सुप्रीम कोर्ट ने मलविंदर और शिविंदर सिंह को अवमानना का दोषी ठहराया

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नई दिल्ली
सुप्रीम कोर्ट ने देश की दिग्गज दवा कंपनी रैनबैक्सी के पूर्व प्रमोटर भाइयों मलिवंदर और शिविंदर सिंह को जापानी कंपनी दाइची सांक्यो केस में दोषी पाया गया है। दवा बनाने वाली दाइची सांक्यो ने 3,500 करोड़ रुपये नहीं चुकाने पर सिंह बंधुओं के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में याचिका दाखिल की थी।

देश की सर्वोच्च अदालत ने कहा कि सिंह बंधुओं ने फोर्टिस हेल्थकेयर में अपने शेयर नहीं बेचे जो उसके आदेश का उल्लंघन है। सिंगापुर की ट्राइब्यूनल ने 2016 सिंह बंधुओं को कहा था कि वह दाइची को 3,500 करोड़ रुपये दें। दाइची ने सुप्रीम कोर्ट से गुहार लगाई थी कि वह सिंह बंधुओं से ट्राइब्यूनल के इस आदेश का पालन करवाए।

मलविंदर सिंह और शिविंदर सिंह ने 2008 में रैनबैक्सी को दाइची सांक्यो के हाथों बेच दिया था। बाद में सन फार्मास्यूटिकल्स ने दाइची से 3.2 अरब डॉलर में रैनबैक्सी को खरीद लिया।

इस वर्ष मार्च महीने में दाइची ने सिंह बंधुओं के खिलाफ अदालत की अवहेलना का केस दर्ज करवाया था। उसने अपने आरोप में कहा था कि सिंह बंधु कोर्ट के आदेश को दरकिनार करते हुए अपनी संपत्ति बेच रहे हैं। जापानी दवा निर्माता कंपनी का आरोप है कि सिंह बंधुओं ने उसे रैनबैक्सी बेचते हुए कई तथ्य छिपाए थे।

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