WordPress database error: [Can't create/write to file '/tmp/#sql_2d884_3.MYI' (Errcode: 28 - No space left on device)]
SHOW FULL COLUMNS FROM `wp_options`

WordPress database error: [Can't create/write to file '/tmp/#sql_2d884_2.MYD' (Errcode: 28 - No space left on device)]
SHOW COLUMNS FROM `wp_aioseo_posts`

WordPress database error: [Can't create/write to file '/tmp/#sql_2d884_3.MYD' (Errcode: 28 - No space left on device)]
SHOW COLUMNS FROM `wp_aioseo_posts`

डीजीपी की नियुक्ति को लेकर सरकार लेगी विधि विशेषज्ञों की राय, शिवराज सिंह ने साधा निशाना - Jogi Express

डीजीपी की नियुक्ति को लेकर सरकार लेगी विधि विशेषज्ञों की राय, शिवराज सिंह ने साधा निशाना

0

भोपाल
नए डीजीपी की नियुक्ति को लेकर सरकार अब विधि विशेषज्ञों से राय ले सकती है। किसी भी स्थिति में सरकार डीजीपी की नियुक्ति को लेकर कोर्ट में नहीं जाना चाहती है। इसके चलते कुछ दिनों के लिए यह मामला होल्ड किया जा सकता है।  

सूत्रों की मानी जाए तो फिलहाल नए डीजीपी के चयन का मामला कुछ दिनों के लिए होल्ड हो गया है। इस पर अब कोई फैसला 20 फरवरी के बाद ही होने की संभावना है। इससे पहले सरकार विधि विशेषज्ञों से राय ले गई। दरअसल, सरकार को अब यह लगने लगा है कि यदि नियमों के इतर जाकर डीजीपी के पद पर नियुक्ति की तो मामला कोर्ट में पहुंच सकता है। इस आशंका को स्पेशल डीजी पुलिस रिफॉर्म मैथिली शरण गुप्त के सोशल मीडिया पर वायरल हुए संदेश के बाद ज्यादा गंभीरता से लिया जा रहा है। इस मामले में यह भी देखा जा रहा है कि राजेंद्र कुमार आईपीएस अफसर की सूची में छठवें क्रम पर हैं, ऐसे में यूपीएससी से उनका नाम पैनल में आने की संभावना भी कम है। ऐसे में सरकार नए डीजीपी की नियुक्ति को लेकर हर पहलू पर विचार करने के बाद निर्णय ले सकती है।

इधर, यह भी माना जा रहा है कि राजेंद्र कुमार को यदि डीजीपी बनाया गया तो उनका आदेश 29 फरवरी तक ही शासन को जारी करना होगा। एक मार्च के बाद वे नियमानुसार डीजीपी नहीं सकेंगे। दरअसल वे अगस्त में रिटायर होंगे, रिटायर होने के 6 महीने पहले तक ही डीजीपी बनाया जा सकता है।

पूर्व मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने डीजीपी को लेकर अस्थिरता और स्पेशल डीजी के डीजीपी मैथिलीशरण गुप्त के सोशल मीडिया पर आए बयान को लेकर निशानासाधा है। उन्होंने कहा कि प्रदेश के प्रशासन में अराजकता का माहौल है। व्यवस्थाएं ध्वस्त है। ऐसा लग रहा है कि जनता के हित और प्रदेश की प्रशासनिक नियंत्रण की स्थिति कांग्रेस के राजनीतिक हितों की बलि चढ़ जायेगी। अधिकारी स्वयं कहने लगे कि उन्हें फलां पद चाहिए। प्रदेश मजाक बनकर रह गया है।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *