बिजली, पानी, सफाई को लेकर निगम की सभा में हंगामा

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रायपुर
नगर निगम वर्तमान कार्यपरिषद की आज आखिरी सामान्य सभा थी जब पांच साल सदन गरम रहा तो आखिरी दिन भला कैसे ठंडा रहता। पहले सत्र में अतिथि थे तब सब शांत थे और सदन की गरिमा को बरकरार रखा लेकिन जैसे ही अतिथि रवाना हुए शुरू हो गया असली नजारा। वार्डों की सफाई, बिजली, पानी व्यवस्था दूर करने एवं राशन कार्ड, पट्टा वितरित करने की मांग करते रहे। उनका कहना था कि इन विषयों पर प्रश्नकाल के पहले चर्चा कराई जाए।

नेता प्रतिपक्ष सूर्यकांत राठौर, उपनेता प्रतिपक्ष रमेश सिंह ठाकुर,मृत्युंजय दुबे  समेत अन्य विपक्षी पार्षदों ने वार्डों की आम समस्याओं पर चर्चा की मांग करते हुए कहा कि दिवाली में सड़कों पर अंधेरा छाया रहा। पेयजल सप्लाई ठप रही। सफाई बदहाल रही और यह स्थिति अभी तक बनी हुई है। इसके अलावा वार्डों में गरीबों को राशन दुकानों से 35 किलो चावल की जगह सिर्फ 10 किलो चावल मिल रहा है। पट्टे के लिए चलाए जा रहे सर्वे को बंद करा दिया गया है। यहां तक की सरकार की योजना शहर से झुग्गी बस्तियों को बाहर करने की चल रही है।

विपक्षी पार्षदों की इस मांग का सत्ता पक्ष कांग्रेस पार्षदों ने विरोध किया। एमआईसी सदस्य श्रीकुमार मेनन, सतनाम पनाग, एजाज ढेबर, समीर अख्तर, जसबीर ढिल्लन आदि ने कहा कि विपक्षी सदस्य किसी एक मुद्दे पर एक राय नहीं हो पा रहे हैं। ऐसे में सभापति किस मुद्दे पर चर्चा कराएं। सत्तापक्ष के पार्षदों की यह बात सुनते ही विपक्षी पार्षद भडक गए और दोनों पक्षों की ओर से सदन में जमकर हंगामा होता रहा।  दोनों पक्ष एक-दूसरे की बातों पर विरोध करते रहे।

सभापति प्रफुल्ल विश्वकर्मा ने दोनों पक्षों को शांत कराते हुए कहा कि यह सदन पिछले 5 वर्षों तक अच्छे ढंग से चली। यह अंतिम सभा है और इस सभा में वे सभी 70 पार्षदों को बोलने का मौका देंगे, चाहे उन्हें सदन दो दिन क्यों न चलानी पड़े। उन्होंने कहा कि प्रश्नकाल के बाद सभी पार्षदों को अपने वार्डों की समस्याओं और अपनी बात रखने का मौका देंगे। इस दौरान वे वहां की समस्याओं को सदन में रखते हुए उससे निगम शासन-प्रशासन को अवगत करा सकते हैं। सभापति के यह कहने पर दोनों पक्ष कुछ समय के लिए शांत रहे।

निगम की सामान्य सभा दोपहर करीब एक बजे शुरू हुई और दो घंटे तक वहां सत्ता और विपक्ष के पार्षद एक-दूसरे के खिलाफ नारेबाजी करते हुए हंगामा करते रहे। बीच में सभापति प्रफुल्ल विश्वकर्मा का साथ देते हुए एमआईसी सदस्य जसबीर सिंह ढिल्लन ने सभापति का अपमान नहीं सहेंगे कहते हुए नारेबाजी शुरू कर दी। उनका अन्य कांग्रेस पार्षदों ने भी साथ दिया। दोपहर 3 बजे सभा घंटे भर के लिए स्थगित कर दी गई।

सभापति प्रफुल्ल विश्वकर्मा ने बार-बार हंगामा और विरोध-प्रदर्शन  को देखते हुए एक नई व्यवस्था शुरू की, जिसे प्रोसिजर में भी लाया गया। कहा गया कि जो पार्षद सभापति डायस तक आएंगे या डायस पर चढ़ेंगे, वे स्वत:निलंबित माने जाएंगे। इस नई व्यवस्था का भाजपा पार्षद मीनल चौबे ने विरोध किया और कहा कि वे यह नई व्यवस्था को नहीं मानेंगी। सवालों, एजेंडों पर कोई चर्चा नहीं होते देख सभापति इन सवालों और मुद्दों पर चर्चा कराने का लगातार प्रयास करते रहे।

 

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