MP के गवर्नर ने शिवराज के घर किया लंच, तो बिगड़ा कांग्रेस का ‘जायका’, दोनों तरफ से बयानबाजी

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भोपाल
मध्य प्रदेश (Madhya Pradesh) के राज्यपाल लालजी टंडन (Governor Lalji Tandon) राज्य के पूर्व मुख्यमंत्री और भाजपा नेता शिवराज सिंह चौहान (Shivraj Singh Chouhan) के बुलावे पर उनके 74 बंगले स्थित सरकारी बंगले पर लंच के लिए क्या पहुंचे, एमपी की सियासत गर्मा गई. राज्यपाल ने शिवराज के साथ लंच किया और करीब दो घंटे तक बंगले पर रुके, जिसके बाद सियासी बयानबाजी शुरू हो गई. कांग्रेस (Congress) ने राज्यपाल के भाजपा (BJP) नेता के आवास पर लंच करने को लेकर आरोप लगाया है कि शिवराज सिंह चौहान प्रदेश की सरकार (Kamalnath Government) को गिराने की साजिश रच रहे हैं. वहीं बीजेपी ने इस बयान पर कांग्रेस को जवाब देते हुए कहा है कि राज्यपाल संवैधानिक पद पर हैं, वे कहीं भी जा सकते हैं. कांग्रेस इसको लेकर छींटाकशी न करे.

राज्यपाल के लंच को लेकर राजनीतिक गलियारे में सियासी चर्चाएं भी होने लगी हैं. कांग्रेस नेता मानक अग्रवाल का कहना है कि राज्यपाल बीजेपी के वरिष्ठ नेता के साथ आरएसएस के कार्यकर्ता रहे हैं. उन्होंने शिवराज के साथ लंच कर अपना धर्म निभाया है. हालांकि राज्यपाल एक संवैधानिक पद है और किसी पार्टी के नेता के घर जाने पर सियासी चर्चा तो होगी. उन्होंने आरोप लगाया, 'शिवराज सरकार गिराने के लिए राज्यपाल से कह रहे हैं, लेकिन बहुमत की वजह से ऐसा होगा नहीं. पीएम मोदी शिवराज से नाराज हैं और कहीं इस लंच के बाद राज्यपाल को हटा दिया न जाए.'

कांग्रेस की तरफ से आए बयान पर बीजेपी ने पलटवार किया है. बीजेपी विधायक मोहन यादव ने कहा कि कांग्रेस छींटाकशी करना बंद करे. राज्यपाल किसी के भी बुलावे पर जा सकते हैं, इस पर किसी तरह की राजनीति नहीं करनी चाहिए. जो नेता इस पर राजनीति कर रहे हैं, सवाल उठा रहे हैं, उन नेताओं को कांग्रेस को डांटना चाहिए. उन्होंने कहा कि कांग्रेस के नेता अपनी मर्यादा भूल रहे हैं. राज्यपाल को लेकर सवाल खड़े नहीं करना चाहिए.

राज्यपाल के लंच को लेकर सियासत के पीछे प्रह्लाद लोधी और निगमों का बंटवारा, मुख्य वजह बताई जा रही है. दरअसल, प्रदेश की राजनीति में इस समय ये दोनों मामले गर्माए हुए हैं. बीजेपी के तमाम बड़े नेता कई दौर की मुलाकात राज्यपाल से कर चुके हैं. वहीं इन नेताओं ने कई बार कमलनाथ सरकार को गिराने संबंधी बयान भी दिया है. ऐसे में राज्यपाल के शिवराज के बंगले पर लंच करने को लेकर सियासी गलियारों में चर्चा लाजिमी है. आरोप है कि कई मुद्दों को लेकर शिवराज ने राज्यपाल के साथ अनौपचारिक चर्चा की है. ऐसे में जबकि प्रदेश की सत्ताधारी और प्रमुख विपक्षी पार्टी के बीच टकराव के हालात बने हुए हैं, राज्यपाल का शिवराज के घर लंच करना, प्रदेश की राजनीति को लेकर सियासी सवाल तो उठाता ही है.

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