तेल कंपनियों की माली हालत खराब, सरकार मांग रही 19000 करोड़ रुपये का डिविडेंड

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नई दिल्ली
सरकार सार्वजनिक क्षेत्र की ऑइल कंपनियों से रेकॉर्ड 19,000 करोड़ रुपये का डिविडेंड मांग रही है। मामले से वाकिफ लोगों ने बताया कि सरकार अपनी माली हालत ठीक करने के लिए इतनी रकम मांग रही है। ONGC और इंडियन ऑयल से कहा गया है कि वे इस कुल रकम में से करीब 60 प्रतिशत हिस्सा दें।

पिछले साल जितना नहीं हुआ प्रॉफिट
फाइनैंस मिनिस्ट्री ने मांग की है कि सरकारी ऑइल कंपनियों को इस साल डिविडेंड भुगतान या तो पिछली बार जितना रखना चाहिए या बढ़ाना चाहिए। कंपनियों के अधिकारियों का कहना है कि इतनी बड़ी डिमांड करते समय यह भी तो देखा जाना चाहिए कि कंपनियों की प्रॉफिटेबिलिटी पिछले साल जितनी नहीं है।

5 फीसदी ज्यादा डिविडेंड की मांग
अधिकारियों ने यह शिकायत भी रखी कि एक ओर तो इन कंपनियों में सरकार अपनी हिस्सेदारी बेचती जा रही है, दूसरी ओर वह ज्यादा डिविडेंड मांग रही है। मामले से वाकिफ लोगों ने बताया कि ONGC को करीब 6,500 करोड़ रुपये, इंडियन ऑयल को 5,500 करोड़, BPCL को 2,500 करोड़, GAIL को 2,000 करोड़, ऑयल इंडिया को 1,500 करोड़ और इंजीनियर्स इंडिया को 1,000 करोड़ रुपये बतौर डिविडेंड सरकार को देने पड़ सकते हैं। इस साल जितने डिविडेंड की मांग की गई है, वह पिछले साल के मुकाबले करीब 5 प्रतिशत ज्यादा है।

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