बैलाडीला कामधेनु परियोजना से मिलेगी आजीविका

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दंतेवाड़ा 12 दिसंबर 2019। पशु पालन अंतर्गत जिला प्रशासन द्वारा एनएमडीसी,सीएसआर एवं डीएमएफ मद से संचालित आजीविका संवर्धन एवं बैलाडीला कामधेनु परियोजना के सफल क्रियान्वयन हेतु हितग्राहियों को प्रशिक्षण प्रदान कर। उन्हें रोजगार मुहैया कराए जाने की योजना है। जिसके अंतर्गत हितग्राहियों को 9 से 15 दिसंबर तक मां दंतेश्वरी गौ संवर्धन एवं शोध केंद्र टेकनार में आवासीय प्रशिक्षण दिया जा रहा है। जिसमें डॉ सुरेंद्र मरकाम,डॉ मनोज यादव, डॉ एस मालवीय, डॉ विवेक पटेल, डॉ अशोक पटेल द्वारा प्रशिक्षण प्रदान किए जा रहे हैं।

संपूर्ण परियोजना का संचालन उप संचालक पशु चिकित्सा सेवा डॉ अजमेर सिंह कुशवाहा द्वारा किया जा रहा है। उन्होंने संपूर्ण परियोजना एवं प्रशिक्षण की जानकारी देते हुए बताया कि नक्सली ग्रसित एवं सुदूर अंचल के आदिवासी ग्रामीणों के लिए चालकीपारा बचेली में बैलाडीला कामधेनु परियोजना का निर्माण तेजी से किया जा रहा है। जिसमें पशुओं के लिए शेड, चारागाह आदि निर्मित किया जाएगा और इसका एक महीने में उद्घाटन किया जाएगा। इसमें 48 हितग्राहियों का चयन किया गया है, जिसमें प्रत्येक को एक गिर और एक साहिवाल नस्ल की गाय प्रदान की जाएगी और उन गायों से प्राप्त दूध ए 2 मिल्क नाम से जाना जाएगा। जिसे रूपये 70 प्रति लीटर की दर से एनएमडीसी खरीदेगा। साथ ही दूध से घी दही छाछ पनीर आदि दुग्ध उत्पाद 100 प्रतिशत शुद्ध एवं हाइजीनिक तरीके से बनाए जाएंगे। जिससे हितग्राहियों को अच्छी आमदनी होगी। जिसके लिए उन्हें सात दिवसीय आवासीय प्रशिक्षण दिया जा रहा है। इस सात दिवसीय आवासीय प्रशिक्षण के विषय है। डेयरी फार्म का परिचय महत्ता एवं ग्रामीण क्षेत्रों में इसे क्यों अपनाना चाहिए, इससे क्या फायदा मिलेगा, इसके बारे में बताया जा रहा है। साथ ही डेयरी फॉर्म की दैनिक गतिविधियों से अवगत कराया जाएगा।

पशुओं का चयन उनकी नस्लों के बारे में कृत्रिम गर्भाधान तथा उनके महत्व के बारे में पशुओं को किस प्रकार से पोषक आहार देना है। गाय दुधारू गाय बैल बछड़े को किस प्रकार से भोजन देना है। इसके बारे में भी बताया जा रहा है। पशुओं के लिए हरे चारे का उत्पादन हरे चारे के प्रकार और यूरिया युक्त पैरा का उपचार कर उसका चारा निर्माण करना। पशुओं के स्वास्थ्य प्रबंधन विभिन्न मौसम में होने वाली बीमारियों के प्रकार एवं उनसे बचाव बीमारियों के लक्षण पशुओं का टीकाकरण कृमि का दवाई खिलाना पशुओं का प्राथमिक उपचार करना, फार्म की साफ-सफाई हाइजीन सैनिटेशन शुद्ध दूध का उत्पादन दूध निकालने का टाइम दूध को एकत्र कर रखने के तरीके उससे विभिन्न दुग्ध उत्पादों का निर्माण गर्भधारण की हुई गाय एवं बछड़े का रखरखाव किस प्रकार करना है। उपरोक्त सभी जानकारियों के प्रशिक्षण के साथ उसका प्रेक्टिकल भी कराया जा रहा है।

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