पहली प्रस्तुति विश्व रिकार्ड बने गर्व की बात : टंडन

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भोपाल

राज्यपाल लाल जी टंडन ने कहा है कि राष्ट्रीयता और वीरता का भाव बैंड वादन से जगता है। बच्चों द्वारा सामूहिक बैंड वादन की पहली प्रस्तुति का विश्व रिकार्ड बन जाना असाधारण उपलब्धि है। यह बच्चों के अदम्य उत्साह और हौसले का सफल परिणाम है। टंडन आज राजभवन में शौर्य स्मारक पर आयोजित सामूहिक बैंड वादन कार्यक्रम के विजेताओं के पुरस्कार वितरण कार्यक्रम को सम्बोधित कर रहे थे। राज्यपाल को कार्यक्रम में वर्ल्ड बुक आफ रिकार्ड्स लंदन द्वारा सामूहिक बैंड वादन कार्यक्रम को विश्व रिकार्ड में शामिल करने का प्रमाण-पत्र भेंट किया। इस अवसर पर 'भारत भाग्य विधाता' नाटक का मंचन भी हुआ।

राज्यपाल लाल जी टंडन ने कहा कि हौसलों के साथकिए गए प्रयासों की सफलता निश्चित है। बैंड प्रस्तुति में शामिल प्रदेश के बच्चों ने अपनी प्रतिभा और जज्बे से यह करके दिखा दिया है। हम सबके लिए गर्व की बात है। उन्होंने प्रस्तुति अवसर पर तेज बारिश से जुड़े प्रसंग का स्मरण करते हुये कहा कि बच्चों के हौसले और प्रतिभा का अद्भुत प्रदर्शन उन्हें प्रदेश आगमन के साथ ही कार्यक्रम में देखने को मिला, जब छोटे बच्चों ने तेज बारिश में भी बिना विचलित हुए कदमताल के साथ बैंड वादन किया। उन्होंने बच्चों को उज्जवल भविष्य की शुभकामनाएं दी।

टंडन ने कहा कि व्यक्ति से महात्मा बनने, विश्व का वैचारिक परिवर्तन कर नया आदर्श बनने और अहिंसक संघर्ष द्वारा गुलामी से आजादी दिलाने वाले महात्मा गांधी क्या थे, यह बताने का प्रयास नाट्क भारत भाग्य विधाता है। उन्होंने कहा कि देश को आजादी दिलाने के लिए हम सब भारतीय उनके ऋणी हैं। उनके जीवन का अनुसरण ही उनके प्रति सच्ची श्रद्धांजलि है। महात्मा गांधी की 150 वीं जन्म जयंती वर्ष पर कार्यक्रम का आयोजन गांधी जी के संबंध में भावी पीढ़ी को अनुकरण के लिए प्रेरित और प्रोत्साहित करने का प्रयास है।  

रंगमंचीय कौशल से साक्षात हुए बापू

पुरस्कार वितरण उपरान्त गुजरात के श्रीमद् राजचंद्र मिशन धरमपुर की ओर से प्रसिद्ध नाटक 'भारत भाग्य विधाता' का राजभवन के मुक्ताकाश में मंचन हुआ। जिसमें  मोहन से महात्मा तक का सफर मंच पर जीवंत व साकार हुआ। 'भारत भाग्य विधाता' में बापू को देख-सुनकर दर्शक सम्मोहित से हो उठे। मोहनदास गांधी 6 अप्रेल 1930 को दांडी यात्रा के दौरान नमक हाथ में लेते हैं तो लोग देखते रह जाते हैं। उस समय वहां मौजूद कुछ लोगों ने गांधी से कहा कि आपने तो यहां खड़े-खड़े अंग्रेजों के जहाज डुबो दिए। इस पर गांधी ने कहा -'किसी को झुकाने के लिए उसे छूना जरूरी नहीं है।' इस एक वाक्य में गांधी जी की अहिंसा पर व्यवहारिक अभिव्यक्ति ने दर्शकों को मंत्रमुग्ध कर दिया। साबरमती के संत, अहिंसा के पुजारी, हम सबके बापू मंच पर साक्षात अपनी बात कह रहे थे, संदेश दे रहे थे और सम्मोहित से दर्शक उन्हें निहार रहे थे। उनकी बातें ध्यान से सुन रहे थे। बापू का यह वाक्य साक्षात जीवंत रूप ले रहा था- मेरा जीवन ही मेरा संदेश है। उनका जीवन दर्शकों के सामने था। हालांकि यह बापू के साक्षात सामने होने का आभास भर था, लेकिन रंगमंचीय कौशल ने इसे सत्य के प्रयोग के करीब पहुंचा दिया था। वही सत्य का प्रयोग, जो बापू करते थे, इस तरह आभासीय और मंचीय प्रयोगों से लोगों को वास्तविक सत्य के करीब ले गया। नाटक में लगभग 70 कलाकारों के माध्यम से गाँधी जी के बचपन, युवावस्था और प्रौढ़ावस्था में उनके विचारों और कार्यों का प्रस्तुतिकरण किया गया। संगीत नाटक अकादमी नई दिल्ली के सहयोग से प्रदर्शित इस नाटक के लेखक प्रकाश कापड़िया एवं दिग्दर्शक राजेश जोशी है। इस नाटक में गांधी के युवा रूप में चिराग और प्रौढ़रूप में पुलकित सोलंकी ने अभिनय किया।

बैंड वादन में प्रथम को एक लाख, द्वितीय को 50 हजार रूपये

  बैंड दल में प्रथम पुरुस्कार सेंट जोसफ कान्वेंट ईदगाह हिल्स भोपाल को ट्राफी, प्रशस्ति पत्र और एक लाख रूपये की राशि, द्वितीय पुरुस्कार सेंट जेवियर हायर सेकण्डरी स्कूल भोपाल को 50 हजार रूपये की राशि मिली। सहभागी टीम में मॉडल हायर सेकण्डरी स्कूल टी.टी. नगर भोपाल, शासकीय सरोजनी नायडू कन्या उच्चतर माध्यमिक विद्यालय भोपाल, कमला देवी पब्लिक स्कूल भोपाल, रेड रोज उच्चतर माध्यमिक विद्यालय भोपाल, शारदा विद्या मंदिर भोपाल, केम्पियन हायर सेकण्डरी स्कूल भोपाल, प्रकाश हायर सेकण्डरी स्कूल भोपाल, केम्पियन हायर सेकण्डरी स्कूल भोपाल, होली फेमिली हायर सेकण्डरी स्कूल भोपाल, सेंट थेरेसा हायर सेकण्डरी स्कूल भोपाल, होली क्रास को-एड हायर सेकण्डरी स्कूल भोपाल, शासकीय हमीदिया बालक उच्चतर माध्यमिक विद्यालय भोपाल, शासकीय उच्चतर माध्यमिक विद्यालय निशातपुरा भोपाल एवं सेंट जोसेफ को-एड स्कूल भोपाल सहित 15 स्कूलों के बच्चों को पुरस्कार में ट्राफी, प्रशस्ति पत्र प्रदान किये गये।

इस अवसर पर अपर मुख्य सचिव सामान्य प्रशासन विभाग के.के. सिंह, प्रमुख सचिव स्कूल शिक्षा श्रीमती रश्मि अरूण शमी, आयुक्त स्कूल शिक्षा श्रीमती जयकियावत, बड़ी संख्या में स्कूली बच्चे, अभिभावकगण और नाट्य प्रेमी उपस्थित थे।

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