किसानों को धान का 2500 रु. दाम मिलने से भाजपा में निराशा : कांग्रेस

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डॉ. रमन सिंह दीनदयाल उपाध्याय की कथा के बजाय किसानों की व्यथा सुनते तो सैकड़ो किसानों की आत्महत्या की घटना नही होती

रायपुर/ मुख्यमंत्री भूपेश बघेल सरकार के दूसरे बजट को भाजपा के द्वारा निराशाजनक बताए जाने पर कांग्रेस ने कड़ी प्रतिक्रिया व्यक्त की प्रदेश कांग्रेस प्रवक्ता धनंजय सिंह ठाकुर ने कहा कि मुख्यमंत्री भूपेश बघेल की सरकार किसानों को उनके धान का 2500 रू. राशि देने में सफल हुई किसानों को समर्थन मूल्य के अलावा अंतर की राशि  मिलेगा। ऐसे में किसान विरोधी भाजपा के नेताओं का निराश होना स्वभाविक बात है। यदि मुख्यमंत्री रहते डॉ. रमन सिंह दीनदयाल उपाध्याय की कथा के बजाय फसल खराब होने और कर्ज के बोझ तले दबे निराश हताश परेशान किसानों की व्यथा सुनते उनकी समस्याओं का निराकरण करते तो सैकड़ो किसानों की आत्महत्या की घटना घटित नही होती। 

प्रदेश कांग्रेस प्रवक्ता धनंजय सिंह ठाकुर ने कहा कि पूर्व की रमन सरकार और केंद्र की मोदी सरकार किसानों को आर्थिक रूप से सक्षम बनाने खुद कुछ नहीं किया है। मुख्यमंत्री भूपेश बघेल सरकार किसानों के धान को 2500 रू. के दाम में खरीदने जा रही थी। तब केन्द्र सरकार लगातार अड़ंगा लगा रही थी। केंद्रीय शक्तियों का दुरुपयोग कर सेंट्रल पुल में चावल खरीदने नखरा कर रही  थी। शर्तों की ऊंची-ऊंची दीवार खडी कर रहे थे। मुख्यमंत्री भूपेश बघेल की सरकार ने किसानों का कर्जा माफ किया और उनके धान का 2500 रू. कीमत हर बार मिले इसके लिए ठोस योजना बना दी राजीव गांधी किसान न्याय योजना के माध्यम से हर साल किसानों को अब समर्थन मूल्य के अलावा अंतर की राशि बेरोकटोक मिलेंगी।

प्रदेश कांग्रेस प्रवक्ता धनंजय सिंह ठाकुर ने कहा कि पूर्व मुख्यमंत्री डॉ. रमन सिंह सहित भाजपा के नेताओं को युवाओं के रोजगार और शराबबंदी के विषय पर बोलने का अधिकार ही नहीं है। किस मुंह से डॉ. रमन सिंह और भाजपा के नेता युवाओं के रोजगार की बात करते हैं। जब केंद्र में बैठी मोदी सरकार प्रतिवर्ष दो करोड़ युवाओं को रोजगार देने का वादा कर युवाओं के साथ वादाखिलाफी किया है, बीते 6 साल में 12 करोड़ युवाओं को रोजगार मिलना था, लेकिन युवाओं को रोजगार देने में असफल मोदी सरकार जिनके हाथ में रोजगार थे। ऐसे 6 करोड़ से अधिक लोगों को हाथों से रोजगार छीनने का काम किया है। शराबबंदी का ढिंढोरा पीटकर पूर्व की रमन सरकार ने कमीशनखोरी के लिये वर्षों पुरानी आबकारी नीति में संशोधन किया। सरकारी शराब बेचने का जो निर्णय किया इसका दुष्परिणाम छत्तीसगढ़ भोग रहा है। भाजपा नेताओं के शराब के प्रति प्रेम और शराब लाबी के साथ सांठगांठ जग जाहिर है। पूर्व मुख्यमंत्री डॉ रमन सिंह और भाजपा नेताओं को युवाओं की रोजगार को लेकर वास्तविक चिंता है तो केंद्र में बैठे मोदी सरकार से पूछे कि प्रतिवर्ष दो करोड़ रोजगार देने का जो वादा किया गया था उस वादा का क्या हुआ? महंगाई कम करने का वादा किया गया था उसका क्या हुआ? वन नेशन वन टैक्स की बात कही गई थी फिर पेट्रोल और डीजल को जीएसटी के दायरे में क्यों नहीं लाया गया? शिक्षा का केंद्रीय बजट क्यों कम किया गया?

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