कोहली की कप्तानी में बढ़ा है तेज गेंदबाजों का दबदबा

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नई दिल्ली 
टीम इंडिया का मौजूदा पेस बोलिंग अटैक कमाल का है। तेज गेंदबाज लगातार दमदार प्रदर्शन कर रहे हैं। इशांत शर्मा, मोहम्मद शमी, जसप्रीत बुमराह और उमेश यादव जैसे तेज गेंदबाजों ने भारत ही नहीं विदेशों में भी अपने कौशल का डंका बजाया है। कप्तान विराट कोहली ने भी उन पर पूरा भरोसा दिखाया है। आंकड़े इस बात के गवाह भी हैं। 

10 टेस्ट में पेसरों को 123 विकेट 
भारतीय गेंदबाजों ने पिछले 10 टेस्ट मैचों में 186 विकेट हासिल किए जिसमें से 123 विकेट तेज गेंदबाजों के खाते में गए जो पिछले कुछ वर्षों में भारतीय आक्रमण में सीम और स्विंग की बढ़ती ताकत का सबूत है। भारतीय टीम अगर पिछले एक साल में 10 में से आठ मैच जीतने में सफल रही तो उसमें तेज गेंदबाजों का योगदान अहम रहा जिन्होंने इन मैचों में 102 विकेट हासिल किए। रविचंद्रन अश्विन और रविंद्र जडेजा की अगुवाई में स्पिनरों ने ऐसे मैचों में 54 विकेट लिए।

पेसरों का बढ़ता दबदबा 
यह तेज गेंदबाजों के बढ़ते दबदबे का ही असर है कि केवल एक गेंदबाज पिछले सभी 10 मैचों में खेला और वह शमी हैं जिन्होंने इस बीच 18.42 की औसत से 45 विकेट लिए। उनके अलावा बुमराह ने 6 मैचों में 34, इशांत ने 8 मैचों में 27 और उमेश ने चार मैचों में 17 विकेट हासिल किए। स्पिनरों में रविचंद्रन अश्विन (5 मैच) और जडेजा (8 मैच) ने 26-26 विकेट चटकाए। 

पहले स्पिनरों पर निर्भर थी टीम 
भारत 1932 से टेस्ट क्रिकेट खेल रहा है और लंबे समय तक उसका आक्रमण स्पिनरों पर निर्भर रहा। भारत ने अब तक 539 मैच खेले हैं जिनमें गेंदबाजों ने 7760 विकेट लिए जिनमें से तेज या मध्यम गति के 112 गेंदबाजों ने 3260 और 97 स्पिनरों ने 4401 विकेट प्राप्त किए। बाकी 99 विकेट ऐसे गेंदबाजों ने लिए जो स्पिन और मध्यम गति दोनों तरह से गेंदबाजी करते थे जैसे दत्तू फडकर जिन्होंने अपने करियर में 62 विकेट लिए। 

कैप्टन कोहली का प्रदर्शन भी खास 
इन 539 मैचों में से कोहली 52 मैचों में टीम की कप्तानी कर चुके हैं जिनमें गेंदबाजों ने 911 विकेट लिए हैं। इसमें तेज गेंदबाजों का योगदान 434 विकेट और स्पिनरों का 477 विकेट है। स्पिनरों ने इनमें से 307 विकेट घरेलू सरजमीं पर खेले गये 25 मैचों में लिए जबकि तेज गेंदबाजों ने ऐसे मैचों में 151 विकेट हासिल किए। इंदौर में बांग्लादेश के खिलाफ खेले गए मैच में तेज गेंदबाजों ने 14 विकेट हासिल किए। यह घरेलू मैदानों पर एक मैच में भारतीय तेज गेंदबाजों का सातवां सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन है। रेकॉर्ड 17 विकेट का है जो उन्होंने 2017 में श्रीलंका के खिलाफ कोलकाता में बनाया था। 

देश-विदेश में छोड़ी छाप 
इससे पता चलता है कि पिछले कुछ वर्षों में तेज गेंदबाजों ने देश और विदेश दोनों जगह अपनी छाप छोड़ी है। पिछले चार वर्षों के आंकड़ों पर गौर करें तो इस बीच तेज गेंदबाजों को 408 और स्पिनरों को 418 विकेट मिले। कोहली अभी तक 52 मैचों में कप्तानी कर चुके हैं जिनमें से भारत को रेकॉर्ड 32 मैचों में जीत मिली है। इन जीते गए मैचों में स्पिनरों ने अगर 346 विकेट लिए तो तेज गेंदबाज भी 275 विकेट लेकर बहुत पीछे नहीं रहे। 

धोनी के कार्यकाल में ज्यादा विकेट 
कोहली की कप्तानी में भारत ने 19 मैच स्वदेश में जीते हैं। अगर अन्य भारतीय कप्तानों के कार्यकाल में तेज और स्पिन गेंदबाजों के रिकार्ड पर गौर करें तो महेंद्र सिंह धोनी की कप्तानी में गेंदबाजों को अब तक सर्वाधिक 936 विकेट मिले। धोनी ने हालांकि 60 मैचों में कप्तानी की जिनमें 466 विकेट तेज गेंदबाजों और 470 विकेट स्पिनरों ने लिए। भारत के सबसे सफल कप्तानों में से एक सौरभ गांगुली के कप्तानी में 49 मैचों में स्पिनरों ने 404 और तेज गेंदबाजों ने 361 विकेट लिए। 

कप्तानों का ऐसा रेकॉर्ड 
मोहम्मद अजहरूद्दीन (47 मैच) की अगुआई में स्पिनरों ने 379 और तेज गेंदबाजों ने 319, सुनील गावसकर (47 मैच) के नेतृत्व में स्पिनरों ने 310 और तेज गेंदबाजों ने 304, मंसूर अली खां पटौदी (40) की कप्तानी में स्पिनरों ने 468 और तेज गेंदबाजों ने 109, कपिल देव (34) के नेतृत्व में स्पिनरों ने 228 और तेज गेंदबाजों ने 211, सचिन तेंदुलकर (25) की अगुआई में स्पिनरों ने 157 और तेज गेंदबाजों ने 182 तथा राहुल द्रविड़ (25) की कप्तानी में स्पिनरों ने 186 और तेज गेंदबाजों ने 211 विकेट लिए थे।

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