कड़ाके की ठंड में बच्चों का रखें खास ख्याल

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दिल्ली-एनसीआर समेत पूरे उत्तर भारत में कड़ाके की ठंड पड़ रही है। दिल्ली में तो ठंड का पिछले 118 सालों का रेकॉर्ड टूट चुका है। जमा देने वाली सर्दी पड़ रही है, शीतलहर चल रही है और अगले कुछ दिनों तक इसके यूं ही जारी रहने की आशंका है। न्यूनतम तापमान 4-5 डिग्री के आसपास बना हुआ है। इस तरह के मौसम में गर्म कपड़े पहनने के बाद भी बीमार पड़ने की आशंका बढ़ जाती है और सबसे ज्यादा ख्याल घर के बच्चों का रखना पड़ता है। इस कड़ाके की सर्दी में बच्चों की हिफाजत कैसे करनी है, इस बारे में हम आपको बता रहे हैं…

इस तरह बच्चों को कपड़े पहनाएं- छोटे बच्चों को बड़ों के मुकाबले हमेशा एक कपड़ा ज्यादा पहनाएं यानी अगर आप 2 कपड़े पहन रहे हैं तो बच्चों को 3 कपड़ों की जरूरत होगी।
– बच्चों के सिर, पैर और कानों को हमेशा ढककर रखना चाहिए। वे सिर और पैरों से ही ठंड की चपेट में आते हैं।
– छोटे बच्चों को कपड़े हमेशा लेयरिंग में पहनाएं। एक-दो मोटे कपड़े के बजाय 3-4 पतले कपड़े उनके शरीर को ज्यादा गर्म रखेंगे।
– हमेशा अंदर कॉटन के इनरवेयर पहनाएं। उसके ऊपर वॉर्मर, फिर शर्ट/टी-शर्ट आदि पहनाएं। उसके ऊपर स्वेटर और फिर जर्सी पहनाएं।
– ज्यादा ठंड हो तो टोपी/मफलर और ऊपर से हुड वाला जैकेट भी पहनाएं।
– वॉर्मर पहनाने के बाद ही पाजामा या पैंट पहनाएं।
– सर्दियों में कॉटन के बजाय ऊनी जुराबें पहनाएं।
– घुटनों के बल चलने वाले बच्चों को हाथों में मिटन्स या दस्ताने भी पहनाएं।

बच्चों को बहुत देर तक हीटर में न रखें
– हो सके तो बच्चे के आसपास हीटर इस्तेमाल न करें। अगर हीटर यूज करना ही है तो ऑइल वाले हीटर यूज करें। ये कमरे से ह्यूमिडीटी खत्म नहीं करते। इन्हें भी लगातार न चलाएं। घंटा, दो घंटा चलाकर बंद कर दें।
– इसी तरह बाहर जाने से करीब 15 मिनट पहले हीटर बंद कर दें, वरना कमरे के अंदर और बाहर के तापमान का फर्क बच्चे को नुकसान पहुंचा सकता है।

सर्दी में भी नहलाना है जरूरी
– नवजात (एक महीने तक) के बच्चे को 2-3 दिन छोड़कर नहलाना चाहिए। इतने छोटे बच्चों की रोजाना गुनगुने पानी में टॉवल भिगोकर स्पन्जिंग करनी चाहिए।
– इससे बड़े बच्चों को रोजाना नहलाना चाहिए। अगर सर्दी-जुकाम है तो एक दिन छोड़कर भी नहला सकते हैं। रोजाना नहलाने से बच्चे कीटाणुओं से दूर रहते हैं।
– बच्चों को बंद जगह पर नहलाना चाहिए। वहां हवा नहीं आनी चाहिए। अगर धूप में नहलाना चाहते हैं तो धूप शीशे से छनकर आनी चाहिए। खिड़की-दरवाजा खोलकर नहलाएंगे तो हवा लग सकती है।

सुलाते हुए रखें ध्यान
– बच्चे का बिस्तर गर्म रखें। उसके सोने से पहले हॉट वॉटर बॉटल रखकर बिस्तर को गर्म कर लें। बच्चे के सोने से पहले बॉटल वहां से हटा दें।
– बच्चे के बिस्तर पर पतली रजाई बिछाएं। इससे उसे गर्मी मिलेगी। बिस्तर गर्म रहेगा तो बच्चा अच्छी तरह सोएगा।
– रात में सोते हुए बच्चा रजाई/कंबल नहीं ओढ़ेगा, यह सोचकर कई लोग बच्चे को काफी ज्यादा कपड़े पहना देते हैं। यह सही नहीं है। सोते वक्त ज्यादा कपड़ा पहनाने से बच्चे को बेचैनी और सांस लेने में दिक्कत हो सकती है।

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