अर्जुनी क्षेत्र में लोगों की कमाई पर सट्टा किंग का डाका

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रूपेश वर्मा/अर्जुनी – सीमेंट नगरी क्षेत्र अर्जुनी में सट्टा का अवैध कारोबार अपनी जड़ें जमा चुका है ।प्रमुख खाईवाल इस कारोबार को पुलिस के नाक के नीचे से संचालित कर रहे है। लोग दिन भर की अपनी गाढ़ी कमाई को अधिक या कहे तो एक के अस्सी पाने के चक्कर मे कई परिवार बर्बादी के कगार पर पँहुच चुके है,लेकिन ग्रामीण पुलिस है कि हाथ पर हाथ धरे बैठी है। क्षेत्र में सट्टा कारोबार के ग्राफ का अंदाजा इस बात से भी लगाया जा सकता है कि कभी दिन भर में मात्र एक बार ही लोग इसमे भाग्य आजमाया करते थे,लेकिन लोगों के बढ़ते उत्साह को देखते हुए दिन भर में दो बार सट्टा खिलाये जाने लगा है और खाईवाल के संरक्षण में अनगिनत लोग सट्टा पट्टी काट रहे है। ओपन क्लोज और रनिंग के गणित में उलझे लोग दस बार दांव लगाने के बाद बमुश्किल एक बार सफल हो भी गए तो उन्हें इस बात का अहसास नही की वे अपनी कितनी रकम गंवा चुके है । पुरुषों की देख- सीखी अब महिलायें व बच्चे बेरोजगार नवयुवक भी सट्टा खेल रहे है।दिन भर इसके अंक जाल में उलझे नैनिहल बस यही आंकलन करते दिख जाएंगे कि फलां तारीख को कौन सा जेम बना था और आगामी तिथियों में क्या बनने की संभावना है।एक सिरे से देखे तो अर्जुनी क्षेत्र आज पूर्णतः सट्टे के व्यवसाय से प्रभावित है। छोटे छोटे दुकानदार ,धंधे एवं दैनिक मजदूरी करने करने वाले लोग ऊनी अर्जित कमाई का एक बड़ा हिस्सा प्रतिदिन सट्टे में हार रहे है।प्रत्येक गली मोहल्ले में सटोरियों के दलाल पट्टी काटते हुए आसानी से दिख जाएंगे इतना ही नही ये कई प्रतिष्ठानों के माध्यम से भी पट्टी कटवा रहे है तो कोई मोबाइल के माध्यम से सट्टा लिखवा कर सुविधा के अनुरूप सट्टा पट्टी काटते है तथा शाम को चुकारा देते है एवं पुनः रात के ओपन-क्लोज व रनिंग नंबरों के खेल में लग जाते है।

पुलिसिया कार्यवाई नही होने के चलते अंचल खाईवालों के हौसले बुलंद

अंचल के खैरताल गांव सबसे सट्टा, पट्टी काटने का सबसे बदनाम केंद्र है या कहे तो यंहा ही खाईवाल के सक्रियता के चलते गांव बदनाम है जिसका संचालन अर्जुनी, रवान,भद्रापाली, मल्दी,मोपर,अमेठी,देवरानी,अमलीडीह ,खम्हरिया, मिरगी व आसपास के गांवों तक यह मकड़जाल फैला है जिसमे खाईवाल के एजेंट द्वारा यह गोरख धंधा संचालित है जो समाज को कंगाल और स्वयं को धनाड्य श्रेणी तक पहुँचाने हाथ धोकर गरीब रियाया की जेबें खंगाल रहे है। रोज एक दो को हजरपति तथा कईयों को कंगाल बनाने वाले ऐसे लोगों तक संबंधित थाना पुलिस के हाथ नही पहुँच रहे है। जो कि विभाग पर भी सवाल बना हुआ है।

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