त्वचा से जुड़ी ये समस्याएं उम्र के असर को दोगुना कर देती हैं

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हमारी त्वचा की सेहत को स्थानीय मौसम, प्रदूषण, उमस, सूरज की रोशनी आदि के अलावा जेनेटिक्स भी प्रभावित करते हैं। त्वचा की सही देखभाल न करना या गलत ब्यूटी प्रोडक्ट्स इस्तेमाल करना भी इस पर  बुरा असर डालता है। कुछ त्वचा रोग संक्रमित भी होती हैं। आइए जानते हैं, त्वचा से जुड़ी कुछ आम बीमारियों और उनसे बचने के उपायों के बारे में

सोरायसिस
कभी-कभी शरीर का रोग प्रतिरोधी तंत्र गलत संदेश भेजने लगता है और इसके कारण त्वचा की कोशिकाएं तेजी से बढ़ने लगती हैं। इससे त्वचा पर लाल या सफेद चकत्ते दिखने लगते हैं। त्वचा से जुड़ी यह बीमारी सोरायसिस कहलाती है। यह बीमारी ठंड में ज्यादा होती है। वैसे सोरायसिस की समस्या मुख्य रूप से कोहनी व घुटने जैसे हिस्से में नजर आती है, पर यह शरीर के अन्य हिस्सों में भी फैल सकती है। राहत की बात यह है कि यह बीमारी संक्रामक नहीं है। शरीर में अचानक से होने वाला बदलाव या खराब जीवनशैली इसके लिए जिम्मेदार हैं।

उपाय
सोरायसिस से छुटकारा पाने के लिए हर रोज एंटी-बैक्टीरियल साबुन से त्वचा की सफाई करें और वहां मॉइस्चराइजर लगाएं। बेहतर है कि त्वचा रोग विशेषज्ञ की सलाह लेकर सही उपचार करें। लंबे समय तक इसकी अनदेखी करने पर दवाओं के साथ लाइट थेरेपी का सहारा भी लेना पड़ता है।

 मुहांसे
त्वचा को सेहतमंद रखने के लिए रोमछिद्रों और तेल का निर्माण करने वाले अंग के बीच तारतम्य होना जरूरी है। जब यह तारतम्य बंद हो जाता है और देखभाल की कमी में रोमछिद्र बंद हो जाते हैं, तो नतीजा एक्ने या पिंपल के रूप में सामने आता है। लगभग 60 प्रतिशत लोग एक्ने से पीड़ित हैं। एक्ने मुख्यत: चेहरे, छाती, गर्दन, पीठ और कंधों पर होते हैं। हार्मोन्स में उतार-चढ़ाव, जींस, वातावरण में बढ़ती नमी, ज्यादा पसीना आने व कुछ दवाओं के कारण ये हो सकते हैं।

उपाय
एक्ने ठीक करने के लिए प्रभावित हिस्से को दिन में दो से तीन बार एंटी-बैक्टीरियल फेस वॉश से धोएं। मॉइस्चराइजर लगाएं। दानों को रगड़े नहीं। अगर एक्ने ज्यादा हैं तो त्वचा विशेषज्ञ से परामर्श लें।

फंगल इन्फेक्शन
फंगस हवा, मिट्टी, पौधा, पानी…कहीं भी पैदा हो सकती है। त्वचा पर होने वाला फंगल इन्फेक्शन एक आम बीमारी है और तुरंत डॉक्टरी परामर्श लेने से इसका इलाज भी संभव है। पर, इस इन्फेक्शन के साथ मुख्य समस्या यह है कि फंगस को जड़ से खत्म कर पाना आसान नहीं है। एक बार होने के बाद बार-बार इसके होने की आशंका बढ़ जाती है।

ओटीसी यानी ओवर द काउंटर मिलने वाली क्रीम के ज्यादा इस्तेमाल से अब अधिकांश इन्फेक्शनों पर इन क्रीमों का असर होना बंद हो गया है। पहले जहां फंगल इन्फेक्शन पर 100 प्रतिशत तक काबू कर पाना संभव था, अब 50 प्रतिशत इन्फेक्शन ट्रीटमेंट के बावजूद लौट आते हैं। कमजोर रोग-प्रतिरोधक क्षमता वाले लोगों, बच्चों, बुजुर्गों के अलावा एड्स, एचआईवी, कैंसर और डायबिटीज के मरीजों को संक्रमण की आशंका अधिक होती है। ऐसे लोगों को भी इन्फेक्शन का खतरा होता है,  जिन्हें ज्यादा पसीना आता है, जो अधिक नमी वाली जगहों पर काम करते हैं, तंग कपड़े पहनते हैं या  इन्फेक्शन से पीड़ित व्यक्ति के संपर्क में आते हैं।

उपाय
त्वचा पर होने वाला फंगल इन्फेक्शन एक आम बीमारी है और तुरंत डॉक्टरी परामर्श लेने से इसका इलाज भी संभव है। पर, इस इन्फेक्शन के साथ मुख्य समस्या यह है कि फंगस को जड़ से खत्म कर पाना आसान नहीं है।

एक्जिमा
एक्जिमा लंबे समय तक पीड़ित को शिकार बनाने वाली बीमारी है। इसमें त्वचा के विभिन्न हिस्सों में न सिर्फ रैशेज होते हैं बल्कि उनमें बहुत खुजली भी होती है। एक्जिमा को डर्मटाइटिस भी कहते हैं। इस बीमारी में रैशेज व खुजली के अलावा प्रभावित त्वचा पतली होकर निकलने भी लगती है। इस बीमारी के लिए मुख्य रूप से जेनेटिक्स, सूरज की रोशनी से सीधा व लंबा संपर्क और अत्यधिक रूखी त्वचा जिम्मेदार है। बचपन में एक्जिमा के शिकार बच्चों को उम्र बढ़ने पर किशोरावस्था व युवावस्था में भी इस बीमारी के होने की आशंका बनी रहती है।

उपाय
एक्जिमा से छुटकारा पाने के लिए त्वचा को साफ रखने के साथ ही उसे नमी प्रदान करना जरूरी है। इस बात का ध्यान रखें कि आपकी त्वचा कभी रूखी न रहे। डॉक्टर द्वारा दिए गए निर्देशों का पालन करें।

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