देरी होने पर एयर इंडिया ने यात्रियों को दिया मुआवजा

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नई दिल्ली
सरकारी एयरलाइंस कंपनी एयर इंडिया ने बीते 28 मई को लंदन से मुंबई की फ्लाइट को हुए विलंब को लेकर हर यात्री को 47,700 रुपये का मुआवजा दिया है। विमान में तकनीकी खराबी आने की वजह से फ्लाइट को दो दिन से अधिक विलंब हुआ था। पहले तो कपंनी ने खेद जताते हुए किसी तरह की जवाबदेही लेने से मना किया था, लेकिन बाद में उसने मुआवजा देने का कदम उठाया।

सालाना 700 करोड़ की बचत
यह मुआवजा यूरोपीय संघ के नियमों के मुताबिक दिया गया है। यह एक महत्वपूर्ण घटनाक्रम है, क्योंकि भारत में विमान के विलंब होने पर कुछ ही यात्री मुआवजे की मांग करते हैं। भारतीय विमानन नियामक के अनुसार फ्लाइट कैंसल होने या कंपनी द्वारा बोर्डिंग से मना करने पर मुआवजे का प्रावधान है। एविएशन सेक्टर के विशेषज्ञों के मुताबिक, अधिकतर भारतीय यात्री मुआवजे की मांग नहीं करते हैं और इसकी वजह से भारत की एयरलाइन इंडस्ट्री मुआवजे के मद में सालाना 10 करोड़ डॉलर (700 करोड़ रुपये) बचाती है।

कंपनी ने जवाबदेही लेने से किया था इनकार
यात्रियों ने ई-मेल कर जब इंडियन एयरलाइंस से मुआवजा मांगा था, तो कंपनी ने खेद जताते हुए कहा था कि वह इसकी जवाबदेही लेने में सक्षम नहीं है। एयर इंडिया के एआई-130 विमान ने तकनीकी खराबी की वजह से 28 मई को 49 घंटे की देरी से उड़ान भरी थी।

3 घंटे की देरी पर जुर्माने का प्रावधान
यूरोपीय संघ के नियम 261/2004 के मुताबिक, यूरोप से उड़ान भरने वाला कोई भी विमान अगर अपने गंतव्य पर तीन घंटे से अधिक देरी से पहुंचता है तो कंपनी को हर यात्री को 47,700 रुपये जुर्माना देने का प्रावधान है।

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