हाथियों ने बिहारपुर क्षेत्र में ढाया कहर ,एक को उतारा मौत के घाट ,दो ने भाग कर बचाई जान

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सूरजपुर--जिले के सुदूर अंचल क्षेत्र चांदनी बिहारपुर क्षेत्र में बीते एक महीने से जंगली हाथियों का कहर जारी है एक तरफ हाथियों ने जहां दर्जनों किसानों की फसल को नष्ट कर दिया है वहीं दूसरी तरफ एक ग्रामीण को कुचलकर मौत के घाट उतार दिया है जिससे क्षेत्रीय ग्रामीणों में भय व्याप्त है।प्राप्त जानकारी के अनुसार चांदनी बिहारपुर के ग्राम पंचायत मोहरसोप में जंगली हाथी ने जवाहीर बैश्य पिता रामकृपाल उम्र लगभग 50 वर्ष को रात्रि लगभग 2:00 बजे हाथियों ने कुचल कर मौत के घाट उतार दिया वहीं मृतक के बेटे बहु ने भागकर झोपड़ी में छिपकर बचाई अपनी जान ।इस सम्बन्ध में मृतक के बेटे ने बताया की बीते रात लगभग रात्रि 2:00 बजे जंगली हाथीयो ने धान के खेत में आकर धान के फसल को खा रहे थे इसी दौरान मेरे पिताजी ,मैं स्वम तथा मेरी पत्नी खेत में जाकर देखें की जंगली हाथी फसल को खा रहे हैं ।इसी दौरान जंगली हाथी हम लोगो की ओर आने लगे एवम मेरे पिताजी को दौड़ाकर पटक दिया तथा लगभग 300 मीटर तक घसीट कर लाकर इतना बुरी तरह से कुचला की पहचान आने में भी मुश्किल हो रहा है ।वहीं मैं और मेरी पत्नी ने किसी तरह अपना जान बचाया ।वहीं ग्रामीणों द्वारा यह भी कहा जा रहा हैं की बिहारपुर के आसपास क्षेत्रो में जो हाथी प्रतापपुर के जंगल की ओर से आए हुए हैं उनकी संख्या 28 है। जिसको प्यारे हाथी दल के नाम से पुष्टी की गई है क्योंकि प्यारे हाथी के गले में ही पट्टा बंधा व जीपीएस लगा हुआ।गौरतलब है की चांदनी बिहारपुर के क्षेत्रों में हाथी लगातार फसल को क्षति तो पहुँचा ही रहे है साथ ही ग्रामीणों की जान को खतरा बने हुए है बिहारपुर क्षेत्र में पहले ही 40 हाथियों का दल बिहारपुर क्षेत्र में विचरित कर रहा था और अब प्रतापपुर के जंगली क्षेत्रों से 28 हाथियों का दल एक बार फिर क्षेत्र में आ धमके जो की बड़े-बड़े घटना को अंजाम दे रहे हैं । हाथी दिन में गुरु घासीदास नेशनल पार्क के जंगलों में रहते हैं। वन विभाग एवं गुरु घासीदास उद्यान विभाग द्वारा हाथियों को भगाने का कोई प्रयास नहीं किया जा रहा है और न ही क्षेत्र में गजराज वाहन की कोई व्यवस्था की गई है।

ग्रामीणों में  नाराजगी

गुरु घासीदास वन परिक्षेत्र महूली के रेंजर का कई महीनों से कार्यालय में दर्शन नही हुआ है। इतनी बड़ी घटना घट जाने बाद भी समाचार लिखे जाने तक वे घटनास्थल तक नहीं पहुंचे थे ।वहीं ग्रामीणों ने रेजर प आरोप लगाते हुए कहा की गुरु घासीदास उद्यान की ओर से आए जंगली हाथियों द्वारा बड़ी बड़ी तबाही मचाने के साथ ही फसलों को क्षतिग्रस्त किया जा रहा है लेकिन महुली रेंज के रेंजर हमेशा गायब रहते हैं और उनके मोबाइल पर फोन भी किया जाता है तो फोन भी रिसीव नही करते है जिससे स्थानीय ग्रामीणों में आक्रोश व्याप्त है।

किसानों की खड़ी  फसल को  हाथियों ने किया बर्बाद 

चांदनी बिहारपुर क्षेत्र के ग्राम कछिया के ग्रामीणों ने बताया की आसपास के गाँव मे हाथियों के द्वारा किसानों के धान फसल को पूरी तरह क्षतिग्रस्त किया गया है ।हाथी ईन दिनो गुरु घासीदास के जंगलों में दिन में डेरा जमाए हुए है जो की शाम होते ही गांव में आ जाते हैं। ग्रामीण लगातार एकजुट होकर आग जलाकर अपना जान बचा रहे हैं ।कई महीने से 32 जंगली हाथी का दल इन गांव में डेरा जमा कर बैठा हुए है। ग्रामीणों ने यह भी बताया कि वन विभाग द्वारा खानापूर्ति के लिए कुछ क्षतिग्रस्त मुआवजा राशि देने का नाम लेकर कागजो में लिख पढ़ कर हस्ताक्षर या अंगूठा ले लिया जाता है लेकिन इसके बावजूद भी हमारी फसल का उचित मुआवजा नहीं मिल पा रहा है जो की एक चिंता का विषय है । हाथियों को भगाने का भी कोई प्रयास अभी तक वन विभाग के जिम्मेदार अधिकारियों द्वारा नही किया गया है।

वही इस सम्बन्ध में विस्तृत जानकारी प्राप्त करने गुरु घासीदास राष्ट्रीय उद्यान मोहरसोप के वनपरिक्षेत्राधिकारी से उनके मोबाइल नम्बर पर संपर्क करने का कोशिश किया गया लेकिन उनके द्वारा फोन रिसीव नही किया गया ।

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