प्रतापपुर में चिलचिलाती धूप में बच्चो को दिला रहे थे स्वच्छता की शपथ :वही धूप से बचने अधिकारी पंडालो से देते रहे भाषण:गर्मी से बच्चो का हुआ बुरा हाल

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जोगी एक्सप्रेस 

ब्यूरो अजय तिवारी 

 सूरजपुर /प्रतापपुर प्रतापपुर में आयोजित स्वच्छता ही सेवा रैली के दौरान ऐसे नजारे देखने को मिले जो शायद कोई भी व्यक्ति बर्दाश्त न कर सकें,अधिकारियों ने इस दौरान अपनी सुविधा का तो पूरा ध्यान रखा लेकिन स्कूली बच्चों पर जुल्म करते नजर आए।चिलचिलाती धूप के बाद बारिश में भींगते हुए बच्चों को रैली में जाना पड़ा और अधिकारी छाया में आराम से बैठे रहे,बच्चों को पीने का पानी नसीब नहीं हुआ और अधिकारी बोतल बन्द पानी पीते रहे,जनपद कार्यालय द्वारा आयोजित इस कार्यक्रम के बाद स्थानीय लोगों के साथ अभिभावकों में आक्रोश है तथा कार्यवाही की मांग की जा रही है।
 मिली जानकारी के अनुसार स्वच्छता के प्रति लोगों को जागरूक करने के उद्देश्य से स्वच्छता ही सेवा नाम से कार्यक्रम शासन द्वारा चलाया जा रहा है जिसके तारतम्य में आज प्रतापपुर में भी रैली निकाल बस स्टैंड में कार्यक्रम आयोजित किया गया जिसमें कई स्कूलों के बच्चे शामिल थे। कार्यक्रम का आयोजन जनपद पंचायत प्रतापपुर द्वारा आयोजित किया गया था जिसमें एसडीएम ज्योति सिंह,मुख्यकार्यपालन अधिकारी राजेश सिंह सेंगर,जनपद उपाध्यक्ष संतोष सिंह के साथ स्कूलों के प्राचार्य भी शामिल थे। कार्यक्रम के दौरान रैली बस स्टैंड से शुरू होकर थाना तक गयी और फिर वहां से वापस बस् स्टैंड आयी,इस दौरान चिलचिलाती धूप थी और करीब दो किमी की पदयात्रा उन्हें करनी पड़ी,रैली के  दौरान बारिश भी हुई और बच्चे भींगे भी,कार्यक्रम आयोजित करने वाले जनपद सीईओ और एसडीएम इस रैली में शामिल नहीं थे क्योंकि कड़ी धूप थी केवल शिक्षक और छोटे कर्मचारियों की ड्यूटी रैली में लगा दी गयी थी। रैली में जो हुआ सो हुआ ही बस् स्टैंड में आयोजित कार्यक्रम में तो अधिकारियों ने और हद पार कर दी,अपने बैठने के लिए इन्होंने स्टेज बनवाया था,छाया करवाई थी जिसमें ये अधिकारी और जनप्रतिधि बड़े आराम से बैठे थे किंतु बच्चे,उनके नसीब में फिर वही चिलचिलाती धूप ही थी। मानवता को शर्मसार करते अधिकारियों का कारनामा यहीं नहीं रुका,खुद तो वे बोतल बन्द पानी पी रहे थे और बच्चों के नसीब में टैंकर का पानी भी नहीं था,पीने के पानी की कोई व्यवस्था इन्होंने नहीं कि थी। तीन घंटे से ज्यादा समय तक बच्चों को जबरन धूप और बारिश में रखने के बाद आखिर में अधिकारियों को बच्चों की याद आयी और दो रुपये के पैकेट वाला पार्ले जी बिस्किट उन्हें थमा दिया जो भी सभी बच्चों के लिए नहीं था। स्वच्छता ही सेवा के तहत जनपद पंचायत प्रतापपुर द्वारा आयोजित रैली और बस् स्टैंड में कार्यक्रम मानवता को शर्मसार करने वाली थी जिसमें स्कूली बच्चों के ही पालक स्वरूप प्राचार्य मूक दर्शक बन तमाशा देख रहे थे। 

धूप में तपेंगे तभी अच्छे नागरिक बनेंगे-सीईओ

कार्यक्रम के आयोजक जनपद सीईओ राजेश सेंगर इतने में ही नही रुके,तीन घंटे से ज्यादा स्कूली बच्चों को प्रताड़ित करने के बाद खुद छाया में बैठ बच्चों को धूप में तपने की सलाह दे डाली। अपने भाषण में उन्होंने कहा कि धूप बहुत तेज है लेकिन अच्छे नागरिक बनने के लिए धूप तो बर्दाश्त करना पड़ेगा,जो धूप में तपेगा वही अच्छा नागरिक बनेगा। धूप में तपने का उपदेश देने वाले राजेश सेंगर यह भूल गए कि वे खुद छाया में पंडाल के नीचे बैठे हैं और जिन्हें धूप में बैठाया गया है  वे स्कूली बच्चे हैं जो शायद जबरन यहाँ लाये गए थे जिन्हें इस कार्यक्रम से कोई मतलब नहीं था।

बच्चे तप रहे थे और ये भाषण दे रहे थे

स्कूली बच्चे चिलचिलाती धूप में तप रहे थे और भाषण देने वाले रुकने का नाम नहीं ले रहे थे जबकि वे साफ बच्चों की पीड़ा देख रहे थे लेकिन उन्हें तो शासन प्रशासन की नजर में वह वाही लूटनी थी। कार्यक्रम में उपस्थित अधिकारी और जनप्रतिनिधि एक एक कार भाषण दे रहे थे ओ भी छोटा नहीं,मंच संचालन कर्ता का भी यही हाल था अधिकारियों के महिमा मंडन में वे भी भूल गए थे कि बच्चे धूप में बैठे हैं। जानबूझकर अधिकारियों द्वारा कार्यक्रम को लम्बा किया जा रहा था जबरदस्ती के भाषण से जबकि इन बच्चों के अलावा उन्हें सुनने वाला कोई नागरिक नहीं था। आयोजन कर्ता शायद यह भूल गए थे कि सुप्रीम कोर्ट ने इस तरह के कार्यक्रमों में बच्चों के शोषण पर मनाही करते हुए सख्त हिदायत दी है, बरहाल मानवता को शर्मसार करता जनपद पंचायत प्रतापपुर का यह कार्यक्रम सम्पन्न तो हो गया लेकिन अब देखने की बात तो यह होगी कि बड़े अधिकारी इस मामले को किस तरह से देखते और कार्यवाही करते हैं।
 
 

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