सुधार के बाद दोबारा छपेगा CM कमलनाथ के जन्मदिन का शुभकामना विज्ञापन

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भोपाल
सीएम कमलनाथ (cm kamalnath) के जन्मदिन का शुभकामना संदेश का विज्ञापन ( advertisement)) अब अख़बारों में मंगलवार को दोबारा दिखाई देगा. लेकिन इस बार गड़बड़ी सुधार कर छापा जाएगा. विज्ञापन में सीएम के अब तक के राजनीतिक सफर का गुणगान होगा.

सीएम कमलनाथ के जन्मदिन पर विवादित विज्ञापन छापने के बाद कांग्रेस बगलें झांक रही है. मंत्रियों को सफाई देते नहीं बन रहा. विज्ञापन में छपी आपत्तिजनक बातों को जब मीडिया ने उछाला तो पार्टी बैकफुट पर आ गयी. दिनभर बयान आते रहे और शाम होते-होेते जनसंपर्क मंत्री पी सी शर्मा का बयान आ गया कि विज्ञापन में हुई गलतियों को सुधार कर उसे दोबारा छापा जाएगा.

विज्ञापन में सुधार होगा – जनसंपर्क मंत्री पी सी शर्मा का कहना है, विज्ञापन एजेंसी ने विज्ञापन छापा है. इसके पीछे एजेंसी की ग़लती लगती है. उस ग़लती को सुधार कर मंगलवार को फिर से विज्ञापन छापा जाएगा.जो भी इस गड़बड़ी में शामिल है,उन पर कार्रवाई की जाएगी.

भूरिया का आरोप-कांग्रेस के वरिष्ठ नेता कांतिलाल भूरिया (kantilal bhuria) को लगता है कि सीएम कमलनाथ (cm kamalnath) के जन्मदिन पर विवादित विज्ञापन (controversial advertisement) छापना, बीजेपी (bjp) की साज़िश है. वो यहां तक कह गए कि भाजपा वाले ही पैसे देकर इस तरह के विज्ञापन छपवाते हैं.उन्होंने कहा, ये जांच का विषय है कि विज्ञापन कैसे छपा, किसने छपवाया. भूरिया ने कहा,विज्ञापन में मनगढ़ंत बातें हैं. कमलनाथजी एक स्थापित नेता हैं. उन्होंने दिल्ली में काम किया है,महत्वपूर्ण विभागों में काम किया है.

मध्य प्रदेश कांग्रेस कमेटी की ओर से जारी विज्ञापन में सीएम कमलनाथ को खास बनाने वाली 9 बातों का उल्लेख किया गया था. इनमें जिन बातों को लेकर सवाल खड़े हो रहे हैं उनमें पहली है छिंदवाड़ा सीट से कमलनाथ की हार. इसमें बताया गया है कि छिंदवाड़ा से कमलनाथ को 1996 में हार का सामना करना पड़ा था. उस समय उन्हें सुंदरलाल पटवा ने चुनाव मैदान में पटखनी दी थी. इसके बाद एक और बात जिस को लेकर चर्चा हो रही है वह आपातकाल के दौरान की है. इसमें बताया गया है कि आपातकाल के बाद 1979 में जनता पार्टी की सरकार के दौरान संजय गांधी को एक मामले में कोर्ट ने तिहाड़ जेल भेज दिया था. तब संजय की मां इंदिरा गांधी उनकी सुरक्षा को लेकर चिंतित थीं. कहा जाता है कि तब कमलनाथ जान-बूझकर एक जज से लड़ पड़े और जज ने उन्हें सात दिन के लिए तिहाड़ भेज दिया. वहां वो संजय गांधी के साथ ही रहे.

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