सुस्ती से जूझ रही अर्थव्यवस्था का धीरे-धीरे पटरी पर आना शुरू

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नई दिल्ली
पिछले कुछ दिनों से आ रहे आर्थिक आंकड़े इस बात की पुष्टि कर रहे हैं कि देश की इकॉनमी अब धीर-धीरे पटरी पर आ रही है और सुस्ती के बादल छंट रहे हैं। मंगलवार को मैन्युफैक्चरिंग सेक्टर के आंकड़ों से खुशखबरी मिलने के बाद अब सेवा क्षेत्र के आंकड़ों ने भी कमाल कर दिया है।देश में सेवा क्षेत्र की गतिविधियों में वृद्धि जनवरी में सात साल के उच्च स्तर पर पहुंच गई है।

एक मासिक सर्वेक्षण के अनुसार नए ऑर्डर मिलने, अनुकूल बाजार परिस्थितियों और कारोबारी धारणा सकारात्मक रहने की वजह से गतिविधियों में तेजी देखी गई है। आईएचएस मार्किट इंडिया सर्विसेस बिजनस एक्टिविटी इंडेक्स (सेवा पीएमआई) जनवरी में 55.5 अंक पर रहा है, जबकि दिसंबर में यह 53.3 अंक था। यह 2013 से 2020 की अवधि में सेवा पीएमआई का सबसे ऊंचा स्तर है।

आईएचएस मार्किट में प्रधान अर्थशास्त्री पॉलियाना डि लीमा ने कहा, ‘2020 की शुरुआत में भारत के सेवा क्षेत्र में जान आ गई है। नरमी की आशंकाओं को धत्ता बताते हुए 2019 के अंत में बनी बढ़त पर सवार बाजार की गतिविधियों में वृद्धि देखी गई है।’ इस अवधि में नए ऑर्डर मिलने की स्थिति भी सात साल के सबसे बेहतर स्तर पर है। अधिकतर नए ऑर्डर घरेलू बाजार से मिले हैं, जबकि इस साल की शुरुआत से सेवा के निर्यात में गिरावट देखी गई है। इसकी वजह चीन, यूरोप और अमेरिका में मांग का कमजोर होना है।

बिक्री में मजबूती से आय बढ़ी
लीमा ने कहा कि बिक्री में मजबूत वृद्धि के चलते कारोबारों की आय बढ़ी है और इससे पैदा हुई मांग को पूरा करने के लिए सेवा प्रदाताओं ने अपनी क्षमता बढ़ाना जारी रखा है। यह नौकरी की चाह रखने वालों के लिए भी अच्छी खबर है, विशेषकर ऐसे समय में जब विनिर्माण उद्योग में अगस्त 2012 के बाद रोजगार निर्माण में वृद्धि का रुख देखा गया है।

एकीकृत पीएमआई भी बढ़ी
इस बीच एकीकृत पीएमआई उत्पादन सूचकांक (कंपोजिट पीएमआई आउटपुट इंडेक्स) जनवरी में सात साल के उच्च स्तर 56.3 अंक पर रहा है। दिसंबर में यह 53.7 अंक पर था। एकीकृत पीएमआई आउटपुट, सेवा और विनिर्माण क्षेत्र दोनों की गतिविधियों को दर्शाता है। पीएमआई का 50 अंक से नीचे रहना क्षेत्र में गतिविधियों के संकुचन और 50 अंक से ऊपर रहना गतिविधियों के विस्तार को दर्शाता है।

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