September 20, 2024

कौशल विकास के तहत तीन माह के प्रशिक्षण ने बदली 11 युवक-युवतियों की जिंदगी

0

धमतरी
युवावर्ग के हाथों को कुशल और प्रतिभाशाली बनाने शासन द्वारा कौशल विकास प्राधिकरण के तहत विभिन्न प्रकार के प्रशिक्षण कार्यक्रम संचालित किए जा रहे हैं, जिसके अंतर्गत रोजगार एवं स्वरोजगारमूलक तकनीकी एवं गैरतकनीकी पाठ्यक्रमों का प्रशिक्षण दिया जाता है। कौशल विकास कार्यक्रम के तहत कम्प्यूटर टैली एवं एकाउण्टिंग का मात्र तीन माह का प्रशिक्षण प्राप्त कर 11 बेरोजगार युवक-युवती आज अपने पैरों पर खड़े होकर अपनी तथा अपने परिवार की आय में योगदान दे रहे हैं।

धमतरी शहर एवं आसपास के गांव में रहने वाले श्री विनय निर्मलकर, सैयद अनस हाशमी, कु. कुमेश्वरी निर्मलकर, गुणवंत साहू, खिलेन्द्र देवांगन, नेहा तिवारी, निशा तिवारी, मो. मुजीबुर्ररहमान, ज्योति कोसरिया, राहुल देवांगन और धनंजय बघेल ने वर्ष 2016-17 एवं 2017-18 में स्थानीय व्हीटीपी सेंटर में कम्प्यूटर टैली एवं एकाउण्टिंग का 90 दिन का प्रशिक्षण प्राप्त किया। इस दौरान उन्हें टैली की बारीकियों को सैद्धांतिक एवं प्रायोगिक दोनों तरह का प्रशिक्षण मास्टर ट्रेनरों के द्वारा दिया गया। प्रशिक्षण प्राप्त इन प्रशिक्षुओं को समीप के ग्राम भटगांव में संचालित लघु एवं सूक्ष्म कुटीर उद्योग मंत्रालय भारत सरकार के अधीन खादी ग्रामोद्योग विकास संघ नामक संस्था में टैली-कम-डाटा एंट्री ऑपरेटर के तौर पर कार्य पर रखा गया।

उक्त संस्था के सचिव श्री प्रशांत कुमार घोष ने बताया कि उनके संस्थान में हाथकरघा (खादी) से निर्मित वस्त्रों का उत्पादन किया जाता है, जहां पर कॉटन के रेशे को खरीदकर उसे धागा बनाया जाता है, तत्पश्चात् ताना-बाना के जरिए कताई, बुनाई, कलरिंग के बाद उसे वस्त्र का रूप दिया जाता है। श्री घोष ने बताया कि संस्था की अलग-अलग युनिट में साधारण कोसा, टशर कोसा, कॉटन सहित विभिन्न प्रकार के खादी वस्त्र जैसे कुर्ता, पायजामा, पेंट, शर्ट बेडशीट, चादर, पायदान, रूमाल के अलावा अनेक प्रकार के कपड़े तैयार किए जाते हैं। वर्तमान में कॉटन निर्मित कपड़ों की पोशाक का चलन बढ़ने के कारण मार्केट में काफी इसकी डिमांड है। तकनीकी स्टाफ की भर्ती से कार्यालय का काम आसान हो गया है।

उन्होंने यह भी बताया कि इन सभी कार्यों के लिए टैली एवं एक्सेल ऑपरेटर की बड़े पैमाने पर आवश्यकता होती है। संस्था में बेरोजगार 11 युवाओं को प्रशिक्षण के उपरांत काम पर रखा गया। इतना ही नहीं, यहां पदस्थ सिक्योरिटी गॉर्ड और कुछेक स्टाफ को भी कौशल विकास योजना के तहत प्रशिक्षण प्राप्त करने वालों को प्राथमिकता से नियोजित किया गया है। इस प्रकार मुख्यमंत्री कौशल उन्नयन कार्यक्रम के अंतर्गत प्रशिक्षित होकर युवावर्ग न सिर्फ हुनरमंद और कुशल बन रहे हैं, अपितु वे रोजगार से जुड़कर आत्मनिर्भर भी हो गए हैं। इनमें से एक युवक शासकीय सेवक के तौर पर अपनी सेवाएं दे रहा है। सभी युवक-युवतियों का मानना है कि उक्त रोजगारोन्मुखी प्रशिक्षण के बाद उन्हें न सिर्फ तकनीकी कार्य सीखने को मिला, बल्कि वे नियोजित होकर आर्थिक रूप से सक्षम भी हुए हैं।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *