छत्तीसगढ़ -ओडिशा की सांस्कृतिक विरासत पर चर्चा

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रायपुर
संस्कृति विभाग द्वारा छत्तीसगढ़ के पुरातत्व और पड़ोसी राज्यों से संबंध पर आयोजित राष्ट्रीय शोध-संगोष्ठी का आयोजन महंत घासीदास स्मारक संग्रहालय के सभागार में किया गया। संगोष्ठी के उदघाटन सत्र के मुख्य वक्ता संबलपुर ओड़िशा से आए प्रोफेसर एस सी पंडा कहा कि प्राचीन दक्षिण कोसल के अंतर्गत छत्तीसगढ़ और पश्चिमी ओडिशा के समाहित होने और दोनों की सांस्कृतिक समानताओं पर विस्तार से अपनी बात कही। उन्होंने कहा कि भुवनेश्वर सहित महानदी के तट पर स्थित ओडिशा के अधिकांश मंदिर सोमवंशी राजाओं के द्वारा बनवाये गए थे, जिनकी राजधानी सिरपुर थी।

संगोष्ठी में कुल 55 शोधपत्र प्रस्तुत किए जाएंगे। शुभारंभ सत्र में कुल 18 शोधपत्रों का वाचन और पावर प्वाईंट के माध्यम से प्रदर्शन किया गया। इस मौके पर संस्कृति विभाग की वार्षिक शोध पत्रिका कोसल के 11 वें अंक, महंत घासीदास स्मारक संग्रहालय रायपुर की मार्गदर्शिका प्रगती के सोपान पुस्तिका और राष्ट्रीय शोध संगोष्ठी के शोध संक्षेपिका का विमोचन किया गया।

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