भारत में लेटेस्ट वॉर टेक्नोलॉजी लाने के लिए बोइंग तैयार

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 लखनऊ 
अमेरिकी एयरोस्पेस कंपनी बोइंग ने बृहस्पतिवार (6 फरवरी) को कहा कि वह भारत में परिवर्तनकारी क्षमता और समकालीन युद्धक तकनीक लाने के लिए तैयार है। बोइंग की नजर 25 अरब डॉलर से अधिक के दो बड़े लड़ाकू विमान सौंदों पर है। बोइंग भारतीय वायुसेना द्वारा 114 लड़ाकू विमानों के प्रस्तावित सौदे और भारतीय नौसेना के पोत पर तैनात होने वाले 57 विमानों की खरीद के प्रस्ताव का एक मजबूत दावेदार है।

कंपनी पहले ही घोषणा कर चुकी है कि यदि उसे भारतीय वायुसेना का सौदा मिल जाता है तो वह एफ/ए..18 सुपर हार्नेट विमानों की निर्माण इकाइयां स्थापित करने को तैयार है। बोइंग इंडिया के अध्यक्ष सलिल गुप्ते ने कहा, ''भारत को लेकर हमारी रणनीति का महत्वपूर्ण हिस्सा यह सुनिश्चित करना है कि हमारे रक्षा ग्राहकों के पास सबसे उन्नत प्लेटफॉर्म और क्षमताएं हों और जिसे ऐसे सर्विस मॉडल से मदद मिले जो मिशन को लेकर तैयारी को सुधारे, उच्च प्रदर्शन और सुरक्षा में सहायक हो।"

उन्होंने कहा, ''हमारी रणनीति का एक और हिस्सा क्षमताओं का उपयोग करना, नवोन्मेष, इंजीनियरिंग एवं उत्पादकता के फायदे लेना है। 'मेक इन इंडिया' के साथ नौकरियों का सृजन करने वाले और औद्योगिक क्षमता विकसित करने वाले वैश्विक प्रतिस्पर्धी एयरोस्पेस और डिफेंस इकोसिस्टम को बनाना है, जिसकी पेशकश भारत करता है।"

नौसेना के 57 जेट विमानों की खरीद के प्रस्ताव पर उन्होंने कहा कि एफ/ए-18 भारतीय नौसेना के विमानवाही पोतों के हिसाब से पूरी तरह अनुकूल हैं। वर्तमान समय में भारतीय नौसेना के पास एक विमानवाही पोत आईएनएस विक्रमादित्य है जो रूसी मूल का है। नौसेना की दीर्घकालिक योजना तीन विमानवाही पोत रखने की है। स्वदेशी तौर पर निर्मित विमानवाही पोत आईएनएस विक्रांत के 2022 तक पूरी तरह से परिचालित होने की उम्मीद है।

डिफेंस एक्सपो में बोइंग ने 'मेक इन इंडिया' के प्रयासों को तेज करने के लिए भावी निवेश को रेखांकित किया और उन क्षमताओं को भी रेखांकित किया, जो भारतीय सशस्त्र सेनाओं के लिए प्रस्तावित हैं। इनमें विशेष तौर पर अगली पीढ़ी के एफ/ए-18 ब्लॉक-तीन सुपर होरनेट लड़ाकू विमान शामिल हैं जिसके बारे में कंपनी का कहना है कि यह भारत के लिए परिवर्तनकारी क्षमता और समसामयिक युद्धक प्रौद्योगिकी प्रदान करेगा।

गत वर्ष अप्रैल में भारतीय वायुसेना ने करीब 18 अरब डालर कीमत के 114 जेट खरीद के लिए प्रारंभिक निविदा जारी की थी। इसे हाल के वर्षों में विश्व के सबसे बड़े सैन्य खरीद कार्यक्रम में से एक बताया जा रहा है। इस सौदे के शीर्ष दावेदारों में लॉकहीड का एफ..21, बोइंग एफ/ए..18, दसाल्ट एविएशन का राफेल, यूरोफाइटर टाइफून, रूसी मिग 35 और साब का ग्रिपेन शामिल हैं।

2018 में भारतीय नौसेना ने अपने विमान वाही पोतों के लिए 57 बहुद्देश्यीय लड़ाकू विमानों की खरीद की प्रक्रिया शुरू की थी। वर्तमान समय में विमानवाही पोत के लिए छह विमान अनुकूल हैं। इनमें राफेल (दसॉल्ट, फ्रांस), एफ/ए..18 सुपर हार्नेट (बोइंग, अमेरिका), मिग 29के (रूस), एफ..35बी और एफ 35सी (लॉकहीड मार्टिन, अमेरिका) और ग्रिपेन (साब, स्वीडन) शामिल हैं। एफ..18, राफेल और मिग..29 दो इंजन वाले विमान हैं, जबकि तीन अन्य एकल इंजन वाले हैं।

बोइंग के इंडिया आपरेशंस के प्रबंध निदेशक सुरेन्द्र आहूजा ने भारतीय वायुसेना द्वारा हाल में बोइंग के चिनूक हेवी लिफ्ट और एएच..64ई अपाचे लड़ाकू हेलीकाप्टर सेवा में शामिल करने का उल्लेख करते हुए कहा कि कंपनी देश में अपने ऑपरेशन को विस्तारित करने को तैयार है। उन्होंने साथ ही कहा कि कंपनी स्थानीय रोटरक्राफ्ट प्रशिक्षण एवं सुविधाओं के विकास पर ध्यान केन्द्रित करेगी।

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