छत्तीसगढ़ का राजनीतिक विश्लेषण – भाग 3प्रकाशपुंज के साथ

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जोगी एक्सप्रेस 

रायपुर,जैसा कि पिछली दो रिपोर्टस में मैंने आपको छत्तीसगढ़ राज्य के राजनीतिक परिदृश्य का विश्लेषण दिया था, उसी श्रंखला में मैं मेरी तीसरी रिपोर्ट में आपको कुछ रोचक तथ्यों से अवगत कराऊंगा।2014 के लोकसभा चुनाव के बाद, भारतीय राजनीति एक नई दिशा में अग्रसर हो रही है। प्राचीन चुनावी तरीकों के अलावा, बहुत से प्रमुख बिंदुओं पर विशेष रूप से ध्यान देना, जैसे चुनाव के पूर्व नेता व राजनीतिक दलों द्वारा इलेक्शन मैनेजमेंट कंम्पनियों को कार्यभार सौंपना, मीडिया का भरपूर उपयोग करना, जनसंपर्क पर विशेष रूप से ध्यान देने के साथ ही, सोशल मीडिया का भरपूर उपयोग करना आदि। कुछ इसी तरह की गतिविधियां, 2018 में होने वाले छत्तीसगढ़ राज्य के विधानसभा चुनावों के तकरीबन एक वर्ष पूर्व ही यहाँ दिखने लगी हैं। सूबे के तमाम नेता, चाहे वो सत्ता पक्ष के हों या कोई और, सभी चुनावी तैयारी में जुट गए हैं। छत्तीसगढ़ राज्य का गठन होने के बाद, अभी तक यहाँ मात्र दो ही राजनीतिक दल सक्रिय थे, भाजपा और काँग्रेस, परंतु सूबे के प्रथम मुख्यमंत्री अजीत जोगी के गत वर्ष नई राजनीतिक पार्टी, “जनता काँग्रेस छत्तीसगढ़ (जे)” के गठन के बाद अब यहाँ तीसरी राजनीतिक पार्टी भी भाजपा व काँग्रेस को अगले विधानसभा चुनाव में टक्कर देने के लिए कड़ी मेहनत कर रही है। जनता काँग्रेस छत्तीसगढ़ (जे), 2018 में होने वाले विधानसभा चुनाव के एक वर्ष पहले ही भाजपा व काँग्रेस से आगे निकलते हुए अागामी चुनाव के लिए अपनी 11 विधानसभा सीटों पर प्रत्याशियों की घोषणा कर दी है। वहीं तीनों पार्टियों ने अपनी चुनाव संचालन के लिए अलग अलग एजेंसियों से बात करना शुरू कर दिया है, वहीं सभी संभावित प्रत्याशी अपने अपने स्तर पर सोशल मीडिया और सामाजिक कार्यक्रमों में अपनी छवि को सुधारने के लिए जुटे हुए हैं।पहले जारी की गई मेरी रिपोर्ट में मैंने आगामी विधानसभा चुनाव के लिए तीनों पार्टियों के कुछ प्रस्तावित प्रत्याशियों का जिक्र किया था। गौर करने की बात है कि उनमें से सभी नेताओं ने इस दीपावली से बधाई संदेशों के माध्यम से बैनर, होर्डिंग लगाकर व सोशल मीडिया के ज़रिए, अपना प्रचार प्रसार का चुनावी आगाज़ कर दिया है। आने वाले समय में ये गतिविधियां और भी तेज़ होंगी। कुछ नए लोग भी सामने आ रहे हैं जिनकी राजनीतिक महत्वकांक्षा साफ दिखाई दे रही है। रायपुर शहर से, भाजपा के कद्दावर मंत्री बृज मोहन अग्रवाल, राजेश मुणत, आरडीए अध्यक्ष संजय श्रीवास्तव व सच्चिदानंद उपासने प्रबल दावेदार हैं, वहीं काँग्रेस के प्रमोद दुबे(महापौर), विकास उपाध्याय, कुलदीप जुनेजा, अजीत कुकरेजा अपनी दावेदारी पेश कर रहे हैं और अजीत जोगी की पार्टी जनता काँग्रेस छत्तीसगढ़ (जे) से विनोद तिवारी, नितिन भंसाली के साथ ही साथ अब आसिफ मेमन भी अमर गिदवानी के साथ साथ अपनी दावेदारी पर पुरजोर कोशिश कर रहे हैं। देखने वाली बात है कि “टिकट टू विधानसभा” किसको मिलता है।

परंतु आपको चिंता करने की ज़रूरत नहीं है क्योंकि मैं, मेरी रिपोर्ट के माध्यम से समय समय पर छत्तीसगढ़ की राजनीतिक गतिविधियों का विश्लेषण देता रहूँगा।

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