बालगोपाल चिल्ड्रन हॉस्पिटल में बेबी अनीता का हुआ जटिल आॅपरेशन

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रायपुर
बालगोपाल चिल्ड्रन हॉस्पिटल के डॉक्टरों की टीम ने एक बार फिर नवजात शिशु के अंदर अविकसित भ्रुण का सफल आॅपरेशन कर नवजात शिशु का न केवल नई जिंदगी दी बल्कि भविष्य में होने वाली असाधारण तकलीफों से भी उसे निजात दिलाई। इस प्रकार का यह सफल आॅपरेशन बालगोपाल चिल्ड्रन हॉस्पिटल में किया गया है।

यह जानकारी हॉस्पिटल के संचालक व नवजात शिशुरोग विशेषज्ञ डॉ. आनंद भट्टर ने पत्रकारवार्ता में दी। उन्होंने बताया कि राजनांदगांव की रहने वाली माली दंपत्ती की जब प्रारंभिक जांच हुई थी उस समय उन्हें जुड़वा बच्चे थे लेकिन फिर एक भ्रुण अविकसित रह गया और वह गर्भ में विकसित हो रहे दूसरे शिशु में ही रह गया। मेडिकल भाषा में इसे फीट्स इन फीटू कहा जाता है जिसका अर्थ है भ्रुण के अंदर भू्रण का होना। राजनांदगांव की बेबी अनीता माली को उसके पिता पेट में सूजन होने पर वहां के डॉक्टरों की सलाह पर जब सोनो ग्राफी कराने लेकर गए तो सोनो ग्राफी में पता चला कि छह दिन की इस नवजात शिशु के पेट के अंदर भू्रण है। डॉक्टर माली की जांच करने वाले शिशु रोग विशेषज्ञ डा. अनिमेश गांधी ने उन्हें रायपुर बाल गोपाल चिल्ड्रन हास्पिटल में ले जाने और परामर्श लेने का सुझाव दिया,क्योंकि इससे पूर्व भी नवजात शिशु के सफल जटिल आॅपरेशन यहां किए जा चुके हैं।

डॉ. आनंद भट्टर ने बताया  कि ढाई माह की बेबी अनीता के अभिभावक जब आॅपरेशन के लिये तैयार हुए तो बाल गोपाल चिल्ड्रन हॉस्पिटल की पूरी टीम को तैयार किया गया आॅपरेशन से पूर्व और बाद बेबी अनीता नवजात शिशु रोग विशेषज्ञ डॉ. आनंद भट्टर की चौबिस घंटे सतत निगरानी में रही। इस पूरे सफल आॅपरेशन में उनके साथ डॉ प्रशांत केडिया, डॉ. अर्णिमा जैन सर्जन, डॉ. नितीन शर्मा, डा. अरूण राठौर, एनेस्थिसिया डॉ. हर्षवर्धन की पूरी टीम थी। डॉ आनंद ने बताया कि यह एक प्रकार की असामान्य बीमारी है इससे पीड़ित शिशुओं की संख्या केवल 9-10 तथा यदि पूरे विश्व की बातें करे तो अब तक केवल 150-200 केस ही हुए हैं। इससे पूर्व भी वर्ष 2010 में 2 माह के युवराज साहू तथा 2016 में 19 दिन की बेबी खिलेश्वरी का इसी प्रकार का सफल आॅपरेशन बाल गोपाल चिल्ड्रन हॉस्पिटल में किया जा चुका है।

 

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