September 20, 2024

बच्चों का बचपन बचाना समाज का कर्तव्य : राज्यपाल टंडन

0

भोपाल

राज्यपाल लालजी टंडन ने राजभवन में उनसे मिलने पहुँचे गरीब बस्तियों के बच्चों के कार्यक्रम में कहा है कि बच्चों को उन्मुक्त होकर उड़ने का आनंदमय वातावरण उपलब्ध कराना समाज की जिम्मेदारी है। उन्होंने कहा कि बच्चों को भारतीय संस्कृति, संस्कार और नैतिक मूल्यों की जानकारी परंपरागत किस्से-कहानी के माध्यम से दी जानी चाहिए।

राज्यपाल टंडन ने कहा कि बच्चों का बचपन उनका प्राकृतिक अधिकार है। नवजात बच्चा भी किलकारी मार कर और हाथ पैर चला कर खेल का आनंद प्राप्त करता है। उन्होंने कहा कि आज के यांत्रिक जीवन में बच्चों का बचपन का आनंद खो रहा है। बच्चों का बचपन बचाना समाज के हर सदस्य का कर्तव्य है। उन्होंने कहा कि भारतीय संस्कृति की शिक्षा प्रणाली में बच्‍चों को किस्से-कहानियों में जीवन की शिक्षा दी जाती थी। पचतंत्र जैसी अनेक पुस्तकें थीं, जिनमें खेल-खेल में नीति, उपदेश के बड़ी-बड़ी बातें सरलता से समझा दी जाती थी, जो जीवनभर उनका मार्गदर्शन करती थीं। उन्होंने कहा कि मध्यप्रदेश की धरती पर सांदीपनि जैसे महान गुरू हुए है, जिन्हें 24 कलाओं की विशेषज्ञता हासिल थी। उनके आश्रम में राजसी और निर्धन परिवार के सदस्य समान रूप से शिक्षा प्राप्त करते थे। सामाजिक विषमताओं के भेद-भाव के बिना, सभी बच्चों को आनंदमय वातावरण में शिक्षा मिलती थी। भगवान श्रीकृष्ण और सुदामा की मित्रता सांदीपनि ऋषि के आश्रम में ही हुई थी।

राज्यपाल ने कहा कि जिज्ञासा बच्चों का स्वाभाविक गुण है। शिक्षा ऐसी हो जो, उनकी प्रयोगधर्मिता को प्रोत्साहित करे। राज्यपाल ने बिना साधन के इच्छा शक्ति के बल पर समाज का श्रेष्ठ व्यक्ति बनने की कहानी सुना कर बच्चों को प्रेरित किया। राज्यपाल सहित सभी बच्चों ने खुले मन से उन्मुक्त हँसी साझा की। राज्यपाल ने कहा कि बच्चों को प्रकृति से साक्षात्कार करने के अवसर दिये जाने चाहिए। उन्हें पारंपरिक खेलों के प्रति प्रोत्साहित करना चाहिए। कार्यक्रम में गरीब बस्तियों के बच्चों ने राज्यपाल के साथ फोटो निकलवाई। बच्चों ने राजभवन में स्वल्पाहार किया और राजभवन का अवलोकन किया।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *