September 21, 2024

कन्या छात्रावास में यौनाचार का बड़ा खुलासा, 14 वर्षीय आदिवासी छात्रा ने दिया मृत शिशु को जन्म

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छिंदवाड़ा
विवादित कार्यप्रणाली से सुर्खियों में रहने वाले  छिंदवाड़ा जिले का आदिम जाति कल्याण विभाग में चौकाने वाली खबर मिली। आर्थिक अनियमितता और हेराफेरी के बाद अब कन्या छात्रावास की नाबालिग14 वर्षीय आदिवासी छात्रा ने सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में एक मृत शिशु को जन्म दिए जाने से आला अधिकारी भी चौंक गए। जुन्नारदेव नगर के वार्ड क्रमांक 17 में स्थित बीईओ कार्यालय के बगल में और राजमार्ग से सटे इस कन्या छात्रावास परिसर के भीतर यौनाचार का बड़ा खुलासा हुआ!

 मामले की जानकारी आदिम जाति कल्याण विभाग के वरिष्ठ अधिकारियों को मिलने के बाद वे तत्काल विकासखंड मुख्यालय पहुंचे,और घटना की जानकारी लेते हुए कन्या छात्रावास की अधीक्षिका सुमन अरुण परते को तत्काल प्रभाव से सस्पेंड कर प्राचार्या चंद्रकला सातनकर को कारण बताओ नोटिस जारी किया। पुलिस ने इस घटना की प्राथमिकी दर्ज कर आरोपी युवक नीलेश कुमरे को गिरफ्तार कर लिया है। वहीं दूसरी ओर जुन्नारदेव पुलिस ने मृत शिशु का पोस्टमार्टम कराकर अंतिम संस्कार करवा दिया है। एसडीएम रोशन राय के निर्देश पर तहसीलदार कमलेश राम नीरज ने पीड़ित छात्रा के बयान दर्ज किए हैं।  

पुलिस के मुताबिक 14 वर्षीय रश्मि  (परिवर्तित नाम) के साथ नीलेश कुमरे ने बहला-फुसलाकर शरीरिक संबंध बना लिए गए थे, जिससे वह गर्भवती हो गई। दैहिक शोषण के दौरान नाबालिग के गर्भवती होने का राज उजागर ने होने छात्रावास में  यौनाचार की कहानी सामने आ गई। ऐसा कितनी बालिकाओं के साथ हो रहा है? यह सवाल इसलिए महत्वपूर्ण हो जाता है क्योंकि उक्त छात्रावास में शासन के दिशा-निर्देश के अनुसार प्रत्येक माह में छात्राओं का चिकित्सीय परीक्षण किया जाता है,लेकिन इस छात्रा का परीक्षण बीते 6 माह से नहीं कराया गया।

अधीक्षक सुमन अरुण परते स्वयं महिला होने के नाते पीड़िता को बीते 9 माह की गर्भावस्था के दौरान उसके शारीरिक संरचना में आए परिवर्तन को आखिर क्यों नहीं देख सकीं, या फिर संपूर्ण मामले की पूरी जानकारी होने के बाद भी मामले का छिपाकर रखा गया। जुन्नारदेव पुलिस इस मामले में प्राचार्य चंद्रकला सातनकर और अधीक्षक सुमन परते की भूमिका की जांच कर रही है।

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