ओडगी प्राथमिक शाला में छात्राओ को जान जोखिम में डाल कर मिल रही शिक्षा:कमिसन खोरी के चक्कर में कही छात्राओ के साथ न हो जाये गंभीर हादसा

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जोगी एक्सप्रेस 

ब्यूरो अजय तिवारी 

छात्राओ को अपनी जिंदगी संवारने अव्यवस्थाओ के बीच रहने को मजबूर  ,विभागीय अधिकारी बने मूकदर्शक 

बद से बद्दतर हालत में शिक्षा का मंदिर, जर्जर भवन में चल रहा अध्यन  

सूरजपुर :शासन प्रशासन द्वारा प्रतिभावान, निर्धन ,बेसहारा छात्र  छात्राओ को समुचित शिक्षा प्रदान करने के उद्देश्य से आश्रम ,छात्रवास,एवम आवासीय विद्यालय की स्थापना की गयी है ताकि कोई भी छात्र – छात्राएं  सुविधाओं के अभाव  पढ़ाई से वंचित न रह जाये लेकिन  विभागीय अधिकारियो की लापरवाही ,उदासिनता व कमीशनखोरी  से शासन प्रशासन की मंशा पर पानी फिर रहा है जिसका प्रत्यक्ष उदाहरण ब्लॉक मुख्यालय ओड़गी में बड़ी ही आसानी से देखा जा सकता है ।
प्राप्त जानकारी के अनुसार  क्षेत्रीय जनप्रतिनिधियो द्वारा ओड़गी ब्लॉक मुख्यालय स्थित कस्तूरबा गांधी आवासीय विद्यालय ,   कन्या आश्रम  प्राथमिक शाला , प्रीमेट्रिक  एवम पोस्ट मेट्रिक कन्या छात्रावास का निरीक्षण किया गया  जिसमे कस्तूरबा गांधी आवासीय विद्यालय में पाया गया कि   एक बिस्तर पर दो बच्चियां सो रही है , बिस्तरों की स्थिति भी बद से बदतर है जो की टूटे हुए है एवम उसमे बिछाए हुए गद्दे एवम चादर भी कई जगहों से फटे हुए है जिसे देख कर ऐसा लगता है कई  वर्षो से बदला नही गया है , कमरे में बिजली का तार भी अव्यवस्थित है जो की कई स्थानों से कटा हुआ है ,  कई बच्चियों बीमार पड़ी हुई है जिनका सुध लेने वाला कोई भी नही है ,कमरों में चारो तरफ गन्दगी व्याप्त है  ,कमरे की दीवारों को देखकर ऐसा लगता है कि कई वर्षों से इनका रंगरोगन भी नही किया गया है हद की बात तो यह है कि जहाँ पर बच्चियां रहती है वहाँ पर गन्दगी के कारण इतनी ज्यादा दुर्गन्ध है कि कोई भी आम व्यक्ति दो मिनट नही रह सकता है वही एक ऐसी बच्ची भी है  जिसका नाम सिताकुंवर है जो की अपनी पढ़ाई के खातिर जमीन पर सोने को मजबूर है  ।वहिं कन्या आश्रम  प्राथमिक शाला के छत का प्लास्टर भी कई जगहों से टूट कर गिर रहा है  जिसमें पढ़ने वाली छात्राये कभी भी दुर्घटना  का शिकार हो सकती है ।
इन सभी अवव्यस्थायो को देखते हुए जनप्रतिनिधियो ने तत्काल ओड़गी बीइओ जे.पी.साय एवम बीआरसी राजेश कुजूर को मौके पर तलब कर वस्तुस्थिति से अवगत करा नाराजगी जाहिर करते हुए त्वरित व्यवस्था में सुधार करने निर्देशित किया।
 सूत्रों की माने तो  ब्लॉक मुख्यालय से लेकर जिला तक के उच्च अधिकारी का  इन छात्रावासों ,आवासीय विद्यालय से हर माह कमीशन पहुचाया जाता है जिसकारण इन संस्थाओं  में इतनी अव्यवस्थाएं होने के बावजुद भी कोई कार्यवाही नही होती है ।वहिं उनका यह भी कहना है कि इनसे सम्बंधित कोई भी निर्माण या मरम्मत कार्य भी अधिकारी उन्ही व्यक्ति को देते है जिनसे इनको तगड़ा कमीशन  मिलता है जिस कारण इनके चहेतों  द्वारा अत्यंत ही घटिया कार्य कराया जाता है ।
वहिं कुछ स्थानीय जानकारों तो यह भी कहना है कि क्षेत्रीय  जनप्रतिनिधियो द्वारा तो हमेशा ही इन संस्थाओं का निरीक्षण किया जाता है लेकिन आजतक कभी भी उनके द्वारा इन संस्थाओं से सम्बंधित कोई भी अव्यवस्थाये इससे पूर्व नही बताई गई  ।वहिं उनका यह भी कहना है कि यदि आज भी स्थानीय मीडिया के लोगो को इस बात की  भनक नही लगी होती तो इस निरीक्षण का राज भी अन्य निरिक्षणो की तरह ही इन संस्थाओं के परिसर के भीतर ही दफन हो गया होता।
यहां पर सोचनीय तथ्य यह है कि  जब ब्लॉक मुख्यालय स्थित आश्रम ,छात्रावास,आवासीय विद्यालय की हालत इतनी दयनीय स्थिति में है तो ब्लॉक मुख्यालय अंतर्गत आने वाले दूर दराज की आश्रम ,छात्रावासों की क्या स्थिति होगी इस बात का अंदाजा कोई भी व्यक्ति बड़ी आसानी से लगा सकता है ।
अब इस मामले में देखना यह है कि क्या उच्च अधिकारियों द्वारा जांच करते हुए दोषी  पाये जाने पर ब्लॉक स्तर के अधिकारी और कर्मचारी के विरुद्ध कोई कार्यवाही की जाती है या  फिर उनको खुला संरक्षण दिया जाता है।

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