औद्योगिक स्वास्थ्य सुरक्षा और न्यूनतम मजदूरी ना देने वालों पर होगी कार्रवाई

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रायपुर
श्रमिकों को उनके औद्योगिक संस्थानों और प्रतिष्ठानों द्वारा न्यूनतम मजदूरी देना और उनकी स्वास्थ्य-सुरक्षा का इंतजाम करना सुनिश्चित करें। सभी संस्थाओं में जाकर अवलोकन करे और न्यूनतम वेतन से कम भुगतान या वेतन भुगतान ना किए जाने और स्त्री-पुरूषों को समान वेतन ना दिए जाने की शिकायत पर कड़ी कार्रवाई करे, आवश्यक हो तो अपराधिक मामला दर्ज कर औद्योगिक न्यायालय में प्रस्तुत करें। असंगठित श्रमिकों के विकास और कल्याण के लिए कार्य करना राज्य सरकार की मंशा है और यह जनघोषणा पत्र की अनुरूप भी है। यह बात श्रम विभाग के सचिव श्री सोनमणि बोरा ने कही। उन्होंने असंगठित विकास एवं कल्याण समिति के धीमी गति पर असंतुष्टि जाहिर की और नियमित बैठक बुलाने के निर्देश दिए। श्री बोरा ने श्रम विभाग की प्रदेश स्तरीय समीक्षा बैठक में शामिल हुए।

बोरा ने कहा कि श्रमिकों के बच्चों को दी जाने वाली छात्रवृत्ति तुरंत प्रदान करें। इस संबंध में अधिकारियों ने बताया कि श्रम विभाग के सचिव श्री बोरा ने लघु व्यापारी एवं स्व-व्यावसायी के पेंशन के लक्ष्य की समीक्षा करते हुए योजना की धीमी गति पर असंतुष्टि जाहिर की। उन्होंने कहा कि इसके लिए सराफा बाजार और केमिस्ट एसोसिएशन इत्यादि को लक्ष्य में रखकर काम करें और उनसे जुड़े व्यापारियों और कर्मचारियों की सूची बनाए। बड़े-बड़े शॉपिंग मॉल में संचालित खाद्य पदार्थों से संबंधित संस्थानों में स्वयं जाकर चर्चा करें। श्री बोरा ने बैठक में कहा कि मुख्यमंत्री जनचौपाल तथा विभागीय मंत्री से प्राप्त शिकायतों की त्वरित निराकरण के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि सभी समस्त अधिकारी-कर्मचारी टीम भावना से काम करें। यदि किसी स्थिति में योजना के क्रियान्वयन और शिकायतों के निराकरण में लापरवाही बरतता है तो उन पर कड़ी कार्रवाई की जाएगी। औद्योगिक क्षेत्रों में शांति बनाये रखे, श्रमिक संगठनों से समय-समय पर चर्चा करें और सभी के साथ समन्वय बनाकर कार्य करें। उप श्रम आयुक्त श्री एस. एल. जांगड़े, सहायक श्रम आयुक्त श्री बी.पी.तिवारी, उपसंचालक औद्योगिक स्वास्थ्य एवं सुरक्षा श्री एंथोनी तिर्की सहित प्रदेश भर से आए श्रम विभाग के अधिकारीगण उपस्थित थे।

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