अयोध्या में राम मंदिर निर्माण के लिए तैयार हो रहा ब्लू प्रिंट

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गोण्डा
मर्यादा पुरुषोत्तम भगवान श्रीराम के अयोध्या में भव्य मंदिर निर्माण को लेकर नवगठित ट्रस्ट की ओर से मंदिर निर्माण और उससे जुड़ी गतिविधियों के लिए ब्लू प्रिंट बनाए जाने की कवायद शुरू हो गई है। इसे लेकर नवगठित ट्रस्ट के सभी सदस्यों ने अपने-अपने सुझाव तैयार करने शुरू कर दिए हैं। अयोध्या में राम मंदिर निर्माण के साथ-साथ ट्रस्ट की क्या-क्या गतिविधियां होंगी इसके लिए विचार विमर्श शुरू कर दिया गया है। इसकी पुष्टि बुधवार को यहां राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट के वरिष्ठ सदस्य व संघ के प्रांत कार्यवाह डॉ. अनिल मिश्र ने भी की है

19 फरवरी को नई दिल्ली में ट्रस्ट की पहली बैठक होने जा रही है। बैठक में किन-किन विषयों पर विचार होगा इसके लिए ट्रस्ट के सभी सदस्यों को अनौपचारिक एजेंडा भी भेजा जा रहा है। अतिमहत्वपूर्ण पहली बैठक में ट्रस्ट के स्वरूप, उसकी गतिविधियों और राम मंदिर निर्माण को लेकर की जाने वाली कार्रवाइयों के बारे में मंथन किया जाएगा। ट्रस्टी डॉ. मिश्र ने बताया कि करोड़ों देशवासियों की जनभावनाओं के अनुरूप राम मंदिर निर्माण हो इसका पूरा प्रयास किया जाएगा। उनके मुताबिक पहली बैठक में राम मंदिर निर्माण के लिए ट्रस्ट और निर्माण के लिए लेआउट पर विशेष विचार होगा।

बैठक में राम मंदिर निर्माण की तिथि की घोषणा भी संभावित है। ट्रस्ट सदस्य के मुताबिक यथाशीघ्र अयोध्या में भव्य मंदिर निर्माण की तिथि की घोषणा होगी। यह भी बताया गया कि पहली बैठक में सदस्यों की ओर से प्रस्ताव आने पर ट्रस्ट अध्यक्ष को चुना जा सकता है लेकिन अभी गठनकर्ता ट्रस्टी वरिष्ठ अधिवक्ता ही पदेन अध्यक्ष हैं। सदस्य डॉ. मिश्र ने बताया बैठक में नामित होने वाले सदस्यों के नामों पर विचार संभावित है। उन्होंने राम मंदिर निर्माण के लिए अधिग्रहीत परिसर में मलबे की चर्चाओं से इंकार किया।

ट्रस्ट सदस्य डॉ. मिश्र के मुताबिक राम मंदिर निर्माण तो ट्रस्ट का प्रमुख दायित्व है ही इसके साथ ही यह भी प्रयास होगा कि केन्द्र सरकार की ओर से ट्रस्ट को प्रदान की गई भूमि में मर्यादा पुरुषोत्तम के जीवन चरित्र से जुड़ी आर्ट गैलरी, स्मारक व ग्रंथों का संयोजन भी शामिल किया जाएगा।

राम मंदिर आंदोलन की नींव रखने वाली विश्व हिन्दू परिषद को लेकर ट्रस्ट गंभीर है। सदस्य डॉ. मिश्र के मुताबिक विहिप की भूमिका को नकारा नहीं जा सकता है। ऐसे में विहिप का सहयोग लिया जा सकता है। इसके लिए विचार चल रहा है। अंतिम फैसला ट्रस्ट की बैठक में होगा। उन्होंने बताया कि विहिप किस प्रक्रिया के तहत मंदिर निर्माण के लिए तराशे जा रहे पत्थर ट्रस्ट को सौंपेगी इस पर भी विचार किया जा रहा है।

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