विप्रो के एंप्लॉयी की चांदी, 5,000 को प्रमोशन

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नई दिल्ली
कर्मचारियों को अपने साथ बनाए रखने के लिए दिग्गज आईटी कंपनी विप्रो इस साल दिसंबर तक 5,000 से अधिक एंप्लॉयी को प्रमोशन देगी। कंपनी बेहतर पद और पैसे की चाहत में डिजिटल कौशल से परिपूर्ण अपने कर्मचारियों को खोना नहीं चाहती है, जिसके लिए यह कदम उठा रही है, क्योंकि मार्केट में फिलहाल कौशल वाले युवाओं की भारी मांग है, बिल्कुल 2000 के शुरुआती वक्त की तरह।

विप्रो को लगा है बड़ा झटका
तीन-पांच साल के अनुभव वाले कई कर्मचारी विप्रो तथा इन्फोसिस को छोड़कर अन्य कंपनियों को जॉइन कर चुके हैं, क्योंकि ग्लोबल मार्केट में ऐसे कर्मचारियों की भारी मांग बनी हुई है। इन आईटी कंपनियों के ज्यादा से ज्यादा ग्राहक डिजिटल टेक्नॉलजी जैसे क्लाउड कंप्यूटिंग और आर्टिफिशल इंटेलिजेंस का रुख कर रहे हैं, इसलिए कंपनियां ऐसी टेक्नॉलजी के अनुभव वाले कर्मचारियों को अपने हाथ से नहीं निकलने देना चाहती।

ग्लोबल फर्म भी रेस में
प्रतिद्वंद्वी आईटी सर्विसेज कंपनियों के अलावा, भारत में अपना ठिकाना बनाने वाली ग्लोबल फर्म भी डिजिटल स्कील्स से लैस टैलेंस को लुभा रही हैं और देश में अपनी टीम का आकार बढ़ा रही हैं। विप्रो के प्रेजिडेंट तथा चीफ ह्यूमन रिसॉर्स ऑफिसर सौरभ गोविल ने ईटी से कहा कि 5,000 कर्मचारियों को प्रमोशन देने के अलावा उनकी सैलरी में अच्छी-खासी हाइक दी जाएगी।

फ्रेशर्स को रिटेंशन बोनस दिया
कंपनी ने कॉलेज कैंपसों से हायर किए गए उन फ्रेशर्स को एक लाख रुपये का रिटेंशन बोनस दिया था, जो कंपनी में एक साल पूरा कर चुके हैं। सितंबर तिमाही में विप्रो को छोड़ने वाले कर्मचारियों का अनुपात 17% रह गया है, जो इसकी पिछली तिमाही की तुलना में कम है। गोविल ने कहा, 'हमारे द्वारा किए जा रहे प्रयासों से कंपनी छोड़ने वाले लोगों की संख्या कम हुई है।'

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