भारतीय पुरुष हॉकी टीम ने विश्व चैंपियन बेल्जियम को चौंकाया, एफआईएच प्रो लीग में लगातार तीसरी जीत दर्ज की

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भुवनेश्वर 
भारतीय पुरुष हॉकी टीम ने शानदार फॉर्म जारी रखते हुए शनिवार को यहां विश्व चैंपियन बेल्जियम को 2-1 से हराकर उलटफेर किया और एफआईएच प्रो लीग में लगातार तीसरी जीत दर्ज की। एफआईएच प्रो लीग के शुरुआती दो मैचों में दुनिया की तीसरे नंबर की टीम नीदरलैंड को हराने के बाद भारत ने यहां कलिंग स्टेडियम में हुए रोमांचक मुकाबले में दुनिया की नंबर एक टीम बेल्जियम को शिकस्त देकर जीत की लय जारी रखी। मंदीप सिंह ने मैच के दूसरे ही मिनट में मैदानी गोल करके भारतीय टीम को आगे कर दिया लेकिन गौतियर बोकार्ड ने 33वें मिनट में पेनल्टी कॉर्नर पर ताकतवर ड्रैग फ्लिक से यूरोपीय चैंपियन बेल्जियम को 1-1 की बराबरी पर ला दिया। रमनदीप सिंह ने 47वें मिनट में पेनल्टी कॉर्नर से निर्णायक गोल दागा जिससे दुनिया की चौथे नंबर की टीम ने उसी स्टेडियम में दर्शकों के सामने जीत दर्ज की, जहां उसने नीदरलैंड को दो बार मात दी थी। इस शानदार जीत से भारत ने 2003 में आई विश्व रैंकिंग प्रणाली में पहली बार पांचवें से चौथे नंबर पर अपनी रैंकिंग मजबूत की। दोनों टीमें अब रविवार को इसी स्टेडियम में एक दूसरे के आमने सामने होंगी। अ 

पनी पहली एफआईएच हॉकी प्रो लीग में नीदरलैंड पर 5-2 और शूटआउट में 3-1 (नियमित समय में 3-3) की जीत से शानदार शुरुआत करने वाली भारत ने इस प्रतियोगिता में बेल्जियम की जीत की लय रोक दी। इस मैच से पहले बेल्जियम ने आस्ट्रेलिया के खिलाफ दोनों मैचों में 4-2 के समान अंतर से और फिर न्यूजीलैंड के खिलाफ 6-2 और 3-1 से जीत हासिल की थी। लेकिन वह भारत के खिलाफ मौकों को गोल में तब्दील करने में जूझती दिखी। बेल्जियम ने हालांकि गेंद अपने पास रखने में दबदबा बनाया, उसने 38 बार सर्कल में प्रवेश किया, 24 बार गोल की ओर निशाना लगाया और 12 पेनल्टी कॉर्नर हासिल किए लेकिन टीम सर्कल के अंदर सफलता हासिल नहीं कर सकी। भारतीय गोलकीपर पीआर श्रीजेश ने बेहतरीन प्रदर्शन किया और कृष्ण पाठक भी उतने ही चमकदार रहे जिन्होंने भारतीय रक्षापंक्ति को मजबूत रखा और मेहमान टीम के स्ट्राइकरों द्वारा बनाए गयए हर मौके को विफल किया। पाठक को ‘मैन आफ द मैच’ चुना गया, उन्होंने कहा, ‘हमने अच्छी शुरूआत की और कड़ी मेहनत की। हमें अपने डिफेंस पर गर्व है। ’’ बेल्जियम के कप्तान थामस ब्राइल्स ने टीम के मौके चूकने की बात स्वीकारी जिससे वह खुश नहीं थे। उन्होंने कहा, ‘यह मुश्किल मैच था और भारत से उसकी सरजमीं पर खेलना कभी भी आसान नहीं होता। हम अपने मौकों का फायदा नहीं उठा सके। कई मौके ऐसे रहे हैं जिसमें पेनल्टी कॉर्नर ने हमें बचाया है लेकिन आज भारतीय गोलकीपर अद्भुत था और उम्मीद करते हैं कि कल हम इसका बदला चुकता कर सकेंगे।’ 

भारतीयों ने तेज शुरूआत की और पदार्पण कर रहे राज कुमार पाल ने खेल के 90 सेकेंड के अंदर गोल करने का शानदार मौका बनाया और उन्होंने बायीं ओर से सर्कल पर खड़े दिलप्रीत को पास दिया। एक साल बाद भारतीय टीम में वापसी कर रहे युवा फारवर्ड दिलप्रीत ने गोल की ओर ताकतवर शाट लगाया जो डिफ्लेक्ट होकर मंदीप सिंह के पास गया जो बेल्जियम के गोलकीपर विन्सेंट वनाश्च के सामने खड़े थे और उन्होंने टीम को 1-0 से आगे कर दिया। पाठक ने सुनिश्चित किया कि बेल्जियम टीम वापसी नहीं करे। बेल्जियम ने 15 मिनट में कई मोके बनाये जिसमें पांच पेनल्टी कॉर्नर शामिल थे लेकिन पाठक उन्हें रोकने में व्यस्त रहे। बेल्जियम का गोल का इंतजार तीसरे क्वॉर्टर में समाप्त हुआ जब गौतियर बोकार्ड ने अपने खिलाड़ियों की अच्छी रणनीति से मुहैया कराए गयए मौके से पाठक को पछाड़ते हुए 33वें मिनट में गोल कर दिया। स्कोर 1-1 था तो अंतिम क्वॉर्टर काफी तनावपूर्ण रहा जिसमें भारत ने एक और गोल कर बेल्जियम को दबाव में ला दिया। यह गोल रमनदीप ने किया जिन्होंने बेल्जियम के खिलाड़ी के रिबाउंड पर गोल दागा। बेल्जियम ने हालांकि मैच के अंतिम मिनटों में पेनल्टी कॉर्नर हासिल किये लेकिन भारतीय खिलाड़ियों के संयम और गोलकीपर श्रीजेश के अनुभव ने सुनिश्चित किया कि टीम जीत दर्ज करे और अंक तालिका में दूसरे स्थान पर बनी रहे। बेल्जियम पांच मैचों में 11 अंक से अब भी शीर्ष पर बनी हुई है। यह भारत की बेल्जियम के खिलाफ 50वीं जीत थी। 

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