प्राइवेट कंपनियां चलगाएंगी ट्रेन: पीयूष गोयल बोले, रेल के विकास की रफ्तार बढ़ाने के लिए जरूरी

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इंदौर 
रेलवे क्षेत्र में बड़ा निवेश जुटाने को सार्वजनिक-निजी भागीदारी (पीपीपी) मॉडल अपनाए जाने पर जोर देते हुए रेल मंत्री पीयूष गोयल ने कहा कि इस क्षेत्र में विकास की रफ्तार बढ़ाने के लिए निजी क्षेत्र का सहयोग बेहद जरूरी है। गोयल ने यहां मीडिया से कहा, 'कुछ यात्री गाड़ियां आज भी अशोक कुमार के गीत 'रेलगाड़ी' की तर्ज पर छुक-छुक करके चलती हैं। हम देश भर में धीमी गति की रेलगाड़ियों का जमाना खत्म करके उसी तरह तेज रफ्तार से चलने वाली मेमू रेलगाड़ियां और बिजली चालित अन्य सवारी रेलगाड़ियां चला सकेंगे, जैसे मुंबई के उपनगरीय इलाकों में यात्री ट्रेनें चलाई जा रही हैं।' रेल मंत्री ने रेलवे को निजी क्षेत्र के लिए खोलने के प्रस्तावों की पैरवी करते हुए यह बात कही। इन प्रस्तावों के विरोध के बारे में पूछे जाने पर गोयल ने कहा, 'आम लोग हल्ला नहीं कर रहे हैं। शायद आपको कहीं और हल्ला दिख रहा है। लोग तो इस बात का स्वागत कर रहे हैं कि भारतीय रेल नए युग में प्रवेश कर रही है।'

'12 साल में 50 लाख करोड़ निवेश का लक्ष्य' 
पीयूष गोयल ने बताया कि रेल मंत्रालय ने देश भर में रेलवे ढांचे के विस्तार और आधुनिकीकरण के जरिए यात्री गाड़ियों और मालगाड़ियों में सुविधाएं बढ़ाने के लिए अगले 12 साल में 50 लाख करोड़ रुपये का निवेश जुटाने का लक्ष्य तय किया है। गोयल ने कहा, 'रेलवे और सरकार के बजट में इतना वित्तीय प्रावधान संभव नहीं है जिससे इस बड़े निवेश लक्ष्य को हासिल किया जा सके। लिहाजा स्वाभाविक रूप से हमें पीपीपी मॉडल के आधार पर काम करना ही होगा।' 

'सरकार के हाथ में ही रहेंगे रेलवे के सूत्र' 
रेल मंत्री ने हालांकि रेलवे के निजी हाथों में चले जाने की आशंकाओं को खारिज करते हुए कहा, 'भारतीय रेल इस देश और इसके लोगों की धरोहर है और यह धरोहर आगे भी बनी रहेगी और रेलवे के सूत्र सरकार के ही हाथों में रहेंगे।' मीडिया से बातचीत से पहले, गोयल ने पड़ोस के उज्जैन शहर में स्थित महाकालेश्वर ज्योतिर्लिंग के दर्शन किए। इसके बाद उन्होंने श्रद्धालुओं और सैलानियों की सुविधा के लिए उज्जैन और काशी के बीच जल्द ही विशेष ट्रेन चलाने की यहां घोषणा की।

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