सरकारी स्कूलों में शराब पीकर पढ़ाने जाते हैं 30 फीसदी टीचर, सरकार ढूंढ रही शराबबंदी न करने का बहाना: अजीत जोगी

0

रायपुर
छत्तीसगढ़ (Chhattisgarh) के सरकारी स्कूलों (Schools) में शिक्षकों (Teachers) द्वारा शराब पीने को लेकर पूर्व सीएम व जनता कांग्रेस छत्तीसगढ़ जे के सुप्रीमो अजीत जोगी (Ajit Jogi) ने बड़ा बयान दिया है. पूर्व सीएम जोगी ने कहा कि प्रदेश के आदिवासी इलाकों में 25 से 30 फीसदी शिक्षक तो बगैर शराब के सेवन के स्कूलों में पढ़ाने ही नहीं जाते. मैदानी इलाकों में भी लगभग यही स्थिति है. फिर भी सरकार शराबबंदी न करने के बहाने ढूंढ रही है. क्योंकि शराब बेचने से कई नेताओं को वैध और अवैध दोनों तरह से कमाई हो रही है.

बिलासपुर (Bilaspur) जिले के एक सरकारी स्कूल (Government School ) में शिक्षकों पर गंभीर आरोप लगे हैं. विकास खंड बिल्हा अंतर्गत संचालित कोहरौदा स्कूल के शिक्षकों पर स्कूल परिसर में ही शराब पीने के आरोप लगे हैं. कोहरौदा मिडिल स्कूल में पदस्थ शिक्षकों पर आरोप लगे हैं कि उन्होंने मिड डे मील की रसोई में मछली पकाई. जबकि मेन्यू में मछली पकाना शामिल नहीं है. इतना ही नहीं बच्चों के सामने ही मछली चावल खाकर शराब भी पी. मंगलवार को इसकी सूचना मिलने पर पूर्व सीएम अजीत जोगी ने राज्य सरकार पर जमकर निशाना साधा.

पूर्व सीएम अजीत जोगी ने कहा कि शराब बिक्री में बड़ा गोलमाल किया जा रहा है. शराब की बिक्री कॉर्पोरेशन के बिना ही सीधे शराब दुकानों में जा रही है. फैक्ट्री से सीधे शराब दुकानों में सप्लाई हो रही है. शराब के बेचने पर सरकार का नियंत्रण नहीं रह गया है. इस शराब के मुनाफे के साढ़े तीन करोड़ रुपये रोज पिछले दरवाजे से आकाओं के वहां पहुंचाया रहा है. कांग्रेस ने शराबबंदी का वादा चुनाव से पहले किया था, इस वादे पर ही महिलाओं ने उन्हें वोट दिया, लेकिन अब सरकार शराबंदी नहीं करने के बहाने ढूंढ रही है.

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *