झाड़ू क्यों खरीदते है धनतेरस पर, जानें इससे जुड़ा कारण

0

हिंदुओं के लिए दिवाली का त्योहार बहुत खास होता है। पूरे साल वो इस पांच दिवसीय उत्सव का इंतजार करते हैं, जिसकी शुरुआत धनतेरस के साथ होती है। धनतेरस पर सिर्फ सोना, चांदी, गाड़ी या सिर्फ बर्तन की खरीदारी ही नहीं होती है। इस दिन आपने कई लोगों को नई झाड़ू की खरीदारी करते हुए भी जरूर देखा होगा।

धनतेरस पर दूसरी चीजों की तरह झाड़ू खरीदने की रिवायत भी जुड़ी हुई है। जिन लोगों की आर्थिक स्थिति ज्यादा खास नहीं है और वो ज्यादा महंगी चीजों की खरीदारी करने में असमर्थ हैं वो धनतेरस पर झाड़ू तो जरूर खरीदते ही हैं। जानते हैं कि आखिर लोग धनतेरस के दिन ही नई झाड़ू की खरीदारी क्यों करते हैं और क्या है इससे जुड़ी मान्यता।

माता लक्ष्मी का रूप
मत्स्य पुराण के अनुसार झाड़ू को माता लक्ष्मी का रूप माना गया है। इतना ही नहीं, ज्योतिष के एक संहिता ग्रंथ में झाड़ू को सुख-शांति में वृद्धि करने वाला तथा बुरी शक्तियों का नाश करने वाला बताया है। ऐसा माना गया है कि धनतेरस पर झाड़ू लाने से घर से दरिद्रता दूर होती है। इस दिन घर में नई झाड़ू के आने से कर्ज मुक्ति में भी मदद मिलती है।

झाड़ू की मदद से हुआ द्रौपदी का विवाह
भगवान श्रीकृष्ण ने महाभारत में झाड़ू से अर्जुन-द्रौपदी के विवाह होने, दुर्बलता से शक्ति प्राप्त करने और धनवान होने की कहानी को बताया है। ऐसा कहा जाता है कि द्रौपदी का विवाह अर्जुन से नहीं हो पा रहा था और उस समय एक टोटका किया गया और घर में झाड़ू से झाड़ लगायी गई थी। माना जाता है कि इसके बाद ही द्रौपदी और अर्जुन का विवाह हो पाया था।

घर में झाड़ू को ना रखें खड़ा
घर में झाड़ू को हमेशा छिपे हुए स्थान पर रखना चाहिए, जहां सबकी नजर ना पड़ती हो। झाड़ू को हमेशा लिटाकर रखें। माना जाता है कि झाड़ू खड़ा रखने से दुश्मन जीवन में तरह तरह की बाधाएं पैदा करते हैं। झाड़ू को घर में छिपकर तथा लिटाकर रखने से दुष्ट शक्तियों से बचाव होता है।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *