संगीन अपराध में भाजपा विधायक कुलदीप सिंह सेंगर को गंवानी पड़ी अपनी सदस्यता

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 लखनऊ 
कुलदीप सिंह सेंगर भाजपा के दूसरे विधायक हैं, जिनकी संगीन अपराध में दोषी करार दिए जाने के बाद विधानसभा की सदस्यता समाप्त की गई है। इससे पहले हमीरपुर के भाजपा विधायक अशोक चंदेल को हत्या का दोषी करार दिए जाने के बाद अपनी सदस्यता से हाथ धोना पड़ा था। बलात्कार के आरोप में दोषी ठहराए गए बांगरमऊ के विधायक कुलदीप सिंह सेंगर की सदस्यता समाप्त हो जाने के बाद खाली हुई सीट पर अब उपचुनाव होगा। उपचुनाव में भाजपा के लिए इस सीट पर अपना कब्जा  बरकरार रखने की चुनौती होगी। 

चार बार के विधायक कुलदीप सिंह सेंगर 

बांगरमऊ विधानसभा सीट के विधायक कुलदीप सिंह सेंगर उन्नाव जिले की विभिन्न सीटों और तीन राजनीतिक दलों से चार बार विधायक रहे। सेंगर पहले कांग्रेस में थे और कांग्रेस छोड़कर बसपा आए। बसपा  के टिकट पर उन्नाव सदर सीट से 2002 में जीते। उसके बाद बसपा से निकाले जाने के बाद सपा में शामिल हुए। सपा से 2007 में बांगरमऊ और उसके बाद 2012 में भगवन्तनगर से चुनाव जीते। सपा छोड़ने के बाद भाजपा आए तो भाजपा से बांगरमऊ सीट पर जीत हासिल की। सेंगर की पत्नी संगीता सिंह जिला पंचायत अध्यक्ष हैं। उन्नाव जिले की यह सीट बनने के बाद भाजपा पहली बार यहां से चुनाव जीती थी। इससे पहले बहुजन समाजवादी पार्टी और समाजवादी पार्टी का ही इस सीट पर कब्जा रहा है। 

कुलदीप सिंह अपने जनाधार की बदौलत इस सीट से दो बार और उन्नाव जिले की भगवन्त नगर और उन्नाव सदर से तीन अलग-अलग दलों के प्रत्याशी के रूप में चुनाव जीते थे।  ब्राह्मण और क्षत्रिय बाहुल्य इस सीट पर उपचुनाव में मजबूत प्रत्याशी ढूंढने में ही दिक्कतों का सामना करना पड़ेगा।  

अपने विधायक कुलदीप सिंह सेंगर पर बलात्कार का आरोप लगने के बाद बड़ी किरकिरी हुई थी। इसके बाद बलात्कार के आरोप में जेल जाने के बाद ही भाजपा ने पिछले साल ही कुलदीप सिंह सेंगर को पार्टी से निकाल दिया था। 

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