता है।

भाजपा प्रदेश प्रवक्ता व विधायक श्री शर्मा ने कहा कि यह दुर्भाग्यपूर्ण है कि प्रदेश सरकार के मुखिया कोरोना ब्लड टेस्ट के पर्याप्त इंतजाम करने के बजाय केंद्र सरकार पर आरोप लगाने में लगे हुए हैं। सेम्पल टेस्ट हेतु किट की कमी बताना शर्मनाक है। इस हेतु पूरे देश में ब्लड टेस्ट हेतु किट्स की सप्लाई कर रहे हिंदुस्तान लाइफकेयर लिमिटेड से इस आपात स्थिति में अन्य प्रान्त जिस दर पर इसे खरीद रहे हैं उसी दर पर खरीदा जा सकता है। इसके लिए टेंडर की आवश्यकता नहीं है। श्री शर्मा ने कहा कि कोरोना पीड़ितों का इलाज सिर्फ एम्स में हो रहा है। प्रदेश सरकार को कोरोना मरीजों के उपचार हेतु सम्भागीय मुख्यालय के चिकिसालयों में कोरोना के उपचार हेतु 50 बेड्स की व्यवस्था करनी चाहिए किन्तु यहाँ स्थिति यह बन गई है कि प्रदेश के मेकाहारा व अन्य जिला चिकित्सालयो में अन्य बीमारियों का उपचार बाधित हो गया है।

भाजपा प्रदेश प्रवक्ता व विधायक श्री शर्मा ने आरोप लगाया कि छत्तीसगढ़ सरकार की इस वैश्विक महामारी से निपटने की तैयारी शून्य है। एक ही शहर कटघोरा में 16 कोरोना पॉजीटिव प्रकरण मिलना और दोषियों पर ठोस कार्रवाई न करना सरकार की वोट बैंक को सुरक्षित रखने की मानसिकता को दर्शाता है। श्री शर्मा ने कहा कि प्रदेश के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल एक तरफ केंद्र सरकार की आलोचना करते हैं और दूसरी तरफ केंद्र सरकार से मदद की गुहार लगाते हैं; ये दोनों कार्य एक साथ नहीं हो सकते हैं। तब्लीगी जमात में सम्मिलित किसी भी व्यक्ति को यदि कोई पनाह देता है तो सरकार उस व्यक्ति के विरुद्ध हत्या के प्रयास व राष्ट्रीय सुरक्षा अधिनियम के तहत कार्रवाई करने से क्यों घबरा रही है?

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